राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने
जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा की अगुवाई में अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन
सौंपकर जिला परिषद अध्यापक भर्ती 2012 13 में नियुक्त शिक्षकों के लंबित
एरियर का भुगतान कराने तथा स्थाईकरण कराए जाने सहित विभिन्न शिक्षक
समस्याओं के निराकरण की मांग रखी।
जिलामंत्री दिनेश चंद ने बताया कि अतिरिक्त जिला कलक्टर हरफूल सिंह यादव को प्रेषित ज्ञापन में लिखा कि जिला परिषद अध्यापक सीधी भर्ती 2012 के माध्यम से जिले में करीब 650 शिक्षकों को नियुक्ति मिली थी। सितंबर 2014 में इन शिक्षकों की ओर से 2 वर्ष का संतोषजनक परिवीक्षा काल पूर्ण कर लिया गया। जिस पर राज्य सरकार के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक की ओर से अप्रैल 2016 में इन शिक्षकों का नियमित वेतन श्रंखला में वेतन नियमितीकरण करने के साथ हाल ही में स्थाईकरण भी किया जा चुका है। इसके बाबजूद जिले के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बसेड़ी, बाड़ी, सैंपऊ, धौलपुर तथा राजाखेड़ा की ओर से शिक्षकों को सितम्बर 2014 से फरवरी 2016 तक के 18 माह की अवधि के एरियर का भुगतान नहीं किया जा रहा है। प्रति शिक्षक को एरियर के रूप में करीव ढाई लाख रुपए की राशि नकद मिलनी है, लेकिन 20 महीने बाद भी एरियर मिलने से शिक्षकों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। बीईईओ बजट उपलब्ध नहीं होने की बात कह कर शिक्षकों को टरका देते हैं। प्रतिनिधि मण्डल में हरीसिंह गुर्जर, चन्द्रशेखर शर्मा, उमेश कुमार, दिनेश गुधेनियां, पवन शर्मा, जसवंत गुर्जर, महेंद्र सिंह, मनीष गोयल, गौरव शर्मा, मानसिंह चंदेला, पंकज कुमार सिंह, सियाराम गौड़, कुलदीप शर्मा, सावन कुमार, सुरेन्द्र पोषबाल, रविन्द्र वर्मा, विशंभर दयाल शर्मा, सत्यप्रकाश जगरिया, राजेश कामबार, आमोद श्रीवास्तव सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
वहीं ज्ञापन में बताया गया कि कार्यालय में भ्रष्टाचार इस कदर फैला रखा है कि बीईईओ बिना पैसे के कोई कार्य नहीं करता। कुछ शिक्षकों से सुविधा शुल्क वसूलकर एरियर का भुगतान किया जा रहा है।
एरियर का भुगतान करने के आदेश जुलाई में ही हो गए
संघके प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से शासन उप सचिव शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी एवं ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को एरियर का भुगतान करने के 17 जुलाई को ही लिखित आदेश जारी किए जा चुके हैं। फिर भी भुगतान नहीं हो रहा। जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि संशोधित परीक्षा परिणाम से बाहर हुए करीब सवा सौ शिक्षकों का स्थाईकरण भी नहीं किया जा रहा है। जबकि उच्च न्यायालय एवं विभाग ने भी कई माह पूर्व आदेश भी दिए गए हैं। इतना ही नहीं 2015 में नियुक्त शिक्षकों जो दो वर्ष का परिबीक्षाकाल मार्च में ही पूर्ण कर चुके हैं उनके सात आठ माह के ऐरियर का नहीं भुगतान किया जा रहा और ही स्थाईकरण आदेश जारी किये जा रहे। और तो ओर सैंपऊ बीईईओ की ओर से तो नियुक्ति के तीन साल बाद भी सेवा पुस्तिकाएं नहीं बनाई जा रहीं और पिछले दो तीन डीए एरियर्स का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है।
जिलामंत्री दिनेश चंद ने बताया कि अतिरिक्त जिला कलक्टर हरफूल सिंह यादव को प्रेषित ज्ञापन में लिखा कि जिला परिषद अध्यापक सीधी भर्ती 2012 के माध्यम से जिले में करीब 650 शिक्षकों को नियुक्ति मिली थी। सितंबर 2014 में इन शिक्षकों की ओर से 2 वर्ष का संतोषजनक परिवीक्षा काल पूर्ण कर लिया गया। जिस पर राज्य सरकार के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक की ओर से अप्रैल 2016 में इन शिक्षकों का नियमित वेतन श्रंखला में वेतन नियमितीकरण करने के साथ हाल ही में स्थाईकरण भी किया जा चुका है। इसके बाबजूद जिले के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बसेड़ी, बाड़ी, सैंपऊ, धौलपुर तथा राजाखेड़ा की ओर से शिक्षकों को सितम्बर 2014 से फरवरी 2016 तक के 18 माह की अवधि के एरियर का भुगतान नहीं किया जा रहा है। प्रति शिक्षक को एरियर के रूप में करीव ढाई लाख रुपए की राशि नकद मिलनी है, लेकिन 20 महीने बाद भी एरियर मिलने से शिक्षकों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। बीईईओ बजट उपलब्ध नहीं होने की बात कह कर शिक्षकों को टरका देते हैं। प्रतिनिधि मण्डल में हरीसिंह गुर्जर, चन्द्रशेखर शर्मा, उमेश कुमार, दिनेश गुधेनियां, पवन शर्मा, जसवंत गुर्जर, महेंद्र सिंह, मनीष गोयल, गौरव शर्मा, मानसिंह चंदेला, पंकज कुमार सिंह, सियाराम गौड़, कुलदीप शर्मा, सावन कुमार, सुरेन्द्र पोषबाल, रविन्द्र वर्मा, विशंभर दयाल शर्मा, सत्यप्रकाश जगरिया, राजेश कामबार, आमोद श्रीवास्तव सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
वहीं ज्ञापन में बताया गया कि कार्यालय में भ्रष्टाचार इस कदर फैला रखा है कि बीईईओ बिना पैसे के कोई कार्य नहीं करता। कुछ शिक्षकों से सुविधा शुल्क वसूलकर एरियर का भुगतान किया जा रहा है।
एरियर का भुगतान करने के आदेश जुलाई में ही हो गए
संघके प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से शासन उप सचिव शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी एवं ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को एरियर का भुगतान करने के 17 जुलाई को ही लिखित आदेश जारी किए जा चुके हैं। फिर भी भुगतान नहीं हो रहा। जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि संशोधित परीक्षा परिणाम से बाहर हुए करीब सवा सौ शिक्षकों का स्थाईकरण भी नहीं किया जा रहा है। जबकि उच्च न्यायालय एवं विभाग ने भी कई माह पूर्व आदेश भी दिए गए हैं। इतना ही नहीं 2015 में नियुक्त शिक्षकों जो दो वर्ष का परिबीक्षाकाल मार्च में ही पूर्ण कर चुके हैं उनके सात आठ माह के ऐरियर का नहीं भुगतान किया जा रहा और ही स्थाईकरण आदेश जारी किये जा रहे। और तो ओर सैंपऊ बीईईओ की ओर से तो नियुक्ति के तीन साल बाद भी सेवा पुस्तिकाएं नहीं बनाई जा रहीं और पिछले दो तीन डीए एरियर्स का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है।
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