मदन कलाल. बीकानेर| जयपुर की स्कूल में बेहतर परिणाम देने वाला एक टीचर अब
सवाईमाधोपुर के दूर-दराज की कमजोर रिजल्ट वाली स्कूल को गाइड करेगा।
बीकानेर का बेस्ट मैथ्स टीचर उदयपुर के आदिवासी बहुल कोटड़ा ब्लॉक के लिए
टिप्स देगा तो कोटा से साइंस लेक्चरर जोधपुर के ब्लॉक को बेहतर टीचिंग मैथड
उपलब्ध कराएगा।
अब राज्य के सरकारी स्कूलों के टेलेंटेड टीचर अपने टॉप रिजल्ट की सीक्रेसी शेयर करेंगे। प्रदेश में सरकारी शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में इन दिनों शिक्षा विभाग अभिनव योजना पर काम कर रहा है। राजस्थान भर के टीचरों के ब्लॉकवार पॉकेट गु्प तैयार किए जा रहे हैं। इनका आधार टीचर का पिछले सालों का रिजल्ट है। माध्यमिक सैटअप विशेषकर दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए लगातार टॉप रिजल्ट दे रहे टीचरों के ये गु्प तैयार हो रहे है। ऐसे ही पॉकेट उन टीचरों अथवा स्कूलों के भी तैयार हो रहे हैं जो संबंधित विषय के रिजल्ट में लगातार मात खा रहे हैं। विभाग की कोशिश है कि बेहतरीन रिजल्ट देने वाले शिक्षक के टीचिंग मैथड का फायदा कमजोर स्कूलों को दिया जाए जिससे भविष्य में बेहतर परिणाम हासिल किए जा सके। माध्यमिक शिक्षा के डिप्टी डायरेक्टर अरुण शर्मा बताते हैं-विषयवार रिजल्ट के आधार पर ये ऑनलाइन पॉकेट अंतिम दौर में हैं। यह लर्निंग एंड शेयरिंग कांसेप्ट है।
निदेशालय ने बेहतर और कमजोर परिणाम वाले स्कूलों की विषयवार कुंडली करीब-करीब तैयार कर ली है। गणित, अंग्रेजी, साइंस जैसे विषयों पर फोकस किया जा रहा है। इन सब्जेक्ट के मास्टर टीचरों से टीचिंग मटेरियल तैयार करवाया जाएगा। यह कमजोर परिणाम वाले स्कूलों में वितरित किया जाएगा। यह मटेरियल सीडी, पैन ड्राइव, नोट्स अथवा बुकलेट के रूप में होगा। इसमें इंपोर्ट टेंट चैप्टर, टिप्स का समावेश होगा।
^हमारी कोशिश अपने बेस्ट टीचर से बेस्ट परफॉर्म करवाने की है। इसका फायदा हमारे ही बच्चों को मिलेगा। तकनीक से हमें अपने प्रोजेक्ट में खूब मदद मिल रही है। बीएलस्वर्णकार, डायरेक्टर, माध्यमिक शिक्षा
मदन कलाल. बीकानेर| जयपुरकी स्कूल में बेहतर परिणाम देने वाला एक टीचर अब सवाईमाधोपुर के दूर-दराज की कमजोर रिजल्ट वाली स्कूल को गाइड करेगा। बीकानेर का बेस्ट मैथ्स टीचर उदयपुर के आदिवासी बहुल कोटड़ा ब्लॉक के लिए टिप्स देगा तो कोटा से साइंस लेक्चरर जोधपुर के ब्लॉक को बेहतर टीचिंग मैथड उपलब्ध कराएगा। अब राज्य के सरकारी स्कूलों के टेलेंटेड टीचर अपने टॉप रिजल्ट की सीक्रेसी शेयर करेंगे। प्रदेश में सरकारी शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में इन दिनों शिक्षा विभाग अभिनव योजना पर काम कर रहा है। राजस्थान भर के टीचरों के ब्लॉकवार पॉकेट गु्प तैयार किए जा रहे हैं। इनका आधार टीचर का पिछले सालों का रिजल्ट है। माध्यमिक सैटअप विशेषकर दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए लगातार टॉप रिजल्ट दे रहे टीचरों के ये गु्प तैयार हो रहे है। ऐसे ही पॉकेट उन टीचरों अथवा स्कूलों के भी तैयार हो रहे हैं जो संबंधित विषय के रिजल्ट में लगातार मात खा रहे हैं। विभाग की कोशिश है कि बेहतरीन रिजल्ट देने वाले शिक्षक के टीचिंग मैथड का फायदा कमजोर स्कूलों को दिया जाए जिससे भविष्य में बेहतर परिणाम हासिल किए जा सके। माध्यमिक शिक्षा के डिप्टी डायरेक्टर अरुण शर्मा बताते हैं-विषयवार रिजल्ट के आधार पर ये ऑनलाइन पॉकेट अंतिम दौर में हैं। यह लर्निंग एंड शेयरिंग कांसेप्ट है।
यदि कहीं आवश्यकता हुई तो विभाग बेस्ट टीचर को कुछ दिन की प्रेक्टिकल क्लास के लिए दूसरी स्कूलों के अथवा नोडल सेंटर के ट्यूर भी करा सकता है। यह एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत निर्धारित होगा। एक-दूसरे टीचर एक-दूसरी जगह पर अपना बेस्ट दे सकते हैं।
