डूंगरपुर। पिछलेएक वर्ष से काउंसलिंग के माध्यम से जिले में करीब 600 से
अधिक शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा को मिले हंै। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के
अधिकांश एकल शिक्षक वाले स्कूल की शिक्षण व्यवस्था सुदढ़ हो गई है। वहीं
पंचायती राज विभाग की ओर से रिक्त स्कूलों के लिए सिर्फ गांव की स्कूल आती
हैं।
जिसके कारण शहर की स्कूलों के रिक्त पदों से परेशानी बढ़ गई हैं। जिससे इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को परेशानी हो रही हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से काउंसलिंग प्रक्रिया में सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र की रिक्त पदों को दिया जाता है। जिसके कारण शहर की स्कूलों के रिक्त पदों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस मामले को लेकर स्थानीय अधिकारियों ने बीकानेर मुख्यालय पर वार्ता की गई। जहां पर भर्ती पंचायतीराज विभाग के अधीन होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में ही नियुक्ति का प्रावधान दिया गया है। वहीं प्रारंभिक शिक्षा में स्थानांतरण की प्रक्रिया बंद कर रखी है। जिससे शहर की स्कूलों में कोई भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
^काउंसलिंग में रिक्त पदों की सूचना सीधे पोर्टल बीकानेर निदेशक कार्यालय से प्राप्त होती है। सरकार पहले ग्रामीण क्षेत्र को प्राथमिकता देती हैं। ऐसे में डूंगरपुर और सागवाड़ा शहर में नई नियुक्ति नहीं होती है। -मणिलाल छगण, डीईओ प्रारंभिक डूंगरपुर।
शहर के हर गली में निजी स्कूल
शहरमें सरकारी स्कूल सिर्फ 14 है। वहीं निजी स्कूल 30 से अधिक है। निजी स्कूल के पास सुसज्जित भवन, पर्याप्त स्टॉफ, आधुनिक शिक्षण पद्घति और प्रभावशाली मॉनिटरिंग है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में रिक्त पद होने के कारण उन्हें निजी स्कूलों से मुकाबला करने में परेशानी होती है।
शहर में कुल 14 स्कूल आती है, जिसमें कुल 95 पदों की स्वीकृति है इन पदों के विरुद्ध मात्र 61 शिक्षक कार्यरत है। जिसके कारण करीब 34 शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा परेशानी गणित और विज्ञान के पदों पर है। आठवीं तक की बोर्ड को पढ़ाने के लिए गणित और विज्ञान वर्ग के 39 पदों के लिए सिर्फ 21 शिक्षक कार्यरत है। जिससे करीब 18 पद खाली चलते है।
{ राप्रावि नंबर 16 सुभाषनगर स्कूल में कुल 3 शिक्षकों के पद स्वीकृत है। जहां अभी 1 शिक्षक के भरोसे चल रही है। यहां पर नामांकन भी 50 से अधिक बच्चों का है।
{ राउप्रावि गर्ल्स नवाडेरा: में कुल 6 पद स्वीकृत है। जिसमे नवाडेरा, सुरपुर, मोक्ष मार्ग, साबेला बाईपास और सिंटेक्स क्षेत्र की बालिकाओं के लिए एक मात्र आठवीं तक स्कूल है। जिसमें 6 पदों के विरुद्ध 3 शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं नामांकन 100 से अधिक है।
{ राउप्रावि गर्ल्स सोनिया चौक में भी आठवीं तक बालिकाओं की स्कूल संचालित है। यहां पर 6 पदों के विरुद्ध सिर्फ 2 ही शिक्षिका कार्यरत है। जिससे यहां पर पढ़ने वाली बच्चियों को परेशानी होती हैं।
{ राउप्रावि हरिजन बस्ती में भी 10 से अधिक बच्चों का नामांकन है। यहां पर 6 से अधिक पद स्वीकृत है। जिसके लिए मात्र 2 शिक्षक कार्यरत है।
जिसके कारण शहर की स्कूलों के रिक्त पदों से परेशानी बढ़ गई हैं। जिससे इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को परेशानी हो रही हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से काउंसलिंग प्रक्रिया में सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र की रिक्त पदों को दिया जाता है। जिसके कारण शहर की स्कूलों के रिक्त पदों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस मामले को लेकर स्थानीय अधिकारियों ने बीकानेर मुख्यालय पर वार्ता की गई। जहां पर भर्ती पंचायतीराज विभाग के अधीन होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में ही नियुक्ति का प्रावधान दिया गया है। वहीं प्रारंभिक शिक्षा में स्थानांतरण की प्रक्रिया बंद कर रखी है। जिससे शहर की स्कूलों में कोई भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
^काउंसलिंग में रिक्त पदों की सूचना सीधे पोर्टल बीकानेर निदेशक कार्यालय से प्राप्त होती है। सरकार पहले ग्रामीण क्षेत्र को प्राथमिकता देती हैं। ऐसे में डूंगरपुर और सागवाड़ा शहर में नई नियुक्ति नहीं होती है। -मणिलाल छगण, डीईओ प्रारंभिक डूंगरपुर।
शहर के हर गली में निजी स्कूल
शहरमें सरकारी स्कूल सिर्फ 14 है। वहीं निजी स्कूल 30 से अधिक है। निजी स्कूल के पास सुसज्जित भवन, पर्याप्त स्टॉफ, आधुनिक शिक्षण पद्घति और प्रभावशाली मॉनिटरिंग है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में रिक्त पद होने के कारण उन्हें निजी स्कूलों से मुकाबला करने में परेशानी होती है।
शहर में कुल 14 स्कूल आती है, जिसमें कुल 95 पदों की स्वीकृति है इन पदों के विरुद्ध मात्र 61 शिक्षक कार्यरत है। जिसके कारण करीब 34 शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा परेशानी गणित और विज्ञान के पदों पर है। आठवीं तक की बोर्ड को पढ़ाने के लिए गणित और विज्ञान वर्ग के 39 पदों के लिए सिर्फ 21 शिक्षक कार्यरत है। जिससे करीब 18 पद खाली चलते है।
{ राप्रावि नंबर 16 सुभाषनगर स्कूल में कुल 3 शिक्षकों के पद स्वीकृत है। जहां अभी 1 शिक्षक के भरोसे चल रही है। यहां पर नामांकन भी 50 से अधिक बच्चों का है।
{ राउप्रावि गर्ल्स नवाडेरा: में कुल 6 पद स्वीकृत है। जिसमे नवाडेरा, सुरपुर, मोक्ष मार्ग, साबेला बाईपास और सिंटेक्स क्षेत्र की बालिकाओं के लिए एक मात्र आठवीं तक स्कूल है। जिसमें 6 पदों के विरुद्ध 3 शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं नामांकन 100 से अधिक है।
{ राउप्रावि गर्ल्स सोनिया चौक में भी आठवीं तक बालिकाओं की स्कूल संचालित है। यहां पर 6 पदों के विरुद्ध सिर्फ 2 ही शिक्षिका कार्यरत है। जिससे यहां पर पढ़ने वाली बच्चियों को परेशानी होती हैं।
{ राउप्रावि हरिजन बस्ती में भी 10 से अधिक बच्चों का नामांकन है। यहां पर 6 से अधिक पद स्वीकृत है। जिसके लिए मात्र 2 शिक्षक कार्यरत है।
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