अजमेर. आरपीएससी की सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में
नियुक्त दिलवाने के नाम पर 38 लाख 87 हजार रुपए की धोखाधड़ी का मामला
सामने आया है। पीडि़त ने क्लॉक टावर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
कराया है। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।
थाना प्रभारी दिनेश चौधरी ने बताया कि मलूसर रोड प्रभात मोहल्ला शांतिनगर
निवासी नरेन्द्रपाल कुर्डिया ने रिपोर्ट दी कि वह बी.एड डिग्रीधारी
शिक्षित है। वह बच्चों को ट्यूशन पढाकर आजीविका चलता है। गत दिनों भोपों का
बाडा स्थित न्यू मॉडल सैकेण्डरी स्कूल में अध्ययन कराने के लिए बात करने
गया तो उसे वहां पर अध्यापन करवाने वाले शिक्षक जयुपर रोड मीरशाहअली
पीडब्ल्यूडी जी-28 निवासी भानु प्रतापसिंह(36) से मुलाकात हुई। उसने
प्रिंसिपल से बात कर उसे प्राइवेट अध्यापक के पद पर लगवाने का विश्वास
दिलवाया। उसकी अच्छी पहचान हो गई। आरोपी घर आने जाने लगा। वह बहन के घर
रहता था। अगस्त 2021 में आरोपी घर आया। तब उसके पिता व छोटा भाई अजीतपाल
कुर्डिया के अलावा चन्द वरदाईनगर निवासी हरविन्दरसिंह, हर्ष चौहान,
रोशनसिंह, भीलवाड़ा निवासी भैरूलाल उसके घर थे।आरोपी ने बताया कि आरपीएससी
में उसकी पहचान का अधिकारी है। उसने 2018 सैकेण्ड ग्रेड अध्यापक भर्ती
परीक्षा में कुछ अभ्यार्थियों को तो नियुक्ति दे दी है लेकिन प्रतीक्षा
सूची बाकी है। अगर वे लोग चाहे तो जिसने बीएड कर रखी है। वह उनका चयन करवा
देगा लेकिन उसके बदले कुछ रूपए की व्यवस्था करनी पड़ेगी।
दोस्तों के साथ मिलकर दी रकम
परिवादी नरेन्द्रपाल ने बताया कि अक्टूबर 2021 में आरोपी उसके घर आया।
उसने कहा कि आरपीएससी में जो अधिकारी है उनसे बात हो गयी है। एक अभ्यर्थी
के करीब 8 लाख रूपए देने होंगे। वह उनका नाम प्रतीक्षा सूची में डलवा
देंगे। आरोपी ने उसे कहा कि उन्होंने पहले भी कई अभ्यर्थियो को आयोग की
परीक्षा में चयन करवाया है। आरोपी पर उसने विश्वास कर लिया। उसने उसे कहा
था कि पूर्व में भी कई अभ्यर्थियों को नौकरी लगवाया है। उसने दोस्त
हरविन्द्र सिंह की पत्नी, हर्ष चौहान की बहन, रोशन व भैरू के मिलने वाले भी
बी.एड डिग्रीधारी थे। सब आरोपी की बातों में आ गए। उसने हरविन्द्र, हर्ष
चौहान, रोशन, भैरू व अन्य मिलने वालों ने तय किया कि सब मिलकर आरोपी को कुछ
रूपए देंगे। कुछ रूपए बाद में दे देंगे। हरविन्द्र, हर्ष चौहान और अन्य ने
आरोपी को रूपए दे दिए।
19 लाख ऑनलाइन, 15 लाख नकद
पीडि़त नरेन्द्रपाल ने बताया कि आरोपी ने उसको कहा कि उसके मिलने वाले
अधिकारी ने पैसे की मांग की है इसलिए उन्हें रूपए जितनी जल्दी हो सके दे
दो। इस पर 11 नवम्बर 2021 से अगस्त 023 तक उसने फोन पे से 19 लाख 7 हजार
रूपए व शेष 4 लाख 80 हजार रुपए केनरा बैंक जयपुर रोड शाखा के खाते से
भुगतान कर दिए। इसके बाद उसके घर पर आकर तीन बार में 5-5 लाख यानी 15 लाख
रुपए नकद ले गया। इस तरह से आरोपी उससे 38 लाख 87 हजार रुपए का भुगतान ले
चुका है।
पहले नौकरी, फिर रकम का झांसा
पीडि़त नरेन्द्रपाल ने बताया कि आरोपी को उसकी ओर से दी गई रकम में से
अधिकतर राशि अपने साथी जो नौकरी लगना चाहते थे व कुछ राशि अपने परिवारजन से
मिलकर आरोपी को भेजी थी। रकम लेने के बाद में आरोपी से नौकरी लगवाने का
तकाजा किया तो उसने कहा कि चिंता मत करो कि सूची जल्द निकलने वाली है।
उसमें सबका नाम आ जाएगा। उसने यह भी कहा कि साल के अंदर 2018 सैकेण्ड ग्रेड
की प्रतीक्षा सूची भी आने वाली है। उसमे आप के नाम आ जाएंगे। आरोपी से
उसकी कई बार मोबाइल फोन पर व सोशल मीडिया पर बात होती थी। जिसकी सारी
हिस्ट्री उसके पास मौजूद है। उसने अगस्त 2023 के बाद आरोपी से कहा कि अगर
उनका काम नहीं हो रहा है तो उन्हें रकम वापस दे दो। तब उसने कहा कि काम
नहीं होगा तो वह 2-3 माह में रकम लौटा देगा।
आरोपी आगरा हुआ फरार
पीडि़त नरेन्द्रपाल ने बताया कि डेढ़ माह बाद कॉल किया तो आरोपी ने कॉल
नहीं उठाया। फिर फोन बंद कर दिया। वह जयपुर रोड मीरशाहअली स्थित उसकी बहन
के घर गया तो पता चला कि आरोपी आगरा स्थित अपने पैतृक गांव चला गया है।
वर्तमान में उसका फोन बंद आ रहा है जबकि बहन से उसकी बातचीत जारी है। आरोपी
की करतूत की उसकी बहन को भी जानकारी है। उसकी ओर से रकम का तकाजा करने पर
रकम नहीं लौटाई गई। आरोपी ने उनके साथ में छल, कपट से धोखाधडी कारित की है।
पुलिस ने पीडि़त की रिपोर्ट पर कूटरचित दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी का मुकदमा
दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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