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माइनस 23 नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने को चुनौती, कोर्ट ने मांगा जवाब

जोधपुर| राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2016 में गणित विषय में माइनस 23 व माइनस 9 अंक लाने पर भी चयन करने के मामले में राज्य सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।


याचिकाकर्ता मनीषा शर्मा की ओर से अधिवक्ता निधि शर्मा व अभिषेक शर्मा ने कोर्ट को बताया, कि कक्षा छह में पास होने के लिए बच्चों को 36 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक है, लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक को जीरो नंबर भी लाना आवश्यक नहीं है। प्रतियोगी परीक्षा में एक भी प्रश्न हल ना कर पाए, वो अभ्यर्थी सरकारी स्कूल में पढ़ाएंगे। अधिवक्ताओं ने यह भी तर्क दिया, कि राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय सेवा नियम में कनिष्ठ लिपिक के लिए सभी श्रेणियों में 40 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक है, लेकिन अध्यापकों के लिए ऐसा कोई मापदंड नहीं है। एक्स सर्विस श्रेणी व एससी श्रेणी में माइनस 23 व माइनस 9 अंक लाने पर भी चयन किया गया। इसमें नियम यह है कि योग्य अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं है तो रिक्त पद को अगले वर्ष में ले जाया जाता है, लेकिन वर्तमान भर्ती में अयोग्य को भी नियुक्ति दी जा रही है। जनहित याचिका में भास्कर में प्रकाशित माइनस 23 तक अंक पाने वाले शिक्षक भी अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाएंगे गणित शीर्षक के समाचार की प्रति भी पेश की गई है।

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