राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) की परीक्षाएं अगले सप्ताह से शुरू होने जा रही हैं. करीब एक महीने तक चलने वाली इन परीक्षाओं की संवेदनशीलता, गोपनीयता और नकल रोकथाम के लिए मंगलवार को बोर्ड अध्यक्ष ने उड़नदस्तों के प्रभारियों की बैठक ली.
बोर्ड ने अपने पुराने कड़वे अनुभवों से सीखते हुए इस बार परीक्षाओं में नए प्रयोग किए हैं और दावा किया जा रहा है कि इससे परीक्षा की गंभीरता बनी रहेगी.
2 मार्च से शुरू होने वाली बोर्ड की सालाना परीक्षाओं के लिए आरबीएसई ने कमर कस ली है. सरकार के साथ हाई पॉवर कमेटी की बैठक के बाद अब बोर्ड प्रशासन युद्ध स्तर पर फील्ड ऑफिसरों की बैठक लेकर परीक्षाओं के सफल संचालन के निर्देश जारी कर रहा हा.
इसी कड़ी में मंगलवार को प्रदेश भर में गठित उड़नदस्तों के प्रभारियों की बैठक बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बी एल चौधरी ने ली. बोर्ड की दसवीं और बारहवीं परीक्षाओं में करीब 20 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हैं, जिसके लिए करीब 6 हजार परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं. ऐसे में नकल और अनुचित साधनों के इस्तेमाल में रोक के लिए बोर्ड ने महिला उड़नदस्तों का भी गठन किया है.
बोर्ड की ओर से हर जिले में न्यूनतम 2 और अधिकतम 4 उड़नदस्ते बनाए गए हैं, जिसमें महिला उड़नदस्ते भी शामिल हैं. इन परीक्षाओं को लेकर बोर्ड की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोर्ड ने अपनी पहली की परीक्षाओं में हुई गलतियों से सबक लेते हुए इस बार नए प्रयोग किए है.
पिछले साल गलत प्रश्नपत्र खुलने की घटनाओं को देखते हुए बोर्ड ने इस बार एक नया मोबाइल एप बनाया है. परीक्षा से एक दिन पहले केन्द्राधीक्षक के पास मोबाइल पर मैसेज आएगा, जिसमें अगले दिन होने वाली परीक्षा से जुड़ी अहम जानकारियां होंगी, जिसके चलते गलत प्रश्नपत्र खुलने की सभी संभावनाओं को खारिज किया जा सके.
बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बी एल चौधरी का कहना है कि इस मोबाइल एप के जरिए केन्द्राधीक्षक को दी जाने वाली सूचना की रिटर्न सूचना भी केन्द्राधीक्षक बोर्ड को भेजनी होगी.
बोर्ड अपनी परीक्षाओं की संवेदनशीलता और गोपनीयता से किसी भी तरह का कोई समझौता नही करना चाहता. यहीं कारण है कि इस साल की परीक्षाओं में बोर्ड ने अपने सीसीटीवी कैमरों की संख्या को भी बढ़ाया है. उसने उत्तर पुस्तिकाओं के संग्रहण और वितरण केन्द्र पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं.
इन सबकी मॉनिटरिंग अजमेर स्थित दफ्तर में की जाएगा. इसके लिए बोर्ड अध्यक्ष ने कंट्रोल रूम में भी डिस्प्ले स्क्रीन की संख्या को बढ़ाकर इस बार 20 कर दिया है. इसके अलावा, बोर्ड ने परीक्षा केन्द्रों पर वीडियोग्राफी करने वालों को भी निर्देशित किया है कि इस बार वे कम से कम 2 घंटे की रिकॉर्डिंग करें और उसी के आधार पर उनके बिल का भुगतान किया जाएगा.
अक्टूबर 2014 में बोर्ड अध्यक्ष का पदभार संभालने वाले प्रो. बी एल चौधरी की अगुवाई में बोर्ड तीसरी बार परीक्षा का आयोजन करा रहा है. जाहिर तौर पर यह परीक्षा बोर्ड अध्यक्ष की भी कड़ी परीक्षा रहने वाली है. इस लिहाज से खुद अध्यक्ष हर चीज की बारिकी से मॉनिटरिंग कर रहे हैं और किसी भी तरह की चूक ना रह जाए इसके लिए सचेत और सतर्क हैं.
बोर्ड ने अपने पुराने कड़वे अनुभवों से सीखते हुए इस बार परीक्षाओं में नए प्रयोग किए हैं और दावा किया जा रहा है कि इससे परीक्षा की गंभीरता बनी रहेगी.
2 मार्च से शुरू होने वाली बोर्ड की सालाना परीक्षाओं के लिए आरबीएसई ने कमर कस ली है. सरकार के साथ हाई पॉवर कमेटी की बैठक के बाद अब बोर्ड प्रशासन युद्ध स्तर पर फील्ड ऑफिसरों की बैठक लेकर परीक्षाओं के सफल संचालन के निर्देश जारी कर रहा हा.
इसी कड़ी में मंगलवार को प्रदेश भर में गठित उड़नदस्तों के प्रभारियों की बैठक बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बी एल चौधरी ने ली. बोर्ड की दसवीं और बारहवीं परीक्षाओं में करीब 20 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हैं, जिसके लिए करीब 6 हजार परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं. ऐसे में नकल और अनुचित साधनों के इस्तेमाल में रोक के लिए बोर्ड ने महिला उड़नदस्तों का भी गठन किया है.
बोर्ड की ओर से हर जिले में न्यूनतम 2 और अधिकतम 4 उड़नदस्ते बनाए गए हैं, जिसमें महिला उड़नदस्ते भी शामिल हैं. इन परीक्षाओं को लेकर बोर्ड की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोर्ड ने अपनी पहली की परीक्षाओं में हुई गलतियों से सबक लेते हुए इस बार नए प्रयोग किए है.
पिछले साल गलत प्रश्नपत्र खुलने की घटनाओं को देखते हुए बोर्ड ने इस बार एक नया मोबाइल एप बनाया है. परीक्षा से एक दिन पहले केन्द्राधीक्षक के पास मोबाइल पर मैसेज आएगा, जिसमें अगले दिन होने वाली परीक्षा से जुड़ी अहम जानकारियां होंगी, जिसके चलते गलत प्रश्नपत्र खुलने की सभी संभावनाओं को खारिज किया जा सके.
बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बी एल चौधरी का कहना है कि इस मोबाइल एप के जरिए केन्द्राधीक्षक को दी जाने वाली सूचना की रिटर्न सूचना भी केन्द्राधीक्षक बोर्ड को भेजनी होगी.
बोर्ड अपनी परीक्षाओं की संवेदनशीलता और गोपनीयता से किसी भी तरह का कोई समझौता नही करना चाहता. यहीं कारण है कि इस साल की परीक्षाओं में बोर्ड ने अपने सीसीटीवी कैमरों की संख्या को भी बढ़ाया है. उसने उत्तर पुस्तिकाओं के संग्रहण और वितरण केन्द्र पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं.
इन सबकी मॉनिटरिंग अजमेर स्थित दफ्तर में की जाएगा. इसके लिए बोर्ड अध्यक्ष ने कंट्रोल रूम में भी डिस्प्ले स्क्रीन की संख्या को बढ़ाकर इस बार 20 कर दिया है. इसके अलावा, बोर्ड ने परीक्षा केन्द्रों पर वीडियोग्राफी करने वालों को भी निर्देशित किया है कि इस बार वे कम से कम 2 घंटे की रिकॉर्डिंग करें और उसी के आधार पर उनके बिल का भुगतान किया जाएगा.
अक्टूबर 2014 में बोर्ड अध्यक्ष का पदभार संभालने वाले प्रो. बी एल चौधरी की अगुवाई में बोर्ड तीसरी बार परीक्षा का आयोजन करा रहा है. जाहिर तौर पर यह परीक्षा बोर्ड अध्यक्ष की भी कड़ी परीक्षा रहने वाली है. इस लिहाज से खुद अध्यक्ष हर चीज की बारिकी से मॉनिटरिंग कर रहे हैं और किसी भी तरह की चूक ना रह जाए इसके लिए सचेत और सतर्क हैं.
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