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Monday 28 November 2016

मूल्यांकन / आकलन / मापन / परीक्षण में अन्तर

*मूल्यांकन / आकलन / मापन / परीक्षण में अन्तर*
सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की संकल्पना के पूर्व शैक्षिक संन्दर्भ में मूल्यांकन के अर्थ पर विचार कर लेना समीचीन होगा। मूल्यांकन के स्वरूप को स्पष्ट रूप में समझने के लिए मापन से उसका अर्थ भेद समझ लेना आवश्यक है।

अन्तर के बिन्दु
आकलन(Assessment)
मूल्यांकन(Evaluation)
मापन(Measurement)
परीक्षा / परीक्षण(Examination/ Test)
अर्थ
आकलन एक संवादात्मक तथा रचनात्मक प्रक्रिया है,जिसके द्वारा शिक्षक को यह ज्ञात होता है कि विधार्थी का उचित अधिगम हो रहा है अथवा नहीं।
मूल्यांकन एक योगात्मक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी पूर्व निर्मित शैक्षिक कार्यक्रम अथवा पाठयक्रम की समाप्ति पर छात्रों की शैक्षिक उपलबिध ज्ञात की जाती है।
मापन आकलन मूल्यांकन की एक तकनीक है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति या पदार्थ में निहित विशेषताओं का आंकिक वर्णन किया जाता है।
परीक्षा तथा परीक्षण आकलन/मूल्यांकन का एक उपकरण/पद्धति है जिसके द्वारा परीक्षा/परीक्षण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा मुख्य रूप से पाठयक्रम के ज्ञानात्मक अनुभव कौशल की जांच की जाती है।
उददेश्य
इसका उददेश्य निदानात्मक होता है। शैक्षिक संदर्भ में आकलन का उददेश्य शिक्षण- अधिगम कार्यक्रम में सुधार करना,छात्रों व अध्यापक को पृष्ठपोषण प्रदान करना तथा छात्रों की अधिगम संबंधी कठिनाइयों को ज्ञात करना होता है।
इसका उददेश्य मूल्य निर्णयन करना होता है। शैक्षिक संदर्भ में मूल्यांकन का उददेश्य निर्धारित पाठयक्रम की समाप्ति पर छात्रों की उपलब्धि को ग्रेड अथवा अंक के माध्यम से प्रदर्शित करना है।
मापन आकलन तथा मूल्यांकन की एक तकनीक है।
परीक्षा द्वारा मुख्य रूप से पाठयक्रम के ज्ञानात्मक अनुभव कौशल की जांच की जाती है। परीक्षा तथा परीक्षण मूल्यांकन का एक उपकरण/पद्धति है। छात्र के ज्ञान, क्षमता,कौशल, रूचि आदि की जांच की जाती है।
अवधि
यह सम्पूर्ण अकादमिक अवधि के दौरान निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।
यह पाठयक्रम की समाप्ति पर होने वाली प्रक्रिया है।
यह कभी भी या कभी-कभी चलने वाली प्रणाली है।
यह एक निश्चित समय के अन्तराल पर अपनाया जाने वाला उपकरण है जैसे कि मासिक,अर्धवार्षिक एवं वार्षिक आदि।
शिक्षण-शास्त्रीय
शिक्षण शास्त्र का हिस्सा है,जो पढ़ने-पढाने के साथ-साथ चलता है।
शिक्षण शास्त्र का हिस्सा है,जो पढ़ने-पढाने के अंत में उपलब्धियों के वर्गीकरण के लिए किया जाता रहा है।

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