जयपुर|कलेक्टरने 14 जनवरी को शनिवार होने के कारण मकर संक्रांति पर अवकाश
घोषित नहीं किया। उन्होंने शीतलाष्टमी, गणेश चतुर्थी को कलेक्टर पावर लीव
घोषित किए। पतंगबाजी के दिन स्कूल जाने की बच्चों की पीड़ा कलेक्टर के पास
पहुंची तो आनन-फानन में संस्था प्रधानों को पावर लीव देने के निर्देश डीईओ
को दिए।
अब जिले के स्कूलों में मकर संक्रांति पर संस्था प्रधान के पावर का अवकाश रहेगा। पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध इस पर्व पर सरकारी अवकाश नहीं रहता। हर साल कलेक्टर इस दिन पावर लीव देते हैं। इस बार मकर संक्रांति शनिवार को है और सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहता है। इसलिए कलेक्टर ने अवकाश घोषित नहीं किया था।
अपने पावर के दोनों अवकाश शीतलाष्टमी और गणेश चतुर्थी को घोषित कर दिए। चूंकि, शनिवार को स्कूलों में अवकाश का प्रावधान नहीं है। इससे मकर संक्रांति पर स्कूल खुलने की नौबत गई। कलेक्टर के इस आदेश से स्कूली बच्चे यह सोचकर परेशान हो गए कि वे शनिवार को स्कूल जाए या मकर संक्रांति का लुत्फ उठाए। जिले के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में 14 लाख 48 हजार बच्चे और 50 हजार शिक्षकों के त्योहार का मजा किरकिरा होने की स्थिति बन गई।
कलेक्टर के पास पहुंची बच्चों की पीड़ा, जागा जिला प्रशासन : बच्चों ने बताया कि जिला कलेक्टर को खुद के अवकाश का तो ध्यान रहा, लेकिन यह नहीं सोचा कि इस दिन स्कूलों में अवकाश रहता है या नहीं। बच्चों और शिक्षकों की पीड़ा राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने जिला कलेक्टर को पहुंचाई। इसके बाद कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारियों को मौखिक संदेश भिजवाया कि इस दिन संस्था प्रधान पावर का अवकाश घोषित करने की व्यवस्था की जाए।
अब संस्था प्रधानों को दिए आदेश : जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रथम रतनसिंह यादव ने बताया कि जिला कलेक्टर से मिले मौखिक निर्देश के बाद जयपुर जिले के सभी संस्था प्रधानों को कहा गया है कि वे मकर संक्रांति पर अपने पावर का इस्तेमाल करते हुए स्कूल में अवकाश घोषित करे। संस्था प्रधानों को साल में दो अवकाश घोषित करने की छूट होती है।
कलेक्टर ने यह किए अवकाश घोषित
20 मार्च : शीतलाष्टमी
25 अगस्त : गणेश चतुर्थी
अब जिले के स्कूलों में मकर संक्रांति पर संस्था प्रधान के पावर का अवकाश रहेगा। पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध इस पर्व पर सरकारी अवकाश नहीं रहता। हर साल कलेक्टर इस दिन पावर लीव देते हैं। इस बार मकर संक्रांति शनिवार को है और सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहता है। इसलिए कलेक्टर ने अवकाश घोषित नहीं किया था।
अपने पावर के दोनों अवकाश शीतलाष्टमी और गणेश चतुर्थी को घोषित कर दिए। चूंकि, शनिवार को स्कूलों में अवकाश का प्रावधान नहीं है। इससे मकर संक्रांति पर स्कूल खुलने की नौबत गई। कलेक्टर के इस आदेश से स्कूली बच्चे यह सोचकर परेशान हो गए कि वे शनिवार को स्कूल जाए या मकर संक्रांति का लुत्फ उठाए। जिले के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में 14 लाख 48 हजार बच्चे और 50 हजार शिक्षकों के त्योहार का मजा किरकिरा होने की स्थिति बन गई।
कलेक्टर के पास पहुंची बच्चों की पीड़ा, जागा जिला प्रशासन : बच्चों ने बताया कि जिला कलेक्टर को खुद के अवकाश का तो ध्यान रहा, लेकिन यह नहीं सोचा कि इस दिन स्कूलों में अवकाश रहता है या नहीं। बच्चों और शिक्षकों की पीड़ा राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने जिला कलेक्टर को पहुंचाई। इसके बाद कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारियों को मौखिक संदेश भिजवाया कि इस दिन संस्था प्रधान पावर का अवकाश घोषित करने की व्यवस्था की जाए।
अब संस्था प्रधानों को दिए आदेश : जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रथम रतनसिंह यादव ने बताया कि जिला कलेक्टर से मिले मौखिक निर्देश के बाद जयपुर जिले के सभी संस्था प्रधानों को कहा गया है कि वे मकर संक्रांति पर अपने पावर का इस्तेमाल करते हुए स्कूल में अवकाश घोषित करे। संस्था प्रधानों को साल में दो अवकाश घोषित करने की छूट होती है।
कलेक्टर ने यह किए अवकाश घोषित
20 मार्च : शीतलाष्टमी
25 अगस्त : गणेश चतुर्थी
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