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शिक्षक अधिवेशन स्थल वीरान, निपटाए अपने काम

बांसवाड़ा. जिले में शिक्षक अधिवेशन के दो दिन औपचारिकताओं में सिमट कर रह गए। पहला दिन जहां उद्घाटन की रस्म अदायगी व आतिथ्य सत्कार में बीता, वहीं दूसरे दिन अधिकतर आयोजन स्थलों पर शिक्षकों की उपस्थिति नाममात्र की रही। दो दिनों में अधिकांश शिक्षकों ने अधिवेशन से दूरी बनाए रखी।

आलम यह रहा कि शिक्षा से जुड़े संगठनों की सदस्यता लेने वाले शिक्षक भी पूरी तरह से उपस्थित नहीं हो पाए। एेसे में सरकार ने जिस मंशा से अधिवेशन के लिए दो दिन दिए थे, वे पूरी तरह से सार्थक नहीं हो पाए। राजस्थान पत्रिका ने मंगलवार को अधिवेशन स्थलों की पड़ताल की तो सच्चाई भी कुछ इसी रूप में सामने आई। कुछेक शिक्षक तो शहर के बाजार में घर के कामकाज निपटाते नजर आए।
हजारों के दावे, पर सच्चाई जुदा
शिक्षा से जुड़े संगठनों का दावा है कि उनसे सदस्यता हजारों शिक्षकों ने ले रखी है, लेकिन अधिवेशन में उपस्थिति की सच्चाई जुदा है। माध्यमिक शिक्षा में 1760 एवं प्रारंभिक शिक्षा के अधीन करीब 7 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षक हंै। जिले में अलग-अलग स्थानों पर हुए विभिन्न संगठनों में शिक्षकों की संख्या दस से बीस फीसदी का आंकड़ा ही छू पाई। शिक्षकों की उपस्थिति तो बेहद न्यून रही। माध्यमिक में संस्था प्रधानों की संख्या 71 एवं प्रधानाचार्यों की संख्या 180 है, लेकिन इनसे जुड़े संगठनों के अधिवेशन में भी आंकड़ा कम ही रहा।
यहां एेसे रहे हालात
घाटोल. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के यहां मीणा समाज संस्थान भवन में अधिवेशन के दूसरे दिन ताले लगे हुए थे। पहले दिन शिक्षक संगठनों ने स्वागत गेट लगाकर जनप्रतिनिधियों की खूब आवभगत की, वही दूसरे दिन कोई भी नजर नहीं आया। इधर, विभिन्न संगठनों ने दो दिवसीय के मंथन की कागजी औपचारिकताएं पूरी करते हुए सरकार को विभिन्न मांगें भी भेजी है। शिक्षक संघ राष्ट्रीय की सदस्यता 6 हजार है, दूसरे दिन महज 400 शिक्षक ही आए।
चंद्रपोल में ताले, पृथ्वीगंज में लाले
शिक्षा सेवा परिषद के अधिवेशन स्थल राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय चंद्रपोल गेट में ताले लगे हुए थे। कार्मिकों ने बताया कि कल आए थे, आज तो कोई भी नहीं आया है। वरिष्ठ अध्यापकों के संघ के सम्मेलन स्थल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पृथ्वीगंज में सात से आठ शिक्षक ही मौजूद थे। गौरतलब है कि जिले में वरिष्ठ अध्यापकों की संख्या करीब 1760 एवं प्राध्यापकों की संख्या 412 है, लेकिन अधिकांश अधिवेशन से दूर ही रहे। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहन कॉलोनी में शारीरिक शिक्षकों के अधिवेशन में भी गिनती के पीटीआई ही थे, जबकि शारीरिक शिक्षकों की कुल संख्या 450 से अधिक है।

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