पाली. राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) की अगुवाई में शिक्षकों ने बुधवार को
कलक्ट्रेट के बाहर धरना प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम
जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर केन्द्र के समान वेतनमान देने की मांग की। ऐसा
नहीं करने पर सरकार को परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दी।
प्रदर्शन को लेकर जिलेभर से शिक्षक सुबह ही कलक्ट्रेट पहुंचना शुरू हो गए। कलक्ट्रेट के बाहर लगाया टैंट दोपहर बाद पूरा भर गया। वहां जिलाध्यक्ष अमरसिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार ने वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर नहीं किया है। सातवे वेतन आयोग में केन्द्र के समान वेतनमान तक नहीं दिया है। प्रदेश उपाध्यक्ष शिवदत्त आर्य ने कहा कि राज्य सरकार से हुए समझौते के अनुसार शिक्षकों को केन्द्र के समान वेतनमान व अन्य परिलाभ केन्द्र की ओर से तय तिथि से ही जाने चाहिए।
पुरानी पेंशन योजना होनी चाहिए लागू
प्रदेश प्रतिनिधि इब्राहिम भाटी ने कहा कि नवीन पेंशन योजना को समाप्त कर पूर्व की पेंशन योजना लागू की जानी चाहिए। उन्होंने पीपीपी मोड पर स्कूलों को देने का विरोध किया। राजस्थान कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह राठौड़ ने आन्दोलन को तेज करने का आह्वान किया। धरना स्थल पर जिला मंत्री ताराचंद शर्मा, गोविन्द नारायणसिंह, भंवरसिंह, श्यामलाल, चौपाराम, मानाराम, विरेन्द्र व्यास, नवरतन, केसरसिंह, अशोक, दिलीपसिंह आदि ने विचार रखे। इस मौके सुमेरसिंह, हीरादास, देवीसिंह, बीएल गर्ग, विजेन्द्र निर्मल, मंगलदास आदि मौजूद थे। इस दौरान अखिल राजस्थान सर्वशिक्षा अभियान कर्मचारी संघ की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में यह की मांगे
-सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें राज्य में भी केन्द्र के समान लागू की जाए
-परिलाभ 1 जनवरी 2016 से लागू कर एरियर का भुगतान नकद एक मुश्त किया जाए
-2012-13 में नियुक्त शिक्षकों के बकाया एरियर का भुगतान करने के लिए बजट आवंटित किया जाए
-अनुसूची 5 में की गई मूल वेतन कटौती को निरस्त किया जाए
-नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए
-पीपीपी मोड पर स्कूलों को देने की योजना पर रोक लगाई जाए
प्रदर्शन को लेकर जिलेभर से शिक्षक सुबह ही कलक्ट्रेट पहुंचना शुरू हो गए। कलक्ट्रेट के बाहर लगाया टैंट दोपहर बाद पूरा भर गया। वहां जिलाध्यक्ष अमरसिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार ने वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर नहीं किया है। सातवे वेतन आयोग में केन्द्र के समान वेतनमान तक नहीं दिया है। प्रदेश उपाध्यक्ष शिवदत्त आर्य ने कहा कि राज्य सरकार से हुए समझौते के अनुसार शिक्षकों को केन्द्र के समान वेतनमान व अन्य परिलाभ केन्द्र की ओर से तय तिथि से ही जाने चाहिए।
पुरानी पेंशन योजना होनी चाहिए लागू
प्रदेश प्रतिनिधि इब्राहिम भाटी ने कहा कि नवीन पेंशन योजना को समाप्त कर पूर्व की पेंशन योजना लागू की जानी चाहिए। उन्होंने पीपीपी मोड पर स्कूलों को देने का विरोध किया। राजस्थान कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह राठौड़ ने आन्दोलन को तेज करने का आह्वान किया। धरना स्थल पर जिला मंत्री ताराचंद शर्मा, गोविन्द नारायणसिंह, भंवरसिंह, श्यामलाल, चौपाराम, मानाराम, विरेन्द्र व्यास, नवरतन, केसरसिंह, अशोक, दिलीपसिंह आदि ने विचार रखे। इस मौके सुमेरसिंह, हीरादास, देवीसिंह, बीएल गर्ग, विजेन्द्र निर्मल, मंगलदास आदि मौजूद थे। इस दौरान अखिल राजस्थान सर्वशिक्षा अभियान कर्मचारी संघ की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में यह की मांगे
-सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें राज्य में भी केन्द्र के समान लागू की जाए
-परिलाभ 1 जनवरी 2016 से लागू कर एरियर का भुगतान नकद एक मुश्त किया जाए
-2012-13 में नियुक्त शिक्षकों के बकाया एरियर का भुगतान करने के लिए बजट आवंटित किया जाए
-अनुसूची 5 में की गई मूल वेतन कटौती को निरस्त किया जाए
-नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए
-पीपीपी मोड पर स्कूलों को देने की योजना पर रोक लगाई जाए
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