कलेक्टरसुरेंद्र कुमार सोलंकी और एसपी डॉ. राजीव पचार के निर्देशन में शहर
की सुरक्षा को लेकर पुलिस और प्रशासन चौकन्ना रहा। रैली में शामिल होने के
लिए लोगों के आने से लेकर रैली, धरना और प्रदर्शन तक भारी पुलिस बल तैनात
रहा।
एएसपी रामजीलाल चंदेल, उदयपुर ग्रामीण एएसपी बींजाराम मीणा, डीएसपी माधोसिंह सोढा, डीएसपी बांसवाड़ा बृजराजसिंह चारण, डीएसपी अनिल मीणा सहित कई थानाधिकारी और भारी सशस्त्र पुलिस बल के साथ ही जिले के कई उपखंड अधिकारी इस प्रदर्शन पर नजर रखी। छोट अधिकारी पूरा अपडेट आला अधिकारियों को हर मिनट में बताते रहे, ताकि कोई बड़ा मामला हो सके।
एपीओ शिक्षक भंवरलाल परमार के स्कूल डोज कुंजेला के कई बच्चे भी इस रैली में शामिल हुए। बच्चों ने एपीओ शिक्षकों को वापस लगाने के नारे लिखी तख्तियां पकड़ी हुई थी। 6 कक्षा की छात्रा ज्योति रोत ने वागड़ी में कहा कि मारसाब पासा नी आव्या तो स्कूल माते तार लगावी दंगा। 8वीं कक्षा के छात्र सचिन रोत ने कहा कि एपीओ कर देने से गणित का टीचर नहीं है और पढ़ाई चौपट हो गई है।
विधायक देवेंद्र कटारा ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में जो भी भर्तियां होगी, वह यहां की जनता तय करेगी। अब तक यहां का बैकलॉग भी नहीं भरा है। बेरोजगार भर्ती से वंचित रह गए। विधायक ने कहा कि आदिवासी की मांगों को नजरअंदाज करने से सिर्फ 1 सरकार नहीं 4-4 सरकारों पर असर पड़ सकता है। अभी तो यह शुरूआत है और आगे भी लंबी लड़ाई लड़नी है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुवार से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। इसमें भी वे आदिवासी क्षेत्र में सरकारों की ओर से 50 साल में क्या काम किए गए उसका पूरा हिसाब मांगा जाएगा।
एएसपी रामजीलाल चंदेल, उदयपुर ग्रामीण एएसपी बींजाराम मीणा, डीएसपी माधोसिंह सोढा, डीएसपी बांसवाड़ा बृजराजसिंह चारण, डीएसपी अनिल मीणा सहित कई थानाधिकारी और भारी सशस्त्र पुलिस बल के साथ ही जिले के कई उपखंड अधिकारी इस प्रदर्शन पर नजर रखी। छोट अधिकारी पूरा अपडेट आला अधिकारियों को हर मिनट में बताते रहे, ताकि कोई बड़ा मामला हो सके।
एपीओ शिक्षक भंवरलाल परमार के स्कूल डोज कुंजेला के कई बच्चे भी इस रैली में शामिल हुए। बच्चों ने एपीओ शिक्षकों को वापस लगाने के नारे लिखी तख्तियां पकड़ी हुई थी। 6 कक्षा की छात्रा ज्योति रोत ने वागड़ी में कहा कि मारसाब पासा नी आव्या तो स्कूल माते तार लगावी दंगा। 8वीं कक्षा के छात्र सचिन रोत ने कहा कि एपीओ कर देने से गणित का टीचर नहीं है और पढ़ाई चौपट हो गई है।
विधायक देवेंद्र कटारा ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में जो भी भर्तियां होगी, वह यहां की जनता तय करेगी। अब तक यहां का बैकलॉग भी नहीं भरा है। बेरोजगार भर्ती से वंचित रह गए। विधायक ने कहा कि आदिवासी की मांगों को नजरअंदाज करने से सिर्फ 1 सरकार नहीं 4-4 सरकारों पर असर पड़ सकता है। अभी तो यह शुरूआत है और आगे भी लंबी लड़ाई लड़नी है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुवार से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। इसमें भी वे आदिवासी क्षेत्र में सरकारों की ओर से 50 साल में क्या काम किए गए उसका पूरा हिसाब मांगा जाएगा।
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