जयपुर।प्रदेश में नए सत्र में एक बार फिर स्कूलों को मर्ज करने
की कवायद होगी। शिक्षा विभाग इस बार 3777 स्कूल मर्ज करने जा रहा है। इन
स्कूलों की सूची लगभग तैयार है। इसमें 15 से कम नामांकन वाले प्राथमिक और
30 से कम नामांकन वाले उच्च प्राथमिक स्कूल शामिल हैं। विभाग ने स्कूलों को
मर्ज करने के लिए नजदीकी स्कूलों की जानकारी मांगी है। जानिए जयपुर जिले के कितने स्कूल होंगे मर्ज ...
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विभाग ने मर्ज करने वाले स्कूलों की जो सूची तैयार की है, उसमें 0 से 15
तक नामांकन वाले 3035 प्राथमिक स्कूल ग्रामीण और 60 प्राथमिक स्कूल शहरी
क्षेत्रों के हैं।
- इसी प्रकार 0 से 30 नामांकन वाले 507 उच्च
प्राथमिक स्कूल ग्रामीण और 17 उच्च प्राथमिक स्कूल शहरी क्षेत्रों के हैं।
इसके अलावा कक्षा छह से आठ तक के बालिका स्कूल जिसमें 15 से कम नामांकन
हैं। ऐसे स्कूलों की संख्या 158 स्कूल है।
- जयपुर जिले में 381
स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। मर्ज करने के लिए विभाग ने एक और दो किलोमीटर
के दायरे में स्थित नजदीकी स्कूलों की जानकारी मांगी है।
- इसमें
नामांकन और विधानसभा क्षेत्रों की सूचना भी एकत्रित की जा रही है। स्कूलों
को मर्ज करने की यह प्रक्रिया लगातार तीसरे सत्र में भी जारी रहेगी। इससे
पहले करीब 20 हजार स्कूलों को मर्ज किया जा चुका है।
मर्ज में करेंगे आरटीई के नियमों का पालन
- प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक पूरनचंद किशन ने बताया कि कम नामांकन के आधार पर स्कूलों के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है।
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अब इनको मर्ज किया जाएगा। इसमें आरटीई के नियमों को ध्यान में रखा जाएगा।
प्राथमिक स्कूल एक किमी के दायरे में और उच्च प्राथमिक स्कूल दो किमी के
दायरे में ही मर्ज होंगे।
- इससे अधिक दूरी होगी तो कम नामांकन के बावजूद स्कूल को मर्ज नहीं किया जाएगा।
इधर, मर्ज करने का विरोध भी शुरू
स्कूल बंद करना आरटीई एक्ट का उल्लंघन
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कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा का कहना है कि प्रदेश की भाजपा
सरकार लगातार स्कूलों को मर्ज करने के नाम पर बंद करती जा रही है। इससे
शिक्षा का भला होने वाला नहीं है। प्रदेश में 20 हजार स्कूल पहले ही बंद
किए जा चुके हैं।
- अब चार हजार स्कूलों की और सूची तैयार है। सरकार स्कूलों को बंद कर आरटीई एक्ट का खुला उल्लंघन कर रही है।
नई भर्ती कर शिक्षक उपलब्ध कराए सरकार
- राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि स्कूलों को मर्ज करना गलत है।
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इससे शिक्षकों के पद खत्म किए जा रहे हैं, ताकि खाली पदों की संख्या को
आंकड़ों में कम दिखाया जा सके। सरकार को इस निर्णय पर फिर से विचार करना
चाहिए। स्कूलों को बंद करने की बजाय सरकार को खाली पद भरने पर ध्यान देना
चाहिए।
जिलावार यह है मर्ज होने वाले स्कूलों की सूची
जिला, 0 से 15 नामांकन वाले प्राथमिक स्कूल, 0 से 30 नामांकन वाले उच्च प्राथमिक स्कूल
अजमेर, 61, 11
अलवर, 60, 43
बांसवाड़ा, 59, 3
बारां, 47, 8
बाड़मेर, 229, 12
भरतपुर, 46, 21
भीलवाड़ा, 81, 3
बीकानेर, 176, 10
बूंदी, 62, 5
चित्तौडगढ, 67, 1
चूरू, 96, 8
दौसा, 75, 9
धौलपुर, 22, 1
डूंगरपुर, 25, 3
श्रीगंगानगर, 230, 28
हनुमानगढ़, 72, 24
जयपुर, 325, 56
जैसलमेर, 131, 11
जालौर, 63, 1
झालावाड़, 78, 12
झुंझुनूं, 171, 94
जोधपुर, 219, 23
करौली, 59, 6
कोटा, 42, 18
नागौर, 188, 21
पाली, 58, 15
प्रतापगढ़, 30, 0
राजसमंद, 55, 1
सवाई माधोपुर, 26, 8
सीकर, 95, 43
सिरोही, 22, 1
टोंक, 81, 20
उदयपुर, 64, 4
अलवर, 60, 43
बांसवाड़ा, 59, 3
बारां, 47, 8
बाड़मेर, 229, 12
भरतपुर, 46, 21
भीलवाड़ा, 81, 3
बीकानेर, 176, 10
बूंदी, 62, 5
चित्तौडगढ, 67, 1
चूरू, 96, 8
दौसा, 75, 9
धौलपुर, 22, 1
डूंगरपुर, 25, 3
श्रीगंगानगर, 230, 28
हनुमानगढ़, 72, 24
जयपुर, 325, 56
जैसलमेर, 131, 11
जालौर, 63, 1
झालावाड़, 78, 12
झुंझुनूं, 171, 94
जोधपुर, 219, 23
करौली, 59, 6
कोटा, 42, 18
नागौर, 188, 21
पाली, 58, 15
प्रतापगढ़, 30, 0
राजसमंद, 55, 1
सवाई माधोपुर, 26, 8
सीकर, 95, 43
सिरोही, 22, 1
टोंक, 81, 20
उदयपुर, 64, 4
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