प्रदेशभर में ग्राम पंचायत सहायकों की भर्ती अब उलझती जा रही है। प्रदेशभर में 27 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायत सहायकों की भर्ती मानदेय के आधार होनी है लेकिन भर्ती का अधिकार माध्यमिक शिक्षा सेटअप से कराने के आदेश जारी हुए।
पर्दे के पीछे की कहानी
पर्देके पीछे की कहानी ये बताई जा रही है कि बीते दिनों जितने भी शिक्षा मित्र या विद्यालय सहायक निकाले गए उनको ग्राम पंचायत सहायकों में तवज्जो दी जाए। 6000 रुपए मानदेय मिलेगा लेकिन ये सब कुछ मौखिक है। लिखित में कुछ होने से पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का अलग से भर्ती के लिए दबाव शुरू हो गया है। हर कोई अपने-अपने परिचितों को सेट करने फिराक में हैं। ऐसे में भर्ती की प्रक्रिया से लेकर तिथियों तक में विवाद बना गया है।
^मेरे पास एक सरकार से पत्र आया है। मैं भी अभी इसे समझ रही हूं। इस आदेश के तहत जिला परिषद को भर्ती से लेना देना नहीं हैं। अंत में स्वीकृति जारी करनी है। जिन बिंदुओं पर कन्फ्यूजन है उसमें हम सरकार से गाइड लाइन ले रहे हैं। नम्रतावृष्णि, सीईओ जिला परिषद
^ग्राम पंचायत सहायकों को वेतन पंचायती राज विभाग देगा तो भर्ती का अधिकार माध्यमिक शिक्षा सेटअप को क्यों दिया गया। ये पंचायती राज विभाग के साथ अनदेखी है। हम इसका विरोध करते हैं। सरकार अपने निर्णय पर पुर्नविचार करे वरना हम भर्ती प्रक्रिया को पंचायती राज विभाग से स्वीकृति नहीं देंगे। सुशीलासीवर, जिला प्रमुख
^विद्यालयविकास प्रबंधन समिति के पास कोई नियम ही नहीं कि कौन सी प्रक्रिया से भर्ती होनी है। समिति का काम शैक्षणिक विकास का है कि भर्ती का। गांव में राजनीति हावाी है। हर ग्राम पंचायत स्तर पर राजनीति है। तरह-तरह का दबाव होता है। हम उसमें नहीं पड़ना चाहते। मनीषकस्वां, संयोजक, संस्था प्रधान माध्यमिक शिक्षा संघर्ष समिति
संस्था प्रधान पीईओ ने माध्यमिक सेटअप से भर्ती के विरोध में किया प्रदर्शन।
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पर्दे के पीछे की कहानी
पर्देके पीछे की कहानी ये बताई जा रही है कि बीते दिनों जितने भी शिक्षा मित्र या विद्यालय सहायक निकाले गए उनको ग्राम पंचायत सहायकों में तवज्जो दी जाए। 6000 रुपए मानदेय मिलेगा लेकिन ये सब कुछ मौखिक है। लिखित में कुछ होने से पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का अलग से भर्ती के लिए दबाव शुरू हो गया है। हर कोई अपने-अपने परिचितों को सेट करने फिराक में हैं। ऐसे में भर्ती की प्रक्रिया से लेकर तिथियों तक में विवाद बना गया है।
^मेरे पास एक सरकार से पत्र आया है। मैं भी अभी इसे समझ रही हूं। इस आदेश के तहत जिला परिषद को भर्ती से लेना देना नहीं हैं। अंत में स्वीकृति जारी करनी है। जिन बिंदुओं पर कन्फ्यूजन है उसमें हम सरकार से गाइड लाइन ले रहे हैं। नम्रतावृष्णि, सीईओ जिला परिषद
^ग्राम पंचायत सहायकों को वेतन पंचायती राज विभाग देगा तो भर्ती का अधिकार माध्यमिक शिक्षा सेटअप को क्यों दिया गया। ये पंचायती राज विभाग के साथ अनदेखी है। हम इसका विरोध करते हैं। सरकार अपने निर्णय पर पुर्नविचार करे वरना हम भर्ती प्रक्रिया को पंचायती राज विभाग से स्वीकृति नहीं देंगे। सुशीलासीवर, जिला प्रमुख
^विद्यालयविकास प्रबंधन समिति के पास कोई नियम ही नहीं कि कौन सी प्रक्रिया से भर्ती होनी है। समिति का काम शैक्षणिक विकास का है कि भर्ती का। गांव में राजनीति हावाी है। हर ग्राम पंचायत स्तर पर राजनीति है। तरह-तरह का दबाव होता है। हम उसमें नहीं पड़ना चाहते। मनीषकस्वां, संयोजक, संस्था प्रधान माध्यमिक शिक्षा संघर्ष समिति
संस्था प्रधान पीईओ ने माध्यमिक सेटअप से भर्ती के विरोध में किया प्रदर्शन।
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