डीईओ प्रारंभिक से जब इन शिक्षकों ने शिकायत की तो जवाब मिला उनकी तो जानकारी में ही नहीं है। जबकि जिला स्थापना समिति की बैठक में डीईईओ(वीआरएस ले चुके) ने जिला परिषद सीईओ और जिला प्रमुख से साफ कहा था कि एक भी अध्यापक स्थाईकरण से वंचित नहीं है। जिला परिषद सदस्य महेश दाधीच का कहना है कि डीईईओ ने जिला स्थापना समिति को स्पष्ट झूठ बोला। 40 के करीब शिक्षक ऐसे हैं जिनका स्थाईकरण नहीं किया गया।
वेतन-भत्तों में भी लाभ नहीं
वरीयता सूची में शामिल केपाटन ब्लॉक के शिक्षक अंकुरलाल मीणा, मनीष शर्मा, अंतिम कुमार जैन,दिव्या शर्मा, बत्तीलाल मीणा, सुरेशकुमार, धर्मेंद्र पंवार, रतन प्रभाकर, सुनीलकुमार, नैनवां ब्लॉक के आशीष ने रोष जताया।
शिक्षकों का स्थाईकरण क्यों नहीं हुआ, कोर्ट का मैटर है या अन्य कोई वजह। पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता सकूंगा। -उदालाल मेघवाल, कार्यवाहक डीईओ प्रारंभिक, बूंदी
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