स्टाफिंग पैटर्न की आड़ में शिक्षकों के पद समाप्त कर रही सरकार
चूरू । अंजुमन तरक्की उर्दू हिन्द की जिला शाखा के पदाधिकारियों ने रविवार सुबह सर्किट हाउस में चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ से उर्दू के समाप्त किए पदों को वापस यथावत रखने की मांग की।
उन्होंने ज्ञापन में लिखा है कि चूरू जिले में 45 में से 38 पदों को समाप्त कर दिया है। ऐसे में सरकार उर्दू के शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2013-14 की बजट घोषणा में उर्दू विषय की स्वीकृति जारी कर व्याख्याता का पद आवंटित किया था। लेकिन सरकार ने स्टाफिंग पैटर्न की आड़ में पदों को समाप्त कर दिया है। इन पदों पर व्याख्याताओं को पदस्थापित भी किया। अब ऐसे व्याख्याताओं को बीकानेर, अलवर, जयपुर आदि स्थानों पर भेजा रहा है।
उन्होंने चिकित्सा मंत्री को दिए ज्ञापन में लिखा है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक अल्प भाषा (सिंधी, उर्दू, पंजाबी,राजस्थानी एवं संगीत) हो तथा स्वीकृत विषय व्याख्याता का पद भरा हुआ तो अल्प भाषा के विषय को बंद नहीं किया जाएगा जब तक की नामांकन लगातार तीन वर्षों तक कक्षा 12 में 10 से कम न हो। रतनगढ़, सुजानगढ़, राजगढ़ और तारानगर में उर्दू व्याख्याताओं का एक भी पद नहीं है।
इस पर चिकित्सा मंत्री ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से फोन पर वार्ता की। उन्होंने समाप्त किए पदों पर विचार करने के निर्देश दिए। ज्ञापन देने गए प्रतिनिधिमंडल में शमशाद अली, प्रधानाध्यापक उस्मान गनी खां दिलावरखानी, अब्दुल सत्तार, मोहम्मद नियाज, खालिद तुगलक, यूसुफ अली, गुलाम अली, रशीद खान मोयल, उमेद खान, असगर अली आदि शामिल थे।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने 18 जुलाई को 'उर्दू व्याख्याता जा रहे बाहरÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर सरकार की ओर से उर्दू विषय के समाप्त किए जा रहे पदों को लेकर मुद्दा उठाया था। इसमें शिक्षकों को जिले से बाहर भेजने, विषय समाप्त करने आदि समस्याओं से अवगत कराया गया था। समाचार प्रकाशित होने के बाद अंजुमन तरक्की उर्दू हिंद जिला शाखा के पदाधिकारी चिकित्सा मंत्री से मिले और समाप्त किए पदों को यथावत रखने की मांग की। चिकित्सा मंत्री ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को कार्रवाई के निर्देश दिए। राठौड़ ने पदाधिकारियों से निदेशक से मिलने को कहा।
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