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शिक्षा विभाग की सबसे बड़ी खामी : सुनकर हर कोई हो गया हैरान

अलवर. शिक्षा विभाग की ओर से स्टाफिंग पैटर्न के तहत की जा रही ऑनलाइन काउंसलिंग में सम्बन्धित अधिकारियों की अनदेखी के चलते कई एेसी खामियां मिली हैं, जो विभागीय कार्यशैली पर ही सवालिया निशान खड़ा करती है। सूची में एेसे भी नाम हैं, जिनमें उनकी जन्म तिथि से पहले नौकरी ज्वाइन करना दिखाया गया है। वहीं कई शिक्षकों के विषय ही बदल दिए।
कई शिक्षकों का नाम ही तीन-तीन विषयों में है।
दरअसल, गणित व विज्ञान लेवल-2 की पात्रता सूची में क्रमांक संख्या 4 पर शीला बत्रा की जन्म तिथि 22 अगस्त 1990 दिखाई है, जबकि ज्वाइनिंग तिथि 13 सितम्बर 1985 दिखाई है। इसी प्रकार क्रमांक 18 पर पुनीता शर्मा की जन्म तिथि तो 1 जुलाई 1999 दिखाई, लेकिन ज्वाइनिंग तिथि 21 अप्रेल 1994 दिखा दी।
क्रमांक नम्बर 33 पर शिमला देवी की जन्म तिथि 15 जुलाई 1992 बताई है, जबकि उसकी ज्वाइनिंग तिथि 5 दिसम्बर 1998 दिखाई है। क्रमांक नम्बर 54 पर दिखाई पूनम यादव की जन्म तिथि तो 1994 है, लेकिन इसमें भी ज्वाइनिंग तिथि 19 अप्रेल 2005 दिखा दी। एेसे में शिक्षक सूची में संशोधन को लेकर परेशान होते रहे।
115 साल पहले लिया जन्म!
अंग्रेजी विषय की सूची देखे तो इसमें क्रमांक नम्बर 54 पर दर्शाई सुधा जैमन की जन्म तिथि 1900 दिखाई है, जिसके हिसाब से उनकी उम्र 115 वर्ष है। अर्चना यादव का जन्म 1982 में दिखाया है, जबकि नियुक्ति तिथि 1988 दिखाई है। इतना ही नहीं, अंग्रेजी विषय में नीलम चौधरी, रचना, कल्पना यादव, गीता यादव, मंजीत व मनोज कुमारी सहित एक दर्जन महिला शिक्षिकाओं की जन्म तिथि भी 1900 अंकित कर दी।
सेवानिवृत्ति के कागजात और काउंसलिंग के लिए बुलाया
ऑनलाइन काउन्सलिंग में ऐसे मामले भी आए, जिसमें कई शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के कागजात भी बनकर तैयार हो रहे हैं, लेकिन उन्हें भी काउन्सलिंग के लिए बुला लिया। राजकीय सीनियर माध्यमिक विद्यालय अजबपुरा की शिक्षिका स्वदेश धींगड़ा की 2 माह बाद ही सेवानिवृत्ति है, लेकिन उन्हें भी काउंसलिंग के लिए बुला लिया। राजकीय सीनियर  माध्यमिक विद्यालय बहाला के शिक्षिका शारदा खत्री का चार माह में रिटायर्डमेंट हैं, लेकिन उन्हें भी समायोजन के लिए बुलाया गया है।
पंचायती राज शिक्षक संघ के प्रवक्ता मुकेश मीणा का कहना है कि सेवानिवृत्ति के समीप वाले शिक्षकों को ऑनलाइन काउंसलिंग में नियमानुसार शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
कुछ खामियां थी
ओमप्रकाश शर्मा जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रथम अलवर ने बताया कि ऑनलाइन काउंसलिंग में इतनी भारी गलती नहीं थी, जितना विरोध किया गया। सूची में कुछ खामियां थी, जिन्हें बाद में भी विकल्प पत्र भराते समय दुरुस्त कराया जा सकता है। गलतियों को सही कर शाम तक ऑनलाइन काउंसलिंग की गई। एक सामान्य शिक्षक का नाम दिव्यांग में कैसे जोड़ा गया, इसकी जांच करवाई जाएगी।

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