भास्कर संवाददाता | कुचामन सिटी ग्राम पंचायतों में एक वर्ष के लिए संविदा पर होने वाली पंचायत सहायक
भर्ती को लेकर केवल सरपंचों ने विरोध का मोर्चा खोल दिया है बल्कि
पंचायतराज विभाग की ओर से जारी भर्ती से संबंधित परिपत्र में अस्पष्ट
निर्देशों के चलते अभ्यर्थियों में भी असमंजस का माहौल बन रहा है।
ऐसे में 28 नवम्बर को ग्राम सभाओं के माध्यम से होने वाली इस भर्ती की सफलता संदिग्ध लग रही है। विज्ञप्ति के अनुसार पर नागौर जिले में प्रत्येक ग्राम पंचायत में 3-3 पंचायत सहायकों की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए 28 नवंबर सुबह साढ़े 10 बजे तक ग्रामसेवक के समक्ष अभ्यर्थियों को आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। परिपत्र के अनुसार अभ्यर्थी की आयु न्यूनतम 18 एवं अधिकतम 40 वर्ष तथा शैक्षणिक योग्यता में न्यूनतम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। वहीं जिस पंचायत के लिए आवेदन किया जा रहा है उससे संबंधित पंचायत समिति क्षेत्र का मूल निवासी हो और एक अभ्यर्थी एक ही ग्राम पंचायत में आवेदन करने की अनिवार्यता रखी गई है। ग्राम सभा में उसी दिन 3-3 अभ्यर्थियों का चयन करने के बाद उसी दिन जिला परिषद सीईओ को सूची भिजवाई जानी है ताकि अगले दिन सीईओ की अध्यक्षता में होने वाली कमेटी की बैठक में अनुमोदन किया जा सके। परिपत्र में तो चयन का कोई आधार बताया गया है और ही इसके लिए स्पष्ट कोई गाइडलाइन जारी हुई है। दूसरी ओर सरकार की ओर से जिला परिषद अधिकारियों के मार्फत विकास अधिकारी और सरपंच-ग्राम सेवकों को भेजे गए मौखिक निर्देशों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया में विद्यार्थी मित्रों को समायोजित करने को कहा गया है।
सरपंच संघ ने बहिष्कार की दी चेतावनी
इधर,सरपंचों ने विद्यार्थी मित्रों को समायोजित करने के मौखिक आदेशों को नहीं मानने का ऐलान कर दिया है। सरपंच संघ के प्रदेश प्रवक्ता लालाराम अणदा ने बताया कि सरकार को विद्यार्थी मित्रों को लगाना है तो उसके लिए शिक्षा विभाग में ही कोई पद सृजित करना चाहिए था। ग्राम सभा के माध्यम से भर्ती कराने के जारी अस्पष्ट निर्देशों के कारण लड़ाई-झगड़े और विवाद की स्थितियों से भी दो-चार होना पड़ेगा। इसके अलावा बजट का कोई अलग प्रावधान नहीं है। राज्य वित्त आयोग से मिलने वाले अनुदान को इसमें खर्च नहीं किया जा सकता।
राज्य सरकार के पंचायतराज विभाग की ओर से जारी परिपत्र में चयन प्रक्रिया के बिंदु के तहत 28 नवम्बर को ग्राम सभा में निर्धारित फार्मेट मेंं आवेदन लेने के निर्देश तो दिए है लेकिन 12वीं पास के प्रत्येक पंचायत में सैकड़ों युवाओं द्वारा आवेदन करने की स्थिति में चयन करने के आधार के बारे में कोई गाइडलाइन नहीं दी गई। सैकड़ों आवेदनों की स्थिति में ग्राम सभा में आम सहमति से चयन होना व्यावहारिक तौर पर संभव भी नहीं होगा। इसके अलावा उच्चतम योग्यताधारियों के बारे में भी कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है।
^हमने सरकार के निर्देशों के अनुसार ग्राम सभा की विज्ञप्ति जारी की है, वहीं सरपंच और ग्रामसेवकों को भी परिपत्र के अनुसार निर्देश दिए हैं। चयन का आधार स्पष्ट नहीं होने की शिकायत मिली है, उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। विजयप्रकाशशर्मा, विकास अधिकारी, कुचामन सिटी
^ग्राम पंचायतों के पास आय का कोई स्रोत नहीं है। ऐसे में ग्राम पंचायत सहायकों को प्रतिमाह तनख्वाह देने का संकट रहेगा। ग्राम सभा में इनका चयन कराना मुश्किल होगा। सरकार को इनकी चयन प्रक्रिया अपने स्तर पर ही करनी चाहिए। लालारामअणदा, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान सरपंच संघ
