बीच शिक्षा सत्र में फिर से प्रारंभिक शिक्षा के 15 स्कूलों को माध्यमिक में
मर्ज कर दिया गया है। ऐसे में यह बच्चे अब आदर्श माध्यमिक स्कूलों में
पढ़ने जाएंगे। पिछले सप्ताह बीकानेर में इन स्कूलों को मर्ज करने के लिए
फाइनल निर्देश दिए जा चुके हैं।
इनके शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर शिक्षकों की कमी बनी हुई है वहां पहुंचाया जाएगा। इसमें सूची भी बनना शुरू हो गई है। दरअसल पिछले शिक्षा सत्र में भी स्कूलों को माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में मर्ज किया गया था, लेकिन शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही मर्ज करने की कार्रवाई हो गई थी। इस साल बीच शिक्षा सत्र में मर्ज किया जा रहा है। इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा। स्कूलों को मर्ज करने के पीछे कारण बताया जा रहा है कि यह स्कूल आदर्श स्कूलों के एक किमी की दायरे में रहे हैं। शिक्षा विभाग का मानना है कि इतनी दूरी बच्चे आसानी से तय कर लेते हैं। ऐसे में इनका प्रवेश नजदीकी आदर्श स्कूलों में करवाया जाएगा। जबकि अभिभावकों का कहना है कि घर के नजदीक होने के चलते बच्चों का प्रवेश करवाया था। ऐसे में अब बच्चों को दूर के स्कूलों में जाना पड़ेगा। शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले यदि इस तरह का बदलाव किया जाता तो अच्छा होता। अब बीच सत्र में यह बदलाव किया गया है जो गलत है।
अबशिक्षकों की बना रहे सूची
15स्कूलों को समायोजित करने के बाद अब इन स्कूलों में तैनात शिक्षकों की भी सूची बनाई जा रही है। जो भी अतिरिक्त शिक्षक होंगे उन शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी झेलने वाले स्कूलों में पहुंचाया जाएगा। इन 15 स्कूलों में करीब 500 बच्चे और 30 से अधिक शिक्षक हैं। 30 से अधिक शिक्षकों को समायोजित करेंगे।
हालात:स्कूल भवन हो रहे खंडहर, नहीं दे रहे ध्यान
दोसालों से स्कूलों को मर्ज करने की कार्रवाई तो चल रही है, लेकिन जो स्कूल मर्ज होने के बाद बंद हो चुके हैं उनके भवनों पर किसी का ध्यान नहीं है। शिक्षा विभाग इन भवनों को अपनी संपत्ति तो मानता है, लेकिन इनकी सार संभाल करने से कतरा रहा है। अब इसके लिए कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी भवन खाली पड़े हैं उन्हें किसी भी विभाग को संभला दिया जाएगा। यदि विभाग को जरूरत नहीं है तो संबंधित ग्राम पंचायत या नगरीय निकाय से संपर्क किया जाएगा। इसको लेकर अब शिक्षा विभाग ऐसे भवनों के लिए विभागों और स्थानीय निकायों से संपर्क करने में लगा हुआ है। जिले में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के ऐसे 43 भवन हैं जो किसी काम नहीं रहे हैं।
^अभी 15 स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है। इनके शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है। सूची तैयार होने के बाद शिक्षकों के कमी वाले स्कूलों में इनको लगा दिया जाएगा। ओमप्रकाशचौधरी, एडीईओ माध्यमिक शिक्षा झालावाड़
इनके शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर शिक्षकों की कमी बनी हुई है वहां पहुंचाया जाएगा। इसमें सूची भी बनना शुरू हो गई है। दरअसल पिछले शिक्षा सत्र में भी स्कूलों को माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में मर्ज किया गया था, लेकिन शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही मर्ज करने की कार्रवाई हो गई थी। इस साल बीच शिक्षा सत्र में मर्ज किया जा रहा है। इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा। स्कूलों को मर्ज करने के पीछे कारण बताया जा रहा है कि यह स्कूल आदर्श स्कूलों के एक किमी की दायरे में रहे हैं। शिक्षा विभाग का मानना है कि इतनी दूरी बच्चे आसानी से तय कर लेते हैं। ऐसे में इनका प्रवेश नजदीकी आदर्श स्कूलों में करवाया जाएगा। जबकि अभिभावकों का कहना है कि घर के नजदीक होने के चलते बच्चों का प्रवेश करवाया था। ऐसे में अब बच्चों को दूर के स्कूलों में जाना पड़ेगा। शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले यदि इस तरह का बदलाव किया जाता तो अच्छा होता। अब बीच सत्र में यह बदलाव किया गया है जो गलत है।
अबशिक्षकों की बना रहे सूची
15स्कूलों को समायोजित करने के बाद अब इन स्कूलों में तैनात शिक्षकों की भी सूची बनाई जा रही है। जो भी अतिरिक्त शिक्षक होंगे उन शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी झेलने वाले स्कूलों में पहुंचाया जाएगा। इन 15 स्कूलों में करीब 500 बच्चे और 30 से अधिक शिक्षक हैं। 30 से अधिक शिक्षकों को समायोजित करेंगे।
हालात:स्कूल भवन हो रहे खंडहर, नहीं दे रहे ध्यान
दोसालों से स्कूलों को मर्ज करने की कार्रवाई तो चल रही है, लेकिन जो स्कूल मर्ज होने के बाद बंद हो चुके हैं उनके भवनों पर किसी का ध्यान नहीं है। शिक्षा विभाग इन भवनों को अपनी संपत्ति तो मानता है, लेकिन इनकी सार संभाल करने से कतरा रहा है। अब इसके लिए कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी भवन खाली पड़े हैं उन्हें किसी भी विभाग को संभला दिया जाएगा। यदि विभाग को जरूरत नहीं है तो संबंधित ग्राम पंचायत या नगरीय निकाय से संपर्क किया जाएगा। इसको लेकर अब शिक्षा विभाग ऐसे भवनों के लिए विभागों और स्थानीय निकायों से संपर्क करने में लगा हुआ है। जिले में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के ऐसे 43 भवन हैं जो किसी काम नहीं रहे हैं।
^अभी 15 स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है। इनके शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है। सूची तैयार होने के बाद शिक्षकों के कमी वाले स्कूलों में इनको लगा दिया जाएगा। ओमप्रकाशचौधरी, एडीईओ माध्यमिक शिक्षा झालावाड़
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