कोटा. राजस्थान
तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) में शाम को एंटी करप्शन ब्यूरो के छापे की
अफवाह उड़ी। सोशल मीडिया पर सूचनाएं तैरने लगीं कि डीन फेकल्टी अफेयर्स
ऑफिस पर शाम को एसीबी ने छापा मारा है। जिसके बाद विवि में हड़कंप मच गया।
गौरतलब है कि आरटीयू में कई शिक्षकों को पीएचडी किए बिना ही नियुक्ति दे दी गई। मामले का खुलासा हुआ तो आरटीयू के आला अफसरों ने उनका बचाव करते हुए पीएचडी करने की अनुमति जारी कर दी। इन शिक्षकों को शैक्षणिक योग्यता अर्जित करने के लिए आठ साल का वक्त दिया गया था, लेकिन इस दौरान यह लोग पीएचडी पूरी नहीं कर सके। इसके बावजूद आरटीयू प्रशासन ने इन शिक्षकों को ना सिर्फ प्रमोशन दे दिया बल्कि बढ़ा हुआ वेतनमान भी जारी कर दिया।
मामला शासन स्तर पर उछला तो सभी शिक्षकों से रिकवरी करने के आदेश जारी कर दिए गए, लेकिन आरटीयू प्रशासन ने इसके बाद भी शिक्षकों को रियायत देने का रास्ता तलाश लिया। पिछले दिनों इसकी कुछ लोगों ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवा दी।
जिसके बाद शुक्रवार शाम को बड़ी तेजी से अफवाह फैली कि एसीबी कोटा की टीम ने आरटीयू परिसर स्थित डीन फेकल्टी अफेयर्स के दफ्तर में छापा मारा है। जिसके बाद स्थानीय पुलिस, आरटीयू शिक्षक-कर्मचारी और मीडिया कर्मी परिसर की ओर दौड़ पडे, लेकिन वहां जाकर पता चला कि छापे की जानकारी महज अफवाह थी।
गौरतलब है कि आरटीयू में कई शिक्षकों को पीएचडी किए बिना ही नियुक्ति दे दी गई। मामले का खुलासा हुआ तो आरटीयू के आला अफसरों ने उनका बचाव करते हुए पीएचडी करने की अनुमति जारी कर दी। इन शिक्षकों को शैक्षणिक योग्यता अर्जित करने के लिए आठ साल का वक्त दिया गया था, लेकिन इस दौरान यह लोग पीएचडी पूरी नहीं कर सके। इसके बावजूद आरटीयू प्रशासन ने इन शिक्षकों को ना सिर्फ प्रमोशन दे दिया बल्कि बढ़ा हुआ वेतनमान भी जारी कर दिया।
मामला शासन स्तर पर उछला तो सभी शिक्षकों से रिकवरी करने के आदेश जारी कर दिए गए, लेकिन आरटीयू प्रशासन ने इसके बाद भी शिक्षकों को रियायत देने का रास्ता तलाश लिया। पिछले दिनों इसकी कुछ लोगों ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवा दी।
जिसके बाद शुक्रवार शाम को बड़ी तेजी से अफवाह फैली कि एसीबी कोटा की टीम ने आरटीयू परिसर स्थित डीन फेकल्टी अफेयर्स के दफ्तर में छापा मारा है। जिसके बाद स्थानीय पुलिस, आरटीयू शिक्षक-कर्मचारी और मीडिया कर्मी परिसर की ओर दौड़ पडे, लेकिन वहां जाकर पता चला कि छापे की जानकारी महज अफवाह थी।
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