ऐसे में 28 नवम्बर को ग्राम सभाओं के माध्यम से होने वाली इस भर्ती की सफलता संदिग्ध लग रही है। विज्ञप्ति के अनुसार पर नागौर जिले में प्रत्येक ग्राम पंचायत में 3-3 पंचायत सहायकों की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए 28 नवंबर सुबह साढ़े 10 बजे तक ग्रामसेवक के समक्ष अभ्यर्थियों को आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। परिपत्र के अनुसार अभ्यर्थी की आयु न्यूनतम 18 एवं अधिकतम 40 वर्ष तथा शैक्षणिक योग्यता में न्यूनतम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। वहीं जिस पंचायत के लिए आवेदन किया जा रहा है उससे संबंधित पंचायत समिति क्षेत्र का मूल निवासी हो और एक अभ्यर्थी एक ही ग्राम पंचायत में आवेदन करने की अनिवार्यता रखी गई है। ग्राम सभा में उसी दिन 3-3 अभ्यर्थियों का चयन करने के बाद उसी दिन जिला परिषद सीईओ को सूची भिजवाई जानी है ताकि अगले दिन सीईओ की अध्यक्षता में होने वाली कमेटी की बैठक में अनुमोदन किया जा सके। परिपत्र में तो चयन का कोई आधार बताया गया है और ही इसके लिए स्पष्ट कोई गाइडलाइन जारी हुई है। दूसरी ओर सरकार की ओर से जिला परिषद अधिकारियों के मार्फत विकास अधिकारी और सरपंच-ग्राम सेवकों को भेजे गए मौखिक निर्देशों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया में विद्यार्थी मित्रों को समायोजित करने को कहा गया है।
सरपंच संघ ने बहिष्कार की दी चेतावनी
इधर,सरपंचों ने विद्यार्थी मित्रों को समायोजित करने के मौखिक आदेशों को नहीं मानने का ऐलान कर दिया है। सरपंच संघ के प्रदेश प्रवक्ता लालाराम अणदा ने बताया कि सरकार को विद्यार्थी मित्रों को लगाना है तो उसके लिए शिक्षा विभाग में ही कोई पद सृजित करना चाहिए था। ग्राम सभा के माध्यम से भर्ती कराने के जारी अस्पष्ट निर्देशों के कारण लड़ाई-झगड़े और विवाद की स्थितियों से भी दो-चार होना पड़ेगा। इसके अलावा बजट का कोई अलग प्रावधान नहीं है। राज्य वित्त आयोग से मिलने वाले अनुदान को इसमें खर्च नहीं किया जा सकता।
राज्य सरकार के पंचायतराज विभाग की ओर से जारी परिपत्र में चयन प्रक्रिया के बिंदु के तहत 28 नवम्बर को ग्राम सभा में निर्धारित फार्मेट मेंं आवेदन लेने के निर्देश तो दिए है लेकिन 12वीं पास के प्रत्येक पंचायत में सैकड़ों युवाओं द्वारा आवेदन करने की स्थिति में चयन करने के आधार के बारे में कोई गाइडलाइन नहीं दी गई। सैकड़ों आवेदनों की स्थिति में ग्राम सभा में आम सहमति से चयन होना व्यावहारिक तौर पर संभव भी नहीं होगा। इसके अलावा उच्चतम योग्यताधारियों के बारे में भी कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है।
^हमने सरकार के निर्देशों के अनुसार ग्राम सभा की विज्ञप्ति जारी की है, वहीं सरपंच और ग्रामसेवकों को भी परिपत्र के अनुसार निर्देश दिए हैं। चयन का आधार स्पष्ट नहीं होने की शिकायत मिली है, उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। विजयप्रकाशशर्मा, विकास अधिकारी, कुचामन सिटी
^ग्राम पंचायतों के पास आय का कोई स्रोत नहीं है। ऐसे में ग्राम पंचायत सहायकों को प्रतिमाह तनख्वाह देने का संकट रहेगा। ग्राम सभा में इनका चयन कराना मुश्किल होगा। सरकार को इनकी चयन प्रक्रिया अपने स्तर पर ही करनी चाहिए। लालारामअणदा, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान सरपंच संघ
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