अब राज्य के सरकारी स्कूलों के टेलेंटेड टीचर अपने टॉप रिजल्ट की सीक्रेसी शेयर करेंगे। प्रदेश में सरकारी शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में इन दिनों शिक्षा विभाग अभिनव योजना पर काम कर रहा है। राजस्थान भर के टीचरों के ब्लॉकवार पॉकेट गु्प तैयार किए जा रहे हैं। इनका आधार टीचर का पिछले सालों का रिजल्ट है। माध्यमिक सैटअप विशेषकर दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए लगातार टॉप रिजल्ट दे रहे टीचरों के ये गु्प तैयार हो रहे है। ऐसे ही पॉकेट उन टीचरों अथवा स्कूलों के भी तैयार हो रहे हैं जो संबंधित विषय के रिजल्ट में लगातार मात खा रहे हैं। विभाग की कोशिश है कि बेहतरीन रिजल्ट देने वाले शिक्षक के टीचिंग मैथड का फायदा कमजोर स्कूलों को दिया जाए जिससे भविष्य में बेहतर परिणाम हासिल किए जा सके। माध्यमिक शिक्षा के डिप्टी डायरेक्टर अरुण शर्मा बताते हैं-विषयवार रिजल्ट के आधार पर ये ऑनलाइन पॉकेट अंतिम दौर में हैं। यह लर्निंग एंड शेयरिंग कांसेप्ट है।
निदेशालय ने बेहतर और कमजोर परिणाम वाले स्कूलों की विषयवार कुंडली करीब-करीब तैयार कर ली है। गणित, अंग्रेजी, साइंस जैसे विषयों पर फोकस किया जा रहा है। इन सब्जेक्ट के मास्टर टीचरों से टीचिंग मटेरियल तैयार करवाया जाएगा। यह कमजोर परिणाम वाले स्कूलों में वितरित किया जाएगा। यह मटेरियल सीडी, पैन ड्राइव, नोट्स अथवा बुकलेट के रूप में होगा। इसमें इंपोर्ट टेंट चैप्टर, टिप्स का समावेश होगा।
^हमारी कोशिश अपने बेस्ट टीचर से बेस्ट परफॉर्म करवाने की है। इसका फायदा हमारे ही बच्चों को मिलेगा। तकनीक से हमें अपने प्रोजेक्ट में खूब मदद मिल रही है। बीएलस्वर्णकार, डायरेक्टर, माध्यमिक शिक्षा
मदन कलाल. बीकानेर| जयपुरकी स्कूल में बेहतर परिणाम देने वाला एक टीचर अब सवाईमाधोपुर के दूर-दराज की कमजोर रिजल्ट वाली स्कूल को गाइड करेगा। बीकानेर का बेस्ट मैथ्स टीचर उदयपुर के आदिवासी बहुल कोटड़ा ब्लॉक के लिए टिप्स देगा तो कोटा से साइंस लेक्चरर जोधपुर के ब्लॉक को बेहतर टीचिंग मैथड उपलब्ध कराएगा। अब राज्य के सरकारी स्कूलों के टेलेंटेड टीचर अपने टॉप रिजल्ट की सीक्रेसी शेयर करेंगे। प्रदेश में सरकारी शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में इन दिनों शिक्षा विभाग अभिनव योजना पर काम कर रहा है। राजस्थान भर के टीचरों के ब्लॉकवार पॉकेट गु्प तैयार किए जा रहे हैं। इनका आधार टीचर का पिछले सालों का रिजल्ट है। माध्यमिक सैटअप विशेषकर दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए लगातार टॉप रिजल्ट दे रहे टीचरों के ये गु्प तैयार हो रहे है। ऐसे ही पॉकेट उन टीचरों अथवा स्कूलों के भी तैयार हो रहे हैं जो संबंधित विषय के रिजल्ट में लगातार मात खा रहे हैं। विभाग की कोशिश है कि बेहतरीन रिजल्ट देने वाले शिक्षक के टीचिंग मैथड का फायदा कमजोर स्कूलों को दिया जाए जिससे भविष्य में बेहतर परिणाम हासिल किए जा सके। माध्यमिक शिक्षा के डिप्टी डायरेक्टर अरुण शर्मा बताते हैं-विषयवार रिजल्ट के आधार पर ये ऑनलाइन पॉकेट अंतिम दौर में हैं। यह लर्निंग एंड शेयरिंग कांसेप्ट है।
यदि कहीं आवश्यकता हुई तो विभाग बेस्ट टीचर को कुछ दिन की प्रेक्टिकल क्लास के लिए दूसरी स्कूलों के अथवा नोडल सेंटर के ट्यूर भी करा सकता है। यह एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत निर्धारित होगा। एक-दूसरे टीचर एक-दूसरी जगह पर अपना बेस्ट दे सकते हैं।
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