जयपुर| प्रदेश में आयोगों अधिकरणों में पदाधिकारियों के खाली पदों के मामले
में राज्य सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट को बताया कि उसने 90% नियुक्तियां
कर दी हैं और बाकी 10% पदों पर 6 सप्ताह में नियुक्ति कर देंगे।
इस पर कोर्ट ने कहा कि मामले में जुलाई 2015 में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था और तबसे डेढ़ साल हो गया, लेकिन अभी भी पद खाली चल रहे हैं। इसके अलावा कोर्ट ने सरकार को कहा कि वह आयोग अधिकरणों में नियुक्त किए पीठासीन अधिकारी सदस्यों की नियुक्ति रिटायरमेंट तिथि सहित योग्यता वेबसाइट पर डालें।
न्यायाधीश अजय रस्तोगी एसपी शर्मा की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश सोमवार को स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले में दिया। सुनवाई के दौरान न्याय मित्र अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि अभी भी मानवाधिकार आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग, आरपीएससी वक्फ ट्रिब्यूनल सहित अन्य जगहों पर पीठासीन अधिकारी सदस्यों के पद खाली हैं। अदालत के कई बार निर्देश के बाद भी तो नियुक्तियां हो रहीं और ही नियुक्त किए पीठासीन अधिकारियों सदस्यों की जानकारी वेबसाइट पर दी गई।
न्यायमित्र की दलील सुनने के बाद अदालत ने सरकार को उक्त निर्देश दिया।
इस पर कोर्ट ने कहा कि मामले में जुलाई 2015 में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था और तबसे डेढ़ साल हो गया, लेकिन अभी भी पद खाली चल रहे हैं। इसके अलावा कोर्ट ने सरकार को कहा कि वह आयोग अधिकरणों में नियुक्त किए पीठासीन अधिकारी सदस्यों की नियुक्ति रिटायरमेंट तिथि सहित योग्यता वेबसाइट पर डालें।
न्यायाधीश अजय रस्तोगी एसपी शर्मा की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश सोमवार को स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले में दिया। सुनवाई के दौरान न्याय मित्र अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि अभी भी मानवाधिकार आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग, आरपीएससी वक्फ ट्रिब्यूनल सहित अन्य जगहों पर पीठासीन अधिकारी सदस्यों के पद खाली हैं। अदालत के कई बार निर्देश के बाद भी तो नियुक्तियां हो रहीं और ही नियुक्त किए पीठासीन अधिकारियों सदस्यों की जानकारी वेबसाइट पर दी गई।
न्यायमित्र की दलील सुनने के बाद अदालत ने सरकार को उक्त निर्देश दिया।
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