भास्कर संवाददाता | चित्तौड़गढ़ साक्षर भारत मिशन के तहत प्रदेश में काम कर रहे 17 हजार एवं जिले के 576
प्रेरकों के लिए खुश खबर है। कारण फिलहाल प्रेरकों की नौकरी बिना ब्रेक के
चलती रहेगी।
महात्मा गांधी सार्वजनिक पुस्तकालय एवं वाचनालय के संचालन के लिए इनको पांच साल के लिए लगाया गया था। यह अनुबंध 31 मार्च को खत्म हो रहा था। पहले सरकार ने इस अनुबंध को नहीं बढ़ाया था। इस कारण प्रदेश सहित जिले के प्रेरकों को बेरोजगार होने का भय था। हालांकि, प्रदेश के साक्षरता निदेशालय की ओर से भारत सरकार से इनके अनुबंध को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा था। आखिरकार गर्वमेंट ऑफ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ने इस अनुबंध को बढ़ाने पर अंतिम मुहर लगाते हुए इसे छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। इस संबंध में निदेशालय साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक ने सभी जिलों के साक्षारता एवं सतत जिला अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए है। इधर अनुबंध छह महीने के लिए बढ़ाए जाने के आदेश की जानकारी मिलते ही प्रेरकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत स्थित लोक शिक्षा केंद्रों पर दो-दो प्रेरक लगे है। प्रत्येक केंद्र पर एक पुरुष एवं महिला प्रेरक नियुक्त है। इनको 2500 रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है। इनके मानदेय की 60 फीसदी राशि भारत सरकार और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार भुगतान करती है। प्रेरकों का काम निरक्षरों एवं नवसाक्षरों को केंद्रों से जोड़ना है।
सितंबर तक बढ़ाया है अब अनुंबध
ज्वाइनसेक्रेटी टू गर्वमेंट ऑफ इंडिया डॉ. संदिप देव द्वारा जारी आदेश की प्रति के अनुसार यह अनुबंध छह महीने यानी सितंबर तक बढ़ाया है।
महात्मा गांधी सार्वजनिक पुस्तकालय एवं वाचनालय के संचालन के लिए इनको पांच साल के लिए लगाया गया था। यह अनुबंध 31 मार्च को खत्म हो रहा था। पहले सरकार ने इस अनुबंध को नहीं बढ़ाया था। इस कारण प्रदेश सहित जिले के प्रेरकों को बेरोजगार होने का भय था। हालांकि, प्रदेश के साक्षरता निदेशालय की ओर से भारत सरकार से इनके अनुबंध को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा था। आखिरकार गर्वमेंट ऑफ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ने इस अनुबंध को बढ़ाने पर अंतिम मुहर लगाते हुए इसे छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। इस संबंध में निदेशालय साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक ने सभी जिलों के साक्षारता एवं सतत जिला अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए है। इधर अनुबंध छह महीने के लिए बढ़ाए जाने के आदेश की जानकारी मिलते ही प्रेरकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत स्थित लोक शिक्षा केंद्रों पर दो-दो प्रेरक लगे है। प्रत्येक केंद्र पर एक पुरुष एवं महिला प्रेरक नियुक्त है। इनको 2500 रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है। इनके मानदेय की 60 फीसदी राशि भारत सरकार और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार भुगतान करती है। प्रेरकों का काम निरक्षरों एवं नवसाक्षरों को केंद्रों से जोड़ना है।
सितंबर तक बढ़ाया है अब अनुंबध
ज्वाइनसेक्रेटी टू गर्वमेंट ऑफ इंडिया डॉ. संदिप देव द्वारा जारी आदेश की प्रति के अनुसार यह अनुबंध छह महीने यानी सितंबर तक बढ़ाया है।
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