डूंगरपुर. एसबीपी राजकीय महाविद्यालय में धरना-प्रदर्शन करने के बावजूद अब तक छात्रवृत्ति नहीं मिलने से छात्रों में रोष बढ़ रहा है। एसएफआई एवं एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य कक्ष के बाहर नारेबाजी की। आंदोलन की चेतावनी दी। एसएफआई कॉलेज इकाई कमेटी के महासचिव अनिल डामोर ने बताया कि छात्र की समस्याओं को लेकर प्राचार्य से वार्ता के लिए पहुंचे, तो प्राचार्य कक्ष से बाहर चले गए। विद्यार्थियों ने नारेबाजी की।
विद्यार्थियों ने बताया कि अब तक छात्रवृत्ति बकाया है। छात्रावास में प्रवेश नहीं दिया है। राशन कार्ड नहीं बने हैं। पुस्तकालय में भी असुविधाएं हैं। इस मौके पर भूपेश कटारा, हेमंत डामोर, लक्ष्मण ताबियाड़, सुरेन्द्र हड़ात आदि शामिल हुए।
गड़बड़ी का आरोप
एबीवीपी ने कॉलेज की वर्षों से बकाया छात्रवृत्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाकर कर प्राचार्य को घेरा। जिला संयोजक प्रवीण रोत ने बताया कि महाविद्यालय में अध्ययनरत अंतिम वर्ष के विद्यार्थी को प्रथम वर्ष तक की छात्रवृत्ति नहीं मिली है। जबकि, महाविद्यालय उस सत्र की छात्रवृत्ति का कार्य पूर्ण होना बता रहा है। इसके साथ ही प्रति वर्ष कम्प्यूटर शुल्क प्रति विद्यार्थी साढ़े चार सौ रुपए लिए जा रहे हैं। पर, कम्प्यूटर का शिक्षक ही नहीं लगाया है। एबीवीपी ने प्राचार्य को ज्ञापन सौंप छात्रवृत्ति आवंटन से लेकर विद्यार्थियों के खाते में जमा होने तक का पूरा ब्यौरा मांगा है। इस मौके पर अजीत बरण्ड़ा, धनपाल गमेती, बृजमोहन डेण्डोर, विजयपाल, कमलेश अहारी, मुकेश कटारा, बाबूलाल पण्डवाला आदि
शामिल हुए।
आवेदन आमंत्रित
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से चलाई जा रही छात्र गृह किराया योजनान्तर्गत जनजाति विद्यार्थियों को ऑनलाईन आवेदन करने के निर्देश दिए हैं। एसबीपी राजकीय महाविद्यालय, एसएसबीबी राजकीय महाविद्यालय एवं राजकीय शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य ने 15 अक्टूबर तक आवेदन करने के निर्देश दिए हैं।
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