देशके प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की ओर देश को ले जाने के लिए प्रयास कर
रहे है। इसके लिए कई योजनाएं भी लॉस की है, लेकिन राजस्थान में कम्प्यूटर
शिक्षा दम तोड़ रही है। प्रदेश की 4500 सी. सै. स्कूलों में तीन साल से
कम्प्यूटर लैब तालों में कैद है।
छात्र-छात्राओं को कम्प्यूटर शिक्षा देने के लिए तीन साल पहले अनुदेशकों को हटा दिया था, इसके बाद इन कम्प्यूटर लैब पर ताले लगे हुए है। सरकार की ओर से कम्प्यूट लैब के संचालन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। हजारों कम्प्यूटर शिक्षक बेरोजगार बैठे है। केंद्र राज्य की सरकार भले ही डिजिटल इंडिया की बात कर रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर यह दावा खोखला दिखता है। इसका सबसे बड़ा प्रदेश में बंद पड़ी कम्प्यूटर लैब है। जहां पढ़ने वाले बच्चों की पहुंच से कंप्यूटर शिक्षा अब तक दूर है। बाड़मेर में 169 स्कूलों की कम्प्यूटर लैब तालों में कैद है।
कम्प्यूटरलैब पर ताले, फिर भी पेपर होगा : इनदिनों अद्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो गई, लेकिन स्कूलों में कम्प्यूटर लैब के ताले दो साल से नहीं खुले है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को बिना कम्प्यूटर देखे ही अद्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा का पेपर देना होगा। जबकि सरकार डिजिटल इंडिया के सपने दिखा रही है। हकीकत सरकार कम्प्यूटर शिक्षा की तरफ ध्यान ही नहीं दे रही।
भर्ती हुई और ही अनुदेशकों का समय बढ़ाया
31अगस्त 2015 में कम्प्यूटर अनुदेशकों को हटा दिया गया। इसके बाद कम्प्यूटर लैब सरकार के अधीन चली गई, लेकिन कम्प्यूटर शिक्षा के संचालन को लेकर सरकार की ओर से कोई भर्ती भी नहीं हुई। इससे कम्प्यूटर लैब धूल फांक रहे है। जबकि चुनावी घोषणा पत्र में भी कम्प्यूटर शिक्षकों को लगाए जाने के वादे किए थे।
4500 स्कूलों में ठेके पर है, कम्प्यूटर शिक्षा
जिलेमें तीन साल पहले तक कल्प स्कूलों में कंप्यूटर सिस्टम लगाने से ट्रेनर की नियुक्ति का निजी कंपनी को ठेका दिया गया। इस दौरान कम्प्यूटर की शिक्षा देने के लिए जिले भर से लगभग 200 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाया गया। इन्हीं शिक्षकों की जिम्मेदारी थी कि वे कम्प्यूटर की शिक्षा बच्चों को देंगे। वर्ष 2014-15 में राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना के लिए 4500 स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों को ठेके पर लगाया था। इसके लिए सी. सै. स्कूल में कंप्यूटर लैब की व्यवस्था की गई।.सभी स्कूलों में लगभग 5-6 लाख रुपए इन कम्प्यूटर लैब पर खर्च हुए थे। इसके लिए 10 कम्प्यूटर सिस्टम, फर्नीचर, इनवर्टर सहित कई उपकरण खरीदे गए थे। आईसीटी योजना के तहत कंपनियों को ठेके पर दी गई इस कम्प्यूटर शिक्षा के लिए 30 अप्रैल 2014 प्रथम चरण एवं 31 अगस्त 2015 को द्वितीय चरण खत्म हो गया था।
छात्र-छात्राओं को कम्प्यूटर शिक्षा देने के लिए तीन साल पहले अनुदेशकों को हटा दिया था, इसके बाद इन कम्प्यूटर लैब पर ताले लगे हुए है। सरकार की ओर से कम्प्यूट लैब के संचालन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। हजारों कम्प्यूटर शिक्षक बेरोजगार बैठे है। केंद्र राज्य की सरकार भले ही डिजिटल इंडिया की बात कर रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर यह दावा खोखला दिखता है। इसका सबसे बड़ा प्रदेश में बंद पड़ी कम्प्यूटर लैब है। जहां पढ़ने वाले बच्चों की पहुंच से कंप्यूटर शिक्षा अब तक दूर है। बाड़मेर में 169 स्कूलों की कम्प्यूटर लैब तालों में कैद है।
कम्प्यूटरलैब पर ताले, फिर भी पेपर होगा : इनदिनों अद्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो गई, लेकिन स्कूलों में कम्प्यूटर लैब के ताले दो साल से नहीं खुले है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को बिना कम्प्यूटर देखे ही अद्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा का पेपर देना होगा। जबकि सरकार डिजिटल इंडिया के सपने दिखा रही है। हकीकत सरकार कम्प्यूटर शिक्षा की तरफ ध्यान ही नहीं दे रही।
भर्ती हुई और ही अनुदेशकों का समय बढ़ाया
31अगस्त 2015 में कम्प्यूटर अनुदेशकों को हटा दिया गया। इसके बाद कम्प्यूटर लैब सरकार के अधीन चली गई, लेकिन कम्प्यूटर शिक्षा के संचालन को लेकर सरकार की ओर से कोई भर्ती भी नहीं हुई। इससे कम्प्यूटर लैब धूल फांक रहे है। जबकि चुनावी घोषणा पत्र में भी कम्प्यूटर शिक्षकों को लगाए जाने के वादे किए थे।
4500 स्कूलों में ठेके पर है, कम्प्यूटर शिक्षा
जिलेमें तीन साल पहले तक कल्प स्कूलों में कंप्यूटर सिस्टम लगाने से ट्रेनर की नियुक्ति का निजी कंपनी को ठेका दिया गया। इस दौरान कम्प्यूटर की शिक्षा देने के लिए जिले भर से लगभग 200 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाया गया। इन्हीं शिक्षकों की जिम्मेदारी थी कि वे कम्प्यूटर की शिक्षा बच्चों को देंगे। वर्ष 2014-15 में राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना के लिए 4500 स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों को ठेके पर लगाया था। इसके लिए सी. सै. स्कूल में कंप्यूटर लैब की व्यवस्था की गई।.सभी स्कूलों में लगभग 5-6 लाख रुपए इन कम्प्यूटर लैब पर खर्च हुए थे। इसके लिए 10 कम्प्यूटर सिस्टम, फर्नीचर, इनवर्टर सहित कई उपकरण खरीदे गए थे। आईसीटी योजना के तहत कंपनियों को ठेके पर दी गई इस कम्प्यूटर शिक्षा के लिए 30 अप्रैल 2014 प्रथम चरण एवं 31 अगस्त 2015 को द्वितीय चरण खत्म हो गया था।
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