जैसलमेर.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीके स्वच्छ भारत मिशन को विद्यालय स्तर पर अमलीजामा पहनाने की गरज से केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से ‘शाला स्वच्छता पुरस्कार’ के लिए जैसलमेर जिले के बमुश्किल पांच फीसदी प्राथमिक विद्यालयों ने ही आवेदन किया है।
दरअसल, इस पुरस्कार के लिए संबंधित विद्यालय के संस्था प्रधान या कार्यरत शैक्षणिक स्टाफ में से किसी के एंड्रॉयड फोन से ही रजिस्टे्रशन यानी आवेदन किया जा सकता है। जैसलमेरजैसे हजारों वर्ग किलोमीटर में फैले जिले के दूर-दराज के गांवों में आए विद्यालयों में स्टाफ सदस्यों के पास या तो इंटरनेट की सुविधा वाले एंड्रॉयड मोबाइल हैंडसेट नहीं है अथवा हैंडसेट हैं तो इंटरनेट की वांछित स्पीडनहीं मिलती। यही वजह है कि अधिकांश विद्यालय शाला स्वच्छता पुरस्कार के लिए आवेदन करने के प्रतिदिलचस्पी नहीं दर्शा रहे हैं।क्या है शाला स्वच्छता पुरस्कारजानकारी के अनुसार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सरकारी विद्यालयों में स्वच्छता के प्रति अधिकाधिक चेतना जागृत करने के लिए शाला स्वच्छता पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की है।यह पुरस्कार राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर पहले तीन स्थानों पर आने वाले विद्यालयों को दिए जाने हैं। इसके लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि पूर्व में ३१ जुलाई निर्धारित की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर १२ अगस्त तक किया गया है। जानकारी के अनुसार अब तक जिले के करीब ११०० सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में से करीब ६५ ने ही रजिस्टे्रशन के जरिए आवेदन किया है।यह है प्रक्रियाशाला स्वच्छता पुरस्कार के लिए संबंधित विद्यालय के संस्था प्रधान एवं अन्यस्टाफ के शाला दर्शन और शालादर्पण में रजिस्टर्ड मोबाइल न बर से मंत्रालय की ओर से दिए गए टॉल फ्री न बर पर मिस्ड कॉल देना होता है। इसके बाद सर्चइंजन गूगल से एप डाउनलोड कर आवेदन की प्रक्रिया पूरी की जाती है।बताया जाता हैकि एंड्रॉयडफोन अगरब्रॉडबैंडके वाइ-फाइ नेटवर्क से जुड़ा हो तब भी रजिस्टे्रशन करने मेंएक-डेढ़ घंटा का समय लग जाता है। ऐसे में गांवों में बमुश्किल मिलने वाली २ जी स्पीड के नेटवर्क से रजिस्टे्रशन करवाया जाना बहुत कठिन है। इसके अलावा दूरदराज के गांव-ढाणियों में जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची, वहां इंटरनेट के नेटवर्क की उ मीद करना बेमानी है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अनुसार ब्रॉडबैंडकी सुविधा वाले क प्यूटर से भी रजिस्टे्रशन करवाया जा सकता हैमगर यहां भी जिले की विषम भौगोलिक परिस्थितियां और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में भौतिक एवं तकनीकी संसाधनों की कमी आड़े आ रही है।मानदंडों पर क्या खरे उतरेंगे जिले के विद्यालय?जानकारी के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से शाला स्वच्छता पुरस्कार के लिए जो मानदंडबनाए गए हैं, उन पर खरा उतरना जिले के अधिकांश सरकारी प्राथमिक स्तर के विद्यालयों के लिए आसान नहींहै। मसलन, जिले के विद्यालयों में पानी का टांका है परंतु उनमें से पानी निकालने के लिए हैंडप प नहीं लगा है। ऐसे ही यहां बाल्टी में पानी भरकर मग के जरिए हाथ-पांव धोने की व्यवस्था होती है मगर विभाग एक पाइप में ८-१० नलों से हाथ धोने की व्यवस्था पर जोर देता है।बेहद कमजोर है स्थितिशाला स्वच्छता पुरस्कार के लिए आवेदन के लिहाज से जिले के विद्यालयों ने अब तक बहुत कम सं या में रजिस्टे्रशन करवाया है। माना जा सकता है कि स्थिति बहुत कमजोर है।सभीब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों से आवेदन अवश्य करवाएं।विशाल क्षेत्रफल वाले जिले के विद्यालयों में तकनीकी अड़चनें सामने आ रही हैं।-प्रतापसिंह कस्वा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, जैसलमेर
