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CBSE STUDENTS‬ के लिए खुशखबरी, खत्म हो सकता है समस्या समाधान मूल्यांकन

‪‎CBSE STUDENTS‬ के लिए खुशखबरी, खत्म हो सकता है समस्या समाधान मूल्यांकन
अजमेर/रक्तिम तिवारी । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्घ स्कूलों में नवीं और ग्यारहवीं कक्षा में होने वाला समस्या समाधान मूल्यांकन खत्म हो सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसके पक्ष में नहीं है। बोर्ड को भी मूल्यांकन को लेकर स्कूलों और शिक्षाविदों से लगातार फीडबैक मिल रहा है।

नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों में बौद्धिक स्तर, समस्याओं के समाधन और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड ने वर्ष 2012-13 से समस्या समाधान मूल्यांकन लागू किया। इसमें विद्यार्थियों से भाषा, तार्किक और अन्य विषयों के प्रश्न पूछे जाते हैं। मूल्यांकन के आधार पर विद्यार्थियों को दसवीं और बारहवीं की परीक्षा तैयारी में मदद मिलती है। बोर्ड से सम्बद्ध अजमेर, इलाहाबाद, चेन्नई, पंचकुला, नई दिल्ली, गुवाहाटी, पटना, देहरादून, त्रिवेंद्र भुवनेश्वर रीजन के स्कूलों में बीते तीन सत्रों से मूल्यांकन जारी है।
विद्यार्थियों को नहीं खास फायदा
हाल में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने समस्या समाधान मूल्यांकन को लेकर बीते सत्रों की रिपोर्ट तलब की। इसमें विद्यार्थियों को खास फायदा नहीं होने की बात सामने आई। मंत्रालय की मानें तो नवीं कक्षा से ही अधिकांश विद्यार्थी इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबंधन और अन्य परीक्षाओं की तैयारियों के लिए निजी संस्थाओं में कोचिंग करते हैं। उनका पूरा ध्यान दसवीं और बारहवीं सहित प्रतियोगी परीक्षाओं में रहता है। कई स्कूलों में नवीं और ग्यारहवीं में सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) लागू है। ऐसे में विद्यार्थियों पर समस्या समाधान मूल्यांकन का अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है।
फीडबैक मिलना जारी
समस्या समाधान मूल्यांकन के बारे में सीबीएसई को फीडबैक मिलना जारी है। इनमें स्कूल, शिक्षाविद और विद्यार्थी शामिल हैं। नवीं और ग्यारहवीं में विद्यार्थियों को स्कूली परीक्षाओं के अलावा मूल्यांकन परीक्षा देनी पड़ रही है। किसी विषय में कम अंक मिलने पर उसमें सुधार की बाध्यता भी बनी हुई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को मिली विपरीत रिपोर्ट के बाद बोर्ड पसोपेश में है। परीक्षा और अकादमिक विभाग ने मूल्यांकन को समाप्त करने की योजना भी बना ली है।
यूं होता है मूल्यांकन
समस्या समाधान मूल्यांकन में सामाजिक विज्ञान, कला और संस्कृति, गणित-विज्ञान सहित भाषायी कौशल की परख होती है। बोर्ड स्कूलों को ओएमआर शीट, उपस्थिति/अनुपस्थिति शीट, प्रश्न पत्र और अन्य सामग्री भिजवाता है। गुणात्मक तर्क शक्ति के 18, भाषायी ज्ञान (व्याकरण, शब्दज्ञान और अन्य) के 24 अंक, बौद्धिक तर्क शक्ति के 18 अंक होते हैं।

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