जयपुर, 28 अप्रेल। शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि विद्यार्थियों को भगवान परशुराम के आदर्शों से अवगत कराने के लिए आगामी सत्र से पाठ्यपुस्तकों में महर्षि परशुराम का पाठ भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि महर्षि परशुराम से संबंधित रचनाएं भी सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों में रखवाई जाएगी।
श्री देवनानी ने कहा कि भगवान परशुराम के जीवन चरित्र एवं आदशोर्ं से युवा पीढ़ी को सीख लेने की आवश्यकता है।
श्री देवनानी से उनके निवास पर शुक्रवार को विप्र फाउण्डेशन, राजस्थान के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर उन्हें भगवान श्री परशुराम संबंधित रचनाओं को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने का अनुरोध किया था।
श्री देवनानी से मिलने आए विप्र फाउण्डेशन के प्रदेश सह-संयोजक श्री विनोद अमन, जयपुर के जिलाध्यक्ष श्री केदार शर्मा, श्री जुगल शर्मा, श्री देवी शंकर, श्री वीरेन्द्र, जितेन्द्र, श्री राजेश आदि प्रतिनिधियों ने भगवान श्री परशुराम के जीवन चरित्र को पाठ्यक्रम को प्रदेश के विद्यालयी पाठ्यक्रम में जोड़े जाने के निर्णय के प्रति आभार जताया। उन्होंने संवाद के दौरान शिक्षा राज्य मंत्री श्री देवनानी की सहृदयता, धर्म और धर्मगुरूओं के प्रति आदर भाव की सराहना भी की तथा कहा कि उनके शिक्षा मंत्री काल में धर्म-संस्कृति से नई पीढ़ी को जोड़े जाने का महत्ती कार्य हुआ है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने भगवान श्री परशुराम को शस्त्र और शास्त्र के अद्भुत ज्ञाता बताते हुए कहा कि जब-जब धर्म पर संकट आया, परशुराम ने अपना अद्वितीय योगदान दिया। उन्होंने परशुराम को भारतीय संस्कृति के अनूठे महर्षि बताते हुए उनके योगदान से सभी को प्रेरणा लेने का भी आह्वान किया है।
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श्री देवनानी ने कहा कि भगवान परशुराम के जीवन चरित्र एवं आदशोर्ं से युवा पीढ़ी को सीख लेने की आवश्यकता है।
श्री देवनानी से उनके निवास पर शुक्रवार को विप्र फाउण्डेशन, राजस्थान के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर उन्हें भगवान श्री परशुराम संबंधित रचनाओं को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने का अनुरोध किया था।
श्री देवनानी से मिलने आए विप्र फाउण्डेशन के प्रदेश सह-संयोजक श्री विनोद अमन, जयपुर के जिलाध्यक्ष श्री केदार शर्मा, श्री जुगल शर्मा, श्री देवी शंकर, श्री वीरेन्द्र, जितेन्द्र, श्री राजेश आदि प्रतिनिधियों ने भगवान श्री परशुराम के जीवन चरित्र को पाठ्यक्रम को प्रदेश के विद्यालयी पाठ्यक्रम में जोड़े जाने के निर्णय के प्रति आभार जताया। उन्होंने संवाद के दौरान शिक्षा राज्य मंत्री श्री देवनानी की सहृदयता, धर्म और धर्मगुरूओं के प्रति आदर भाव की सराहना भी की तथा कहा कि उनके शिक्षा मंत्री काल में धर्म-संस्कृति से नई पीढ़ी को जोड़े जाने का महत्ती कार्य हुआ है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने भगवान श्री परशुराम को शस्त्र और शास्त्र के अद्भुत ज्ञाता बताते हुए कहा कि जब-जब धर्म पर संकट आया, परशुराम ने अपना अद्वितीय योगदान दिया। उन्होंने परशुराम को भारतीय संस्कृति के अनूठे महर्षि बताते हुए उनके योगदान से सभी को प्रेरणा लेने का भी आह्वान किया है।
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