जोधपुर .
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में सामान्य संकाय के शिक्षकों के ६२ पदों पर
भर्ती के लिए रविवार को हुई लिखित परीक्षा में भारी गड़बड़ी सामने आई है।
विधि के प्रश्नपत्र में पूछे गए सभी १०० के १०० प्रश्न पिछले चार सालों में यूजीसी-नेट परीक्षा के प्रश्नपत्र से कॉपी कर लिए गए। एेसे में जिन अभ्यर्थी ने इन चार सालों के नेट प्रश्न पत्रों का रट्टा मार लिया, उनके सौ में से सौ नम्बर आना तय लग रहा है। यहां तक कि ये सभी प्रश्नपत्र आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
विवि ने कला, वाणिज्य, विज्ञान और विधि संकाय में शिक्षकों के ६२ पदों की भर्ती के लिए रविवार दोपहर एक बजे से अपराह्न चार बजे तक लिखित परीक्षा ली थी। इसमें विधि संकाय में शिक्षकों के सात पद हैं। प्रश्नपत्र में सभी १०० प्रश्न वस्तुनिष्ठ थे। ये सभी प्रश्न यूजीसी-नेट परीक्षा जून व दिसम्बर २०१३, जून २०१४, सीबीएसई-नेट परीक्षा जुलाई २०१६ और जनवरी २०१७ के प्रश्नपत्रों में से हुबहू कॉपी कर लिए गए। नेट के वर्ष २०१३ एवं २०१४ के पुराने प्रश्नपत्र यूजीसी तथा वर्ष २०१६ व २०१७ के प्रश्नपत्र सीबीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इस प्रकार नेट के कुल ४०० प्रश्नों में से विवि की शिक्षक भर्ती में१०० प्रश्न आए हैं।
तर्क और काल्पनिक कथन-कारण प्रश्न छोड़े
विवि के प्रश्नपत्र बनाने वाले प्रोफेसरों ने यूजीसी-नेट के पेपर कॉपी करने के दौरान भी आलस्य बरता। यूजीसी-नेट के वही प्रश्न कॉपी कर प्रश्नपत्र में दिए गए जिनका आसान व सीधे शब्दों में उत्तर था। तर्कशक्ति और काल्पनिक कथन-कारण से जुड़े अपेक्षाकृत कठिन प्रश्नों छोड़ दिया गया।
अन्य विषयों के भी यही हाल
सूत्रों के मुताबिक कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय के विभिन्न प्रश्नपत्रों को भी यूजीसी-नेट व सीएसआईआर-नेट के प्रश्न पत्रों से काफी हद तक कॉपी किया गया है। एेसे में विवि की ओर से शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजन को लेकर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रश्नपत्र के बारे में पता नहीं
शिक्षक भर्ती परीक्षा में विधि संकाय के प्रश्नपत्र के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। न तो मैंने प्रश्नपत्र तैयार किया और न ही विवि ने मुझसे इस संबंध में कोई राय ली।
- प्रो. चंदनबाला, डीन, विधि संकाय, जेएनवीयू
विधि के प्रश्नपत्र में पूछे गए सभी १०० के १०० प्रश्न पिछले चार सालों में यूजीसी-नेट परीक्षा के प्रश्नपत्र से कॉपी कर लिए गए। एेसे में जिन अभ्यर्थी ने इन चार सालों के नेट प्रश्न पत्रों का रट्टा मार लिया, उनके सौ में से सौ नम्बर आना तय लग रहा है। यहां तक कि ये सभी प्रश्नपत्र आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
विवि ने कला, वाणिज्य, विज्ञान और विधि संकाय में शिक्षकों के ६२ पदों की भर्ती के लिए रविवार दोपहर एक बजे से अपराह्न चार बजे तक लिखित परीक्षा ली थी। इसमें विधि संकाय में शिक्षकों के सात पद हैं। प्रश्नपत्र में सभी १०० प्रश्न वस्तुनिष्ठ थे। ये सभी प्रश्न यूजीसी-नेट परीक्षा जून व दिसम्बर २०१३, जून २०१४, सीबीएसई-नेट परीक्षा जुलाई २०१६ और जनवरी २०१७ के प्रश्नपत्रों में से हुबहू कॉपी कर लिए गए। नेट के वर्ष २०१३ एवं २०१४ के पुराने प्रश्नपत्र यूजीसी तथा वर्ष २०१६ व २०१७ के प्रश्नपत्र सीबीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इस प्रकार नेट के कुल ४०० प्रश्नों में से विवि की शिक्षक भर्ती में१०० प्रश्न आए हैं।
तर्क और काल्पनिक कथन-कारण प्रश्न छोड़े
विवि के प्रश्नपत्र बनाने वाले प्रोफेसरों ने यूजीसी-नेट के पेपर कॉपी करने के दौरान भी आलस्य बरता। यूजीसी-नेट के वही प्रश्न कॉपी कर प्रश्नपत्र में दिए गए जिनका आसान व सीधे शब्दों में उत्तर था। तर्कशक्ति और काल्पनिक कथन-कारण से जुड़े अपेक्षाकृत कठिन प्रश्नों छोड़ दिया गया।
अन्य विषयों के भी यही हाल
सूत्रों के मुताबिक कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय के विभिन्न प्रश्नपत्रों को भी यूजीसी-नेट व सीएसआईआर-नेट के प्रश्न पत्रों से काफी हद तक कॉपी किया गया है। एेसे में विवि की ओर से शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजन को लेकर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रश्नपत्र के बारे में पता नहीं
शिक्षक भर्ती परीक्षा में विधि संकाय के प्रश्नपत्र के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। न तो मैंने प्रश्नपत्र तैयार किया और न ही विवि ने मुझसे इस संबंध में कोई राय ली।
- प्रो. चंदनबाला, डीन, विधि संकाय, जेएनवीयू
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