बीकानेर | स्कूलोंमें लागू किए गए स्टाफिंग पैटर्न के बाद अब शिक्षक-छात्र
अनुपात गड़बड़ा गया है। समीक्षा कर इसमें वापस सुधार करने सहित विभिन्न
मांगों को लेकर राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ (रेस्टा) ने बुधवार को शिक्षा
निदेशालय पर प्रदर्शन किया।
शिक्षा निदेशालय के समक्ष आयोजित धरने को संबोधित करते हुए शिक्षक नेताओं ने कहा कि स्टाफिंग पैटर्न लागू करने के लिए सरकार ने बड़ी संख्या में स्कूलों का एकीकरण कर दिया। इससे शिक्षक-छात्र संख्या का अनुपात गड़बड़ा गया है। उच्च माध्यमिक स्कूलों में हिंदी व्याख्याता की कमी है। डार्क जोन में तबादले नहीं किए जा रहे हैं। वक्ताओं ने अधिक नामांकन वाले स्कूलों में विज्ञान संकाय खोलने, 8500 से अधिक नामांकन वाले स्कूलों में उप प्रधानाचार्य के पद सृजित करने की मांग की। प्रदेशाध्यक्ष भैरूराम चौधरी, मदन गढ़वाल, महेन्द्र मंडा, बजरंग लायल, टोडाराम, शीशराम मीणा सहित अनेक शिक्षकों ने निदेशालय पर प्रदर्शन करने के बाद सहायक निदेशक अरुण शर्मा को मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
शिक्षा निदेशालय के समक्ष आयोजित धरने को संबोधित करते हुए शिक्षक नेताओं ने कहा कि स्टाफिंग पैटर्न लागू करने के लिए सरकार ने बड़ी संख्या में स्कूलों का एकीकरण कर दिया। इससे शिक्षक-छात्र संख्या का अनुपात गड़बड़ा गया है। उच्च माध्यमिक स्कूलों में हिंदी व्याख्याता की कमी है। डार्क जोन में तबादले नहीं किए जा रहे हैं। वक्ताओं ने अधिक नामांकन वाले स्कूलों में विज्ञान संकाय खोलने, 8500 से अधिक नामांकन वाले स्कूलों में उप प्रधानाचार्य के पद सृजित करने की मांग की। प्रदेशाध्यक्ष भैरूराम चौधरी, मदन गढ़वाल, महेन्द्र मंडा, बजरंग लायल, टोडाराम, शीशराम मीणा सहित अनेक शिक्षकों ने निदेशालय पर प्रदर्शन करने के बाद सहायक निदेशक अरुण शर्मा को मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
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