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
दरअसल, इस पुरस्कार के लिए संबंधित विद्यालय के संस्था प्रधान या कार्यरत शैक्षणिक स्टाफ में से किसी के एंड्रॉयड फोन से ही रजिस्टे्रशन यानी आवेदन किया जा सकता है। जैसलमेरजैसे हजारों वर्ग किलोमीटर में फैले जिले के दूर-दराज के गांवों में आए विद्यालयों में स्टाफ सदस्यों के पास या तो इंटरनेट की सुविधा वाले एंड्रॉयड मोबाइल हैंडसेट नहीं है अथवा हैंडसेट हैं तो इंटरनेट की वांछित स्पीडनहीं मिलती। यही वजह है कि अधिकांश विद्यालय शाला स्वच्छता पुरस्कार के लिए आवेदन करने के प्रतिदिलचस्पी नहीं दर्शा रहे हैं।क्या है शाला स्वच्छता पुरस्कारजानकारी के अनुसार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सरकारी विद्यालयों में स्वच्छता के प्रति अधिकाधिक चेतना जागृत करने के लिए शाला स्वच्छता पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की है।यह पुरस्कार राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर पहले तीन स्थानों पर आने वाले विद्यालयों को दिए जाने हैं। इसके लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि पूर्व में ३१ जुलाई निर्धारित की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर १२ अगस्त तक किया गया है। जानकारी के अनुसार अब तक जिले के करीब ११०० सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में से करीब ६५ ने ही रजिस्टे्रशन के जरिए आवेदन किया है।यह है प्रक्रियाशाला स्वच्छता पुरस्कार के लिए संबंधित विद्यालय के संस्था प्रधान एवं अन्यस्टाफ के शाला दर्शन और शालादर्पण में रजिस्टर्ड मोबाइल न बर से मंत्रालय की ओर से दिए गए टॉल फ्री न बर पर मिस्ड कॉल देना होता है। इसके बाद सर्चइंजन गूगल से एप डाउनलोड कर आवेदन की प्रक्रिया पूरी की जाती है।बताया जाता हैकि एंड्रॉयडफोन अगरब्रॉडबैंडके वाइ-फाइ नेटवर्क से जुड़ा हो तब भी रजिस्टे्रशन करने मेंएक-डेढ़ घंटा का समय लग जाता है। ऐसे में गांवों में बमुश्किल मिलने वाली २ जी स्पीड के नेटवर्क से रजिस्टे्रशन करवाया जाना बहुत कठिन है। इसके अलावा दूरदराज के गांव-ढाणियों में जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची, वहां इंटरनेट के नेटवर्क की उ मीद करना बेमानी है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अनुसार ब्रॉडबैंडकी सुविधा वाले क प्यूटर से भी रजिस्टे्रशन करवाया जा सकता हैमगर यहां भी जिले की विषम भौगोलिक परिस्थितियां और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में भौतिक एवं तकनीकी संसाधनों की कमी आड़े आ रही है।मानदंडों पर क्या खरे उतरेंगे जिले के विद्यालय?जानकारी के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से शाला स्वच्छता पुरस्कार के लिए जो मानदंडबनाए गए हैं, उन पर खरा उतरना जिले के अधिकांश सरकारी प्राथमिक स्तर के विद्यालयों के लिए आसान नहींहै। मसलन, जिले के विद्यालयों में पानी का टांका है परंतु उनमें से पानी निकालने के लिए हैंडप प नहीं लगा है। ऐसे ही यहां बाल्टी में पानी भरकर मग के जरिए हाथ-पांव धोने की व्यवस्था होती है मगर विभाग एक पाइप में ८-१० नलों से हाथ धोने की व्यवस्था पर जोर देता है।बेहद कमजोर है स्थितिशाला स्वच्छता पुरस्कार के लिए आवेदन के लिहाज से जिले के विद्यालयों ने अब तक बहुत कम सं या में रजिस्टे्रशन करवाया है। माना जा सकता है कि स्थिति बहुत कमजोर है।सभीब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों से आवेदन अवश्य करवाएं।विशाल क्षेत्रफल वाले जिले के विद्यालयों में तकनीकी अड़चनें सामने आ रही हैं।-प्रतापसिंह कस्वा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, जैसलमेर
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