हाईकोर्टने आरएएस भर्ती-2013 की प्री-परीक्षा परिणाम में 15 गुना
अभ्यर्थियों से ज्यादा अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य घोषित
करने के मामले में याचिका खारिज करने के एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने
वाली अपील पर कार्मिक विभाग आरपीएससी से जवाब मांगा है।
साथ ही भर्तियों चयन प्रक्रिया को अपील के निर्णय के अधीन रखा है।
न्यायाधीश केएस झवेरी दिनेश मेहता की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश रवीन्द्र मोहन अन्य की अपील पर दिया। प्रार्थियों ने एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें प्रार्थियों की 15 गुना से ज्यादा को मुख्य परीक्षा में शामिल करने को चुनौती देने वाली दलीलों से असहमत होकर याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में कहा गया था कि प्री-परीक्षा परिणाम में 15 गुना अभ्यर्थियों से ज्यादा अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गाय, जो भर्ती नियम-15 का उल्लंघन है। आरपीएससी ने बाद में संशोधित परिणाम घोषित किया और उसमें कटऑफ कम करते हुए 6229 और अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य घोषित कर दिया। आरपीएससी ने कुल विज्ञापित 990 पदों के लिए 15 गुना अभ्यर्थियों की बजाय 30308 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया, जबकि नियमानुसार 14850 अभ्यर्थियों को ही मुख्य परीक्षा के योग्य घोषित किया जा सकता था।
साथ ही भर्तियों चयन प्रक्रिया को अपील के निर्णय के अधीन रखा है।
न्यायाधीश केएस झवेरी दिनेश मेहता की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश रवीन्द्र मोहन अन्य की अपील पर दिया। प्रार्थियों ने एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें प्रार्थियों की 15 गुना से ज्यादा को मुख्य परीक्षा में शामिल करने को चुनौती देने वाली दलीलों से असहमत होकर याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में कहा गया था कि प्री-परीक्षा परिणाम में 15 गुना अभ्यर्थियों से ज्यादा अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गाय, जो भर्ती नियम-15 का उल्लंघन है। आरपीएससी ने बाद में संशोधित परिणाम घोषित किया और उसमें कटऑफ कम करते हुए 6229 और अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य घोषित कर दिया। आरपीएससी ने कुल विज्ञापित 990 पदों के लिए 15 गुना अभ्यर्थियों की बजाय 30308 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया, जबकि नियमानुसार 14850 अभ्यर्थियों को ही मुख्य परीक्षा के योग्य घोषित किया जा सकता था।
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