दैनिकभास्कर द्वारा सूची में हुए घपले का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित
करने के बाद शनिवार को शिक्षकों ने भास्कर को धन्यवाद दिया। हर शिक्षक की
जुबान पर भास्कर द्वारा किए गए खुलासे की सराहना थी। साथ ही दुरुस्त सूची
में उन दो शिक्षकों हंसराज मेहरा संदीप कुमार यादव को वरीयता सूची में 221
203 क्रमांक पर रखा गया। इनका पूर्व में क्रमांक 152 153 था।
सुबह नौ बजे शिक्षाधिकारी गड़बड़ी से तैयार सूची से काउंसलिंग करने की पूरी तैयारी कर चुके थे। टोकन बांट दिए। तभी बड़ी संख्या में शिक्षकों का एक समूह राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष मूलचंद गुर्जर,राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के विनेादपाल यादव और राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के राजेंद्र प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में मंच पर चढ़ गया और सूची ठीक करने की मांग पर अड़ा रहा। उन्होंने भास्कर में प्रकाशित समाचार को लहराया और अधिकारियों से उन नामों के बारे में जवाब मांगा जो खबर में प्रकाशित थे। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर शिक्षक नेता और शिक्षक भड़क गए और काउंसलिंग स्थगित करने की मांग कर नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच डीईओ ओमप्रकाश सहित शिक्षाधिकारी आए और समझाइश की। समझाइश में यह तय हुआ कि सबसे पहले परिवेदना ली जाएंगी और उसके बाद सूची को दुरुस्त कर दुबारा बनाया जाएगा और चस्पा किया जाएगा। इसके बाद ही काउंसलिंग शुरू होगी। तब जाकर शिक्षक शांत हुए।
भास्कर संवाददाता|अलवर
शिक्षा विभाग की ओर से शनिवार को हुई हिंदी विषय की काउंसलिंग शुरुआत से ही विरोध में रही और हंगामे की भेंट चढ़ गई। रविवार को गणित,विज्ञान संस्कृत के शिक्षकों की काउंसलिंग होगी। हैपी स्कूल स्थित कला भारती रंगमंच पर होने वाली काउंसलिंग की सूची में डीईओ सहित टीम द्वारा घपले किए जाने का आरोप लगाते हुए शिक्षकों ने काउंसलिंग को रुकवा दिया और नारेबाजी शुरू कर दी। शिक्षा अधिकारी दो सामान्य अभ्यर्थियों को विकलांग श्रेणी में अपात्र आधा दर्जन महिलाओं को लाभ देने की फिराक में थे। साढ़े पांच घंटे चले हंगामे के बाद सूची को निरस्त करते हुए दुबारा से तैयार किया गया और चस्पा किया गया। इस सूची में विकलांग श्रेणी के सिर्फ दो नाम ही पूर्व की सूची के बचे। शेषपेज|16
घटनाक्रमके करीब दो घंटे बाद उपनिदेशक मधुसूदन हैपी स्कूल पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने काउंसलिंग शुरू कराने के भरसक प्रयास किए,लेकिन विफल रहे। शिक्षकों की मांग थी कि सूची को दुरुस्त करने के बाद ही काउंसलिंग शुरू कराई जाए। काफी हंगामे के बाद करीब पौने तीन बजे से काउंसलिंग को दुबारा से शुरू किया गया।
जिस अभ्यर्थी को विकलांग बनाकर सबसे ऊपर बिठाया वही खुद आकर बोला मैं विकलांग नहीं हूं-
डीईओ का घेराव,जमकर सुनाई खरीखोटी,शिक्षामंत्री मुर्दाबाद के लगाए नारे,झेंप गए अधिकारी
अलवर। लिस्ट में पहले नंबर सुनील कुमार को विकलांग श्रेणी में दिखाते हुए सबसे ऊपर दिखाया गया था। शिक्षक नेता मूलचंद गुर्जर से शुरुआत में ही खुद सुनील आकर बोला मैं विकलांग नहीं हूं मेरा नाम ऊपर क्यों डाला गया है। गुर्जर ने इस प्रकरण पर आवाज उठाई और डीईओ को बताया। अनसुनी के कारण गुर्जर ने सूची दुरुस्त होने तक काउंसलिंग को स्थगित करने की घोषणा कर दी। काउंसलिंग की शुरुआत में हुए इस खुलासे के बाद शिक्षक और भी ज्यादा उग्र हो गए और डीईओ ओमप्रकाश शर्मा सहित टीम को जमकर खरीखोटी सुनाई। शिक्षकों ने तो अधिकारियों पर पैसों के लेन-देन तक का आरोप लगाया। इस अभ्यर्थी को बाद में ढूंढने के काफी प्रयास किए गए लेकिन वह मौके से गायब हो गया। डीईओ का कहना है कि हम पता करवा रहे हैं कि गलती किस स्तर पर हुई है। जल्दी ही कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना था कि प्रमाणपत्र के आधार पर ही विकलांग श्रेणी में शामिल किया गया था। यह प्रमाण पत्र संबंधित संस्था प्रधान से फारवर्ड होकर ही आता है। ऐसे में कौन-कौन इस प्रकरण में लिप्त है उसकी पहचान की जा रही है।
जांच के लिए बीईईओ को थमाई सूचियां
विवाद के शुरुआती दौर में यह बात सामने आई कि सूचियों में गड़बड़ी एलीमेंट्री विभाग की ओर से हुई है। इस पर डीईओ एलीमेंट्री रोहिताश मित्तल ने तमाम बीईईओ को सूचियां थमाई और जांच करने के लिए कहा। बाद में पता चला कि मुख्य सूची में सिर्फ 36 नाम ही ऐसे थे जो प्रारंभिक शिक्षा के थे। ऐसे में इन सूचियों में कोई गड़बड़ी नहीं मिली।
परिवेदनाओं से घिरे शिक्षाधिकारी
सूची पर हुए विवाद के बाद जैसे ही परिवेदनाएं लेने की बात तय हुई तो परिवेदना देने वालों की भीड़ लग गई। डीईओ माध्यमिक द्वितीय मनमोहन शर्मा,एडीईओ चाणक्य लाल,रविकांत शर्मा सहित शिक्षाधिकारी पर
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
सुबह नौ बजे शिक्षाधिकारी गड़बड़ी से तैयार सूची से काउंसलिंग करने की पूरी तैयारी कर चुके थे। टोकन बांट दिए। तभी बड़ी संख्या में शिक्षकों का एक समूह राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष मूलचंद गुर्जर,राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के विनेादपाल यादव और राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के राजेंद्र प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में मंच पर चढ़ गया और सूची ठीक करने की मांग पर अड़ा रहा। उन्होंने भास्कर में प्रकाशित समाचार को लहराया और अधिकारियों से उन नामों के बारे में जवाब मांगा जो खबर में प्रकाशित थे। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर शिक्षक नेता और शिक्षक भड़क गए और काउंसलिंग स्थगित करने की मांग कर नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच डीईओ ओमप्रकाश सहित शिक्षाधिकारी आए और समझाइश की। समझाइश में यह तय हुआ कि सबसे पहले परिवेदना ली जाएंगी और उसके बाद सूची को दुरुस्त कर दुबारा बनाया जाएगा और चस्पा किया जाएगा। इसके बाद ही काउंसलिंग शुरू होगी। तब जाकर शिक्षक शांत हुए।
भास्कर संवाददाता|अलवर
शिक्षा विभाग की ओर से शनिवार को हुई हिंदी विषय की काउंसलिंग शुरुआत से ही विरोध में रही और हंगामे की भेंट चढ़ गई। रविवार को गणित,विज्ञान संस्कृत के शिक्षकों की काउंसलिंग होगी। हैपी स्कूल स्थित कला भारती रंगमंच पर होने वाली काउंसलिंग की सूची में डीईओ सहित टीम द्वारा घपले किए जाने का आरोप लगाते हुए शिक्षकों ने काउंसलिंग को रुकवा दिया और नारेबाजी शुरू कर दी। शिक्षा अधिकारी दो सामान्य अभ्यर्थियों को विकलांग श्रेणी में अपात्र आधा दर्जन महिलाओं को लाभ देने की फिराक में थे। साढ़े पांच घंटे चले हंगामे के बाद सूची को निरस्त करते हुए दुबारा से तैयार किया गया और चस्पा किया गया। इस सूची में विकलांग श्रेणी के सिर्फ दो नाम ही पूर्व की सूची के बचे। शेषपेज|16
घटनाक्रमके करीब दो घंटे बाद उपनिदेशक मधुसूदन हैपी स्कूल पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने काउंसलिंग शुरू कराने के भरसक प्रयास किए,लेकिन विफल रहे। शिक्षकों की मांग थी कि सूची को दुरुस्त करने के बाद ही काउंसलिंग शुरू कराई जाए। काफी हंगामे के बाद करीब पौने तीन बजे से काउंसलिंग को दुबारा से शुरू किया गया।
जिस अभ्यर्थी को विकलांग बनाकर सबसे ऊपर बिठाया वही खुद आकर बोला मैं विकलांग नहीं हूं-
डीईओ का घेराव,जमकर सुनाई खरीखोटी,शिक्षामंत्री मुर्दाबाद के लगाए नारे,झेंप गए अधिकारी
अलवर। लिस्ट में पहले नंबर सुनील कुमार को विकलांग श्रेणी में दिखाते हुए सबसे ऊपर दिखाया गया था। शिक्षक नेता मूलचंद गुर्जर से शुरुआत में ही खुद सुनील आकर बोला मैं विकलांग नहीं हूं मेरा नाम ऊपर क्यों डाला गया है। गुर्जर ने इस प्रकरण पर आवाज उठाई और डीईओ को बताया। अनसुनी के कारण गुर्जर ने सूची दुरुस्त होने तक काउंसलिंग को स्थगित करने की घोषणा कर दी। काउंसलिंग की शुरुआत में हुए इस खुलासे के बाद शिक्षक और भी ज्यादा उग्र हो गए और डीईओ ओमप्रकाश शर्मा सहित टीम को जमकर खरीखोटी सुनाई। शिक्षकों ने तो अधिकारियों पर पैसों के लेन-देन तक का आरोप लगाया। इस अभ्यर्थी को बाद में ढूंढने के काफी प्रयास किए गए लेकिन वह मौके से गायब हो गया। डीईओ का कहना है कि हम पता करवा रहे हैं कि गलती किस स्तर पर हुई है। जल्दी ही कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना था कि प्रमाणपत्र के आधार पर ही विकलांग श्रेणी में शामिल किया गया था। यह प्रमाण पत्र संबंधित संस्था प्रधान से फारवर्ड होकर ही आता है। ऐसे में कौन-कौन इस प्रकरण में लिप्त है उसकी पहचान की जा रही है।
जांच के लिए बीईईओ को थमाई सूचियां
विवाद के शुरुआती दौर में यह बात सामने आई कि सूचियों में गड़बड़ी एलीमेंट्री विभाग की ओर से हुई है। इस पर डीईओ एलीमेंट्री रोहिताश मित्तल ने तमाम बीईईओ को सूचियां थमाई और जांच करने के लिए कहा। बाद में पता चला कि मुख्य सूची में सिर्फ 36 नाम ही ऐसे थे जो प्रारंभिक शिक्षा के थे। ऐसे में इन सूचियों में कोई गड़बड़ी नहीं मिली।
परिवेदनाओं से घिरे शिक्षाधिकारी
सूची पर हुए विवाद के बाद जैसे ही परिवेदनाएं लेने की बात तय हुई तो परिवेदना देने वालों की भीड़ लग गई। डीईओ माध्यमिक द्वितीय मनमोहन शर्मा,एडीईओ चाणक्य लाल,रविकांत शर्मा सहित शिक्षाधिकारी पर
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC