जालोर. प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षाओं की शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने को
लेकर शिक्षा विभाग की और से जिले के ६६ विद्यालयों को निकट के विद्यालय में
समन्वित किया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इससे
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षाओं की बेहतर मॉनीटरिंग हो सकेगी।
गत सत्र में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से किए गए निरीक्षण के दौरान कई विद्यालय एक ही परिसर में तो कई विद्यालय पास-पास चलते पाए गए। विभाग का मानना है कि एक ही गांव में पास-पास और एक ही परिसर में दो विद्यालय संचालित होने से दोनों ही विद्यालयों के नामांकन पर असर पड़ रहा है। ऐसे में पास-पास चलने वाले विद्यालयों का एकीकृत कर एक ही विद्यालय में संचालन करने के लिए छोटे विद्यालय को पास के ही बड़े विद्यालय में समन्वित किया गया है। जालोर जिले में ऐसे ६६ विद्यालय है। जिन्हें नजदीक के उच्च माध्यमिक, माध्यमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में सम्मिलित किया गया है।
अधिकांश बालिका विद्यालय हुए समन्वित
ग्रामीण क्षेत्रों में न्यून संख्या वाले राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालयों को गांव के ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है। जालोर ब्लॉक केे दो, आहोर के दो, सायला के चार, भीनमाल के सात, जसवंतपुरा के दो, चितलवाना के दो और सांचौर के एक राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय को निकट के उच्च माध्यमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है। समन्वित किए गए इन विद्यालयों की स्थायी व अस्थायी परिसम्पति भी स्वत: ही संबंधित उच्च माध्यमिक विद्यालय में हस्तान्तरित हो जाएगी।इन तरह भीनमाल के एक बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय को निकट के बालिका उच्च माध्यमिक में और एक प्राथमिक विद्यालय को माध्यमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है।
३९ प्राथमिक स्कूलों का उच्च प्राथमिक में समन्वय
जिले में एक ही राजस्व ग्राम में चल रहे न्यून संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों को निकट के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है। इसमें सायला ब्लॉक के १४, भीनमाल को एक, सांचौर के १२, रानीवाड़ा के दस, जसवंतपुरा के दो प्राथमिक विद्यालयों को पास के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है।
६६ विद्यालय समन्वित
जिले में न्यून नामांकन व पास-पास संचालित हो रहे ६६ उच्च प्राथमिक व प्राथमिक विद्यालयों को निकट के उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है।
-नरेन्द्र परमार
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान जालोर
प्रभावी मॉनीटरिंग होगी
कम नामांकन होने से प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षाओं का माध्यमिक में समन्वय करने से इन कक्षाओं में बेहतर शिक्षण होगा। वहीं छोटी कक्षाओं पर प्रभावी मॉनीटरिंग भी होगी। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
-श्यामसुंदर सोलंकी
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) जालोर
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
गत सत्र में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से किए गए निरीक्षण के दौरान कई विद्यालय एक ही परिसर में तो कई विद्यालय पास-पास चलते पाए गए। विभाग का मानना है कि एक ही गांव में पास-पास और एक ही परिसर में दो विद्यालय संचालित होने से दोनों ही विद्यालयों के नामांकन पर असर पड़ रहा है। ऐसे में पास-पास चलने वाले विद्यालयों का एकीकृत कर एक ही विद्यालय में संचालन करने के लिए छोटे विद्यालय को पास के ही बड़े विद्यालय में समन्वित किया गया है। जालोर जिले में ऐसे ६६ विद्यालय है। जिन्हें नजदीक के उच्च माध्यमिक, माध्यमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में सम्मिलित किया गया है।
अधिकांश बालिका विद्यालय हुए समन्वित
ग्रामीण क्षेत्रों में न्यून संख्या वाले राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालयों को गांव के ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है। जालोर ब्लॉक केे दो, आहोर के दो, सायला के चार, भीनमाल के सात, जसवंतपुरा के दो, चितलवाना के दो और सांचौर के एक राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय को निकट के उच्च माध्यमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है। समन्वित किए गए इन विद्यालयों की स्थायी व अस्थायी परिसम्पति भी स्वत: ही संबंधित उच्च माध्यमिक विद्यालय में हस्तान्तरित हो जाएगी।इन तरह भीनमाल के एक बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय को निकट के बालिका उच्च माध्यमिक में और एक प्राथमिक विद्यालय को माध्यमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है।
३९ प्राथमिक स्कूलों का उच्च प्राथमिक में समन्वय
जिले में एक ही राजस्व ग्राम में चल रहे न्यून संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों को निकट के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है। इसमें सायला ब्लॉक के १४, भीनमाल को एक, सांचौर के १२, रानीवाड़ा के दस, जसवंतपुरा के दो प्राथमिक विद्यालयों को पास के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है।
६६ विद्यालय समन्वित
जिले में न्यून नामांकन व पास-पास संचालित हो रहे ६६ उच्च प्राथमिक व प्राथमिक विद्यालयों को निकट के उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में समन्वित किया गया है।
-नरेन्द्र परमार
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान जालोर
प्रभावी मॉनीटरिंग होगी
कम नामांकन होने से प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षाओं का माध्यमिक में समन्वय करने से इन कक्षाओं में बेहतर शिक्षण होगा। वहीं छोटी कक्षाओं पर प्रभावी मॉनीटरिंग भी होगी। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
-श्यामसुंदर सोलंकी
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) जालोर
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC