अजमेर। दुनिया की सबसे कम सैलेरी देने वाला शहर अजमेर है। यह हम नहीं एक सरकारी दफ्तर की सच्चाई है। आप शायद यह नहीं माने लेकिन यह सच है।
प्रदेश के पटवार घरों में सहायक के रूप में काम करने वाले ग्राम प्रतिहारियों (चेनमैन) का वेतन मात्र चार हजार रुपए सालाना है यानि उन्हें प्रतिदिन करीब 11 रुपए या 330 रुपए मासिक मिलते हैं। एेसे में कहा जा सकता है कि आज के दौर में उन्हें प्रतिदिन मिलने वाली वेतन की राशि एक चाय के बराबर है।
राजस्थान चेनमैन/ग्राम प्रतिहारी मुख्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष खुमान सिंह मीणा ने बताया कि ग्राम प्रतिहारी गत 50 वर्षों से चेनमैन पटवारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहा है। इसके बावजूद मानदेय के रूप में उसे 4000 रुपए वार्षिक दिया जा रहा है जबकि राजस्थान में न्यूनतम मजदूरी 157 से 166 रुपए प्रतिदिन है।
इसके बावजूद चेनमैन के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मीणा ने बताया कि चेनमैनों ने समय-समय पर राजस्व मंत्री से लेकर राजस्व मंडल व जिला प्रशासन तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन दिए लेकिन उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
संभालते हैं पटवार घर को
प्रदेश के करीब 12 हजार पटवार घरों में कार्यरत चेनमैन लगान वसूली कार्य, गिरदावरी, सीमा ज्ञान, नोटिस वितरण, मौका मुआयना, पटवार घर की साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था आदि के कार्य का दायित्व रहता है लेकिन फिर भी इन्हें मानदेय के रूप में बहुत कम वेतन दिया जाता है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का दर्जा देने की मांग
राजस्थान चेनमैन/ग्राम प्रतिहारी मुख्य संगठन ने राजस्व मंडल प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश के चेनमैनों की स्थायी नियुक्ति करने व उन्हें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो प्रतिहारी पटवार मंडल में काम का बहिष्कार करेंगे। ज्ञापन देने वालों में कांतिलाल कलामुआ, कृष्णचंद, विकास सिंह, अविनाश, श्मशेर सिंह, जगदीश, गोपाल सिंह सहित कई जिलों से आए पदाधिकारी व सदस्य शामिल रहे।
प्रदेश के पटवार घरों में सहायक के रूप में काम करने वाले ग्राम प्रतिहारियों (चेनमैन) का वेतन मात्र चार हजार रुपए सालाना है यानि उन्हें प्रतिदिन करीब 11 रुपए या 330 रुपए मासिक मिलते हैं। एेसे में कहा जा सकता है कि आज के दौर में उन्हें प्रतिदिन मिलने वाली वेतन की राशि एक चाय के बराबर है।
राजस्थान चेनमैन/ग्राम प्रतिहारी मुख्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष खुमान सिंह मीणा ने बताया कि ग्राम प्रतिहारी गत 50 वर्षों से चेनमैन पटवारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहा है। इसके बावजूद मानदेय के रूप में उसे 4000 रुपए वार्षिक दिया जा रहा है जबकि राजस्थान में न्यूनतम मजदूरी 157 से 166 रुपए प्रतिदिन है।
इसके बावजूद चेनमैन के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मीणा ने बताया कि चेनमैनों ने समय-समय पर राजस्व मंत्री से लेकर राजस्व मंडल व जिला प्रशासन तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन दिए लेकिन उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
संभालते हैं पटवार घर को
प्रदेश के करीब 12 हजार पटवार घरों में कार्यरत चेनमैन लगान वसूली कार्य, गिरदावरी, सीमा ज्ञान, नोटिस वितरण, मौका मुआयना, पटवार घर की साफ-सफाई, पानी की व्यवस्था आदि के कार्य का दायित्व रहता है लेकिन फिर भी इन्हें मानदेय के रूप में बहुत कम वेतन दिया जाता है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का दर्जा देने की मांग
राजस्थान चेनमैन/ग्राम प्रतिहारी मुख्य संगठन ने राजस्व मंडल प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश के चेनमैनों की स्थायी नियुक्ति करने व उन्हें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो प्रतिहारी पटवार मंडल में काम का बहिष्कार करेंगे। ज्ञापन देने वालों में कांतिलाल कलामुआ, कृष्णचंद, विकास सिंह, अविनाश, श्मशेर सिंह, जगदीश, गोपाल सिंह सहित कई जिलों से आए पदाधिकारी व सदस्य शामिल रहे।
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