बाड़मेर. आमजन बजट व राज्य बजट को लेकर शिक्षकवर्ग भी आशांवित नजर आ रहा है। कोरोनाकाल के बाद शिक्षण कार्य प्रगति पर लौटा है। शिक्षकों ने कोरोना संकट में सरकार का साथ दिया और उनके दिए हर कार्य को बखुबी अंजाम दिया। अब जबकि केन्द्र की ओर से आमबजट और राज्य सरकार का बजट दोनों आगामी माह में आएंगे तो वे भी अपनी मांगों के पूरा होने की उम्मीद संजोये हुए हैं। केन्द्रीय बजट में महत्वपूर्ण घोषणा कार्मिकों की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की है। वहीं पोषाहार वितरण की जगह छात्रवृत्ति योजना लागू की जाए जिससे कि स्कू लों में केवल शिक्षण कार्य हो सके। वहीं, राज्य सरकार केन्द्र के समान तनख्वाह व अन्य परिलाभ की घोषणा करे तो शिक्षकों की भर्ती, पदोन्नति व डीपीसी में पारदर्शिता रखने की मांग है।
2012 के बाद 8000 विद्यालय माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किए गए, जिनमें अनिवार्य विषय हिन्दी व अंग्रेजी के व्याख्याता पद स्वीकृत नहीं है। इस बजट में इन पदों सृजन हो। वहीं पीईईओ कार्यालय के विद्यालयों में उप प्राचाय का पद स्वीकृत किया जाए।- बसंतकुमार जांणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा
2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों की एनपीएस राशि कोरपेट घरानों की कंपनियों से बाहर कर स्वत्रंत जीपीएफ खाने बनाकर डाली जाए। पोषाहार बजट को छात्रवृत्ति योजना में तब्दील कर सरकारी स्कूलों में नामांकन-ठहराव को प्रोत्साहित किया जाय। -नूतनपुरी गोस्वामी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
शिक्षक लम्बे समय से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं, केन्द्र सरकार इस दिशा में सोचें और कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दे जिससे कि राज्य सरकार के कार्मिकों को भी फायदा मिल सके। शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाए।- शेरसिंह भूरटिया, शिक्षक नेता
सन 2004 के बाद नियुक्त शिक्षकों को नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना में समायोजित किया जाए। राजकीय विद्यालयों को केन्द्रीय विद्यालयों की तर्ज पर संचालित करें। शिक्षकों के वेतन - भत्ते भी केन्द्रीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के समान दिए जाए।- संतोष नामा, राजