जयपुर। राजस्थान
हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2016 को रद्द कर दिया है। अदालत ने
नए सिरे से विज्ञापन जारी करते हुए चार माह में भर्ती प्रकिया पूरी करने
के आदेश दिए हैं। भर्ती के लिए करीब पांच लाख अभ्यर्थियों ने आॅनलाइन आवेदन
किया था और इससे करीब 13 हजार शिक्षकों की भर्ती होनी थी।
राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 13 हजार पदों के लिए रिक्तियां निकाली थी और रीट के अंकों के आधार पर मेरिट तैयार कर भर्ती होनी थी। इसके लिए करीब पांच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे।
इस भर्ती के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि भर्ती रीट के आधार पर तैयार मेरिट से नहीं हो सकती है।
रीट में किसी विषय के विशेषज्ञ होने की जानकारी सामने नहीं आ सकती है। भर्ती स्नातक और बीएड के विषय और उसके अंकों को शामिल करते हुए होनी चाहिए ताकि विशेष विषय के पूरे ज्ञान का मूल्यांकन हो सके।
राज्य सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि विषय ज्ञान के बाद रीट के जरिए समग्र मूल्यांकन होता है जिसके आधार पर भर्ती की जा रही है दोनों पक्षों को सुनने के बाद बीते दिनों कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इसपर गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नन्द्राजोग की खंडपीठ ने सुरक्षित रखा फैसला सुनाया।
इनका कहना है
राज्य सरकार भर्ती रीट अंकों के आधार पर करने जा रही थी, जबकि इसमें बीए बीएड के अंकों को भी शामिल किया जाना चाहिए था। इसी आधार पर याचिका दायर की थी और आज कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करते हुए नए सिरे से विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया है। - एडवोकेट विज्ञान शाह याचिकाकर्ता के वकील
राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 13 हजार पदों के लिए रिक्तियां निकाली थी और रीट के अंकों के आधार पर मेरिट तैयार कर भर्ती होनी थी। इसके लिए करीब पांच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे।
इस भर्ती के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि भर्ती रीट के आधार पर तैयार मेरिट से नहीं हो सकती है।
रीट में किसी विषय के विशेषज्ञ होने की जानकारी सामने नहीं आ सकती है। भर्ती स्नातक और बीएड के विषय और उसके अंकों को शामिल करते हुए होनी चाहिए ताकि विशेष विषय के पूरे ज्ञान का मूल्यांकन हो सके।
राज्य सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि विषय ज्ञान के बाद रीट के जरिए समग्र मूल्यांकन होता है जिसके आधार पर भर्ती की जा रही है दोनों पक्षों को सुनने के बाद बीते दिनों कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इसपर गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नन्द्राजोग की खंडपीठ ने सुरक्षित रखा फैसला सुनाया।
इनका कहना है
राज्य सरकार भर्ती रीट अंकों के आधार पर करने जा रही थी, जबकि इसमें बीए बीएड के अंकों को भी शामिल किया जाना चाहिए था। इसी आधार पर याचिका दायर की थी और आज कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करते हुए नए सिरे से विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया है। - एडवोकेट विज्ञान शाह याचिकाकर्ता के वकील
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