अजमेर.राजस्थान
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों के लिफाफे निकट
भविष्य में पुलिस थानों के बजाए बैंक लाॅकरों में रखे जा सकते हैं। यह
सुझाव शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने बोर्ड अधिकारियों को
दिए।
वे बुधवार को बोर्ड के सिविल लाइंस स्थित रीट कार्यालय में बोर्ड अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
वे बुधवार को बोर्ड के सिविल लाइंस स्थित रीट कार्यालय में बोर्ड अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
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प्रदेश
के शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों को कम्प्यूटर में प्रशिक्षित करने के
लिए बोर्ड को एक स्थाई प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया, जो
सतत रूप से शिक्षकों के लिए कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करे।
उन्होंने कहा कि बोर्ड मिशन मेरिट प्रोग्राम बनाए, जिसके तहत प्रत्येक जिले
में 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों
को बोर्ड की योग्यता सूची में स्थान दिलाने की दृष्टि से विशेष प्रशिक्षण
दिया जाए।
भास्कर ने इस मुद्दे को उठाया था
राजस्थान
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की वर्ष 2016 की मुख्य परीक्षाएं शुरू होने से
पूर्व ही बोर्ड को प्रश्न पत्रों को पुलिस चौकी में रखने में आनाकानी की
सूचना मिली थी। इस पर बोर्ड ने पुलिस महानिदेशक से बात कर पेपरों की
सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए कहा था। इस दौरान ही प्रतापगढ़ जिले में एक
केंद्र पर गलत पेपर भी खुल गया था। इन सबको देखते हुए दैनिक भास्कर ने 4
मार्च 2016 के अंक में प्रमुखता से इस समस्या को उठाया था और सीबीएसई की
तर्ज पर बैंक लॉकर्स में प्रश्न पत्र रखने का सुझाव दिया था। बोर्ड
अधिकारियों की बैठक में शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने
प्रश्न पत्रों को बैंक लॉकर्स में रखने पर विचार करने के लिए कहकर एक तरह
से भास्कर के सुझाव को आगे बढ़ाया है।
विद्यालयों को जी मेपिंग किया जाए
प्रो.
देवनानी ने कहा कि बोर्ड द्वारा विद्यालयों को संबद्धता देने की संपूर्ण
प्रक्रिया को नए शैक्षिक शिक्षा सत्र से पूर्व ऑनलाइन किया जाए। उन्होंने
मध्यप्रदेश की चर्चा करते हुए अधिकारियों से कहा कि राजस्थान में भी
विद्यालयों की “जी मेपिंग’ की जाए।
शिक्षकों के लिए जिलेवार योग प्रशिक्षण कार्यक्रम हों :उन्होंने
कहा कि बोर्ड जिलेवार शिक्षकों के लिए योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
करे और योग शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ रहे विद्यालयों को जिला और राज्य
स्तर पर पुरस्कृत करे। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग आगामी 8-9 अप्रैल को
फेस्टिवल ऑफ एजुकेशन का आयोजन करने जा रहा है, जिसके माध्यम से यह संदेश
दिया जाएगा कि प्रदेश का विद्यार्थी वैश्वीकरण की चुनौतियों का किस प्रकार
मजबूती से सामना करे।
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