टीएसपी एरिया के संबंध में राज्यपाल की ओर से जारी
अधिसूचना को लेकर दायर एक याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को
नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
जस्टिस संगीत लोढा व जस्टिस विनीत
माथुर की खंडपीठ में डूंगरपुर की याचिकाकर्ता सुरेखा शर्मा ने इस मामले में
चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए
वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस सलूजा व उनकी सहयोगी अर्चना जोशी व हर्ष विश्नोई ने
पक्ष रखते हुए बताया कि याचिकाकर्ता ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए
आवेदन किया था, लेकिन उसे टीएसपी नहीं माना गया।
याचिकाकर्ता ने राज्यपाल द्वारा 6 जुलाई 2016 को संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत अधिसूचना जारी की थी। जिसको राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि यह चुनौती इस आधार पर दी गई है कि अनुसूची पांच के तहत राज्यपाल स्वयं नियमो में संशोधन नहीं कर सकते हैं वरन उसके लिए राष्ट्रपति से अनुमोदन लेना आवश्यक है, जो कि नहीं लिया गया है।
इस संसोधन से टीएसपी क्षेत्र में 01जनवरी 1970 से रहवास की शर्त भी अवैधानिक है क्योंकि इसके आधार पर यदि किसी प्रार्थी के पिता उसके बाद आए हैं परन्तु प्रार्थी का जन्म व शिक्षा समस्त टीएसपी क्षेत्र की है तो भी वह टीएसपी क्षेत्र में नियुक्ति के लिए अपात्र होगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए तीन जनवरी को जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता ने राज्यपाल द्वारा 6 जुलाई 2016 को संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत अधिसूचना जारी की थी। जिसको राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि यह चुनौती इस आधार पर दी गई है कि अनुसूची पांच के तहत राज्यपाल स्वयं नियमो में संशोधन नहीं कर सकते हैं वरन उसके लिए राष्ट्रपति से अनुमोदन लेना आवश्यक है, जो कि नहीं लिया गया है।
इस संसोधन से टीएसपी क्षेत्र में 01जनवरी 1970 से रहवास की शर्त भी अवैधानिक है क्योंकि इसके आधार पर यदि किसी प्रार्थी के पिता उसके बाद आए हैं परन्तु प्रार्थी का जन्म व शिक्षा समस्त टीएसपी क्षेत्र की है तो भी वह टीएसपी क्षेत्र में नियुक्ति के लिए अपात्र होगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए तीन जनवरी को जवाब मांगा है।
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