भास्कर संवाददाता | पाली/सेंदड़ा ग्राम पंचायतों में सहायक भर्ती में गड़बडिय़ों को लेकर विद्यार्थी
मित्रों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के सामने धरना- प्रदर्शन किया। इस मौके
पर उन्होंने सरकार की सद्धबुद्धि के लिए यज्ञ किया। इस दौरान विद्यार्थी
मित्रों ने भर्ती को रद्द करने की मांग की।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की और से विद्यार्थी मित्रों के लिए भी ग्राम पंचायत सहायक की भर्ती निकाली गई थी, लेकिन ग्राम पंचायतों में अधिकारियों जनप्रतिनिधियों ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया गया। जबकि जो योग्य थे, उन्हें दरकिनार किया गया। वहीं इस भर्ती को लेकर मिलीभगत भाई भतीजावाद की शिकायतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। सेंदड़ा क्षेत्र के काणुजा ग्राम पंचायत में वार्डपंच सुखदेव खत्री का ही पंचायत सहायक के रूप में चयन कर दिया। उसने पंचायत सहायक का कार्यग्रहण भी ग्रहण कर लिया। चौंकाने वाली बात यह कि पंचायत सहायक बनने के 5 दिन बाद भी अभी तक वार्डपंच पद से इस्तीफा नहीं दिया है। सेंदड़ा की ग्राम सेवक अंजू कालवा ने बताया कि अब तक वार्डपंच सुखदेव खत्री ने इस्तीफा नहीं दिया। वहीं सुखदेव खत्री इस्तीफा देने का दावा कर रहे हैं।
कलेक्टर के पास कोई अधिकारिक आदेश नहींं
इधर,पूरे मामले को लेकर कलेक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि इस मामले में उनके पास कोई स्पष्ट आदेश नहीं है। सरकार की और गाइडलाइन मिलने के बाद ही संबंधित अधिकारियो को बुलाकर मामले का निस्तारण करेंगे।
डीईओ ऑफिस सिर्फ परिवेदनाएं ले रहा है निस्तारण होगा या नही कोई निर्णय नही
इनदिनों जिले की कई ग्राम पंचायतों से डीईओ प्रांरभिक के पास परिवेदनाएं रही है। इन परिवेदनाओं को डीईओ ऑफिस में लिया जरूर है। लेकिन इनका निस्तारण करेंगे। इसको लेकर तो डीईओ के पास इसका जबाव है। ही किसी अन्य अधिकारी के पास है।
बूसी ग्राम पंचायत में पीईईओ धन्नाराम परिहार का कहना है कि ग्राम पंचायत में पूरी पारदर्शिता के साथ पंचायत सहायक के पदों पर चयन किया गया। तीनों पंचायत सहायकों का चयन उनकी योग्यता के अनुसार ही किया गया है। साथ ही चयनित सहायक हिम्मताराम से दूर-दूर तक उनकी कोई रिश्तेदारी नहीं है। परिहार ने बताया कि हिम्मताराम रिश्तेदार होना तो दूर हमारी जाति का भी नहीं। हिम्मताराम घांची समाज से है। उसके पास 6 साल का अनुभव है। गौरतलब है कि पंचायत में गड़बडिय़ों की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। परिहार ने इन आरोपों काे झूंठा बताया। वहीं सांवलता में चयनित पंचायत सहायक सरपंच पति भवानीसिंह ने बताया कि उनका चयन योग्यता के अनुसार चयन हुआ। वह 6 साल से विद्यार्थी मित्र है। पंचायत में तीनों सहायक विद्यार्थी मित्र ही बने हैं। उनकी पंचायत में 19 आवेदन आए थे। उनमें से उनका चयन योग्यता के अनुसार ही हुआ है, सरपंच पति होना कोई गुनाह नहींं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की और से विद्यार्थी मित्रों के लिए भी ग्राम पंचायत सहायक की भर्ती निकाली गई थी, लेकिन ग्राम पंचायतों में अधिकारियों जनप्रतिनिधियों ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया गया। जबकि जो योग्य थे, उन्हें दरकिनार किया गया। वहीं इस भर्ती को लेकर मिलीभगत भाई भतीजावाद की शिकायतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। सेंदड़ा क्षेत्र के काणुजा ग्राम पंचायत में वार्डपंच सुखदेव खत्री का ही पंचायत सहायक के रूप में चयन कर दिया। उसने पंचायत सहायक का कार्यग्रहण भी ग्रहण कर लिया। चौंकाने वाली बात यह कि पंचायत सहायक बनने के 5 दिन बाद भी अभी तक वार्डपंच पद से इस्तीफा नहीं दिया है। सेंदड़ा की ग्राम सेवक अंजू कालवा ने बताया कि अब तक वार्डपंच सुखदेव खत्री ने इस्तीफा नहीं दिया। वहीं सुखदेव खत्री इस्तीफा देने का दावा कर रहे हैं।
कलेक्टर के पास कोई अधिकारिक आदेश नहींं
इधर,पूरे मामले को लेकर कलेक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि इस मामले में उनके पास कोई स्पष्ट आदेश नहीं है। सरकार की और गाइडलाइन मिलने के बाद ही संबंधित अधिकारियो को बुलाकर मामले का निस्तारण करेंगे।
डीईओ ऑफिस सिर्फ परिवेदनाएं ले रहा है निस्तारण होगा या नही कोई निर्णय नही
इनदिनों जिले की कई ग्राम पंचायतों से डीईओ प्रांरभिक के पास परिवेदनाएं रही है। इन परिवेदनाओं को डीईओ ऑफिस में लिया जरूर है। लेकिन इनका निस्तारण करेंगे। इसको लेकर तो डीईओ के पास इसका जबाव है। ही किसी अन्य अधिकारी के पास है।
बूसी ग्राम पंचायत में पीईईओ धन्नाराम परिहार का कहना है कि ग्राम पंचायत में पूरी पारदर्शिता के साथ पंचायत सहायक के पदों पर चयन किया गया। तीनों पंचायत सहायकों का चयन उनकी योग्यता के अनुसार ही किया गया है। साथ ही चयनित सहायक हिम्मताराम से दूर-दूर तक उनकी कोई रिश्तेदारी नहीं है। परिहार ने बताया कि हिम्मताराम रिश्तेदार होना तो दूर हमारी जाति का भी नहीं। हिम्मताराम घांची समाज से है। उसके पास 6 साल का अनुभव है। गौरतलब है कि पंचायत में गड़बडिय़ों की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। परिहार ने इन आरोपों काे झूंठा बताया। वहीं सांवलता में चयनित पंचायत सहायक सरपंच पति भवानीसिंह ने बताया कि उनका चयन योग्यता के अनुसार चयन हुआ। वह 6 साल से विद्यार्थी मित्र है। पंचायत में तीनों सहायक विद्यार्थी मित्र ही बने हैं। उनकी पंचायत में 19 आवेदन आए थे। उनमें से उनका चयन योग्यता के अनुसार ही हुआ है, सरपंच पति होना कोई गुनाह नहींं।
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