उदयपुर.किसी
समय राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल बलीचा की दीवारों से चूना भरभरा कर गिरता
था, न बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था थी और न ही सुविधाएं। लैब में बारिश
का पानी आने से कम्प्यूटर व अन्य उपकरण खराब हो रहे थे। पुस्तकालय भी बस
नाम का था लेकिन स्टाफ की अथक मेहनत और भामाशाह के सहयोग से अब पूरा स्कूल
प्राइवेट स्कूल जैसा बन गया है। यहां बच्चों की मॉनिटरिंग सीसीटीवी कैमरों
से होती है। पीने के लिए आरओ वाटर कूलर लगाए गए हैं।
इसके
अलावा बोर्ड परीक्षा का परिणाम सुधारने के लिए एक्सट्रा क्लास भी लगाई
जाती है। इसके लिए स्कूल के स्टाफ ने भामाशाहों से चंदा जुटाया। विधायक मद
से भी मदद मिली तो स्कूल की खराब स्थिति सुधर गई। इस सत्र में 483
विद्यार्थियों ने स्कूल में प्रवेश लिया है। जबकि पिछले वर्ष 350 से कम का
नामांकन था। स्कूल की प्रिंसिपल अंजू कोठारी का कहना है कि पिछले साल इस
स्कूल की खराब स्थिति थी।
इसके
बाद स्टाफ ने मिलकर भामाशाहों से संपर्क साधना शुरू किया। भामाशाहों से
करीब 3 लाख रुपए, विधायक मद से 4 लाख 50 हजार और शिक्षकों ने मिलकर
विद्यालय में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं करवाई।विद्यालय को पूरी तरह से
स्कूल को मॉर्डन स्कूल का रूप देने का प्रयास कर रहे हैं।
रमसा से बनाए 21 लाख के 5 कमरे, इस साल 80 प्रतिशत परिणाम आने की संभावना
उन्होंने बताया कि स्कूल में कक्षा कक्ष की कमी थी इसी कारण पिछले वर्ष राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से स्कूल में 21 लाख के बजट से 5 कमरे बनवाएं गए हैं। साथ ही एक शिक्षक ने आरओ वॉटर कूलर और सभी कक्षा कक्ष में पंखे भेंट किए। पिछले वर्ष 10वीं कक्षा का परिणाम 50 प्रतिशत था। परिणाम को सुधारने के लिए एक्स्ट्रा क्लास लगाई जाती है। जिससे छात्रों की शिक्षा में सुधार आया है। इस वर्ष 80 प्रतिशत से ज्यादा परिणाम रहने की आशंका है।
उन्होंने बताया कि स्कूल में कक्षा कक्ष की कमी थी इसी कारण पिछले वर्ष राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से स्कूल में 21 लाख के बजट से 5 कमरे बनवाएं गए हैं। साथ ही एक शिक्षक ने आरओ वॉटर कूलर और सभी कक्षा कक्ष में पंखे भेंट किए। पिछले वर्ष 10वीं कक्षा का परिणाम 50 प्रतिशत था। परिणाम को सुधारने के लिए एक्स्ट्रा क्लास लगाई जाती है। जिससे छात्रों की शिक्षा में सुधार आया है। इस वर्ष 80 प्रतिशत से ज्यादा परिणाम रहने की आशंका है।
11 कमरे और परिसर में लगे सीसीटीवी
स्कूल में छात्राओं की संख्या छात्र से अधिक है। हर कक्षा पर हर समय नजर रखने के लिए 11 कक्षा कक्ष और परिसर में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसकी सीधी मॉनिटरिंग प्रिंसिपल कक्ष से की जाती है।
स्कूल में छात्राओं की संख्या छात्र से अधिक है। हर कक्षा पर हर समय नजर रखने के लिए 11 कक्षा कक्ष और परिसर में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसकी सीधी मॉनिटरिंग प्रिंसिपल कक्ष से की जाती है।
अगले सत्र तक बनाएंगे मॉडर्न स्कूल
प्रिंसिपल का कहना है कि ग्राउंड पथरीली जगह था जिसको समतल करवाया गया है। यहां पर मॉर्डन रूप में वॉलीबाल, कबड्डी और खो-खो के कोट बनाए जाएंगे। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है। इसके साथ ही स्कूल पर शिक्षक मिलकर रंग रोगन का कार्य भी किया जाएगा।
प्रिंसिपल का कहना है कि ग्राउंड पथरीली जगह था जिसको समतल करवाया गया है। यहां पर मॉर्डन रूप में वॉलीबाल, कबड्डी और खो-खो के कोट बनाए जाएंगे। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है। इसके साथ ही स्कूल पर शिक्षक मिलकर रंग रोगन का कार्य भी किया जाएगा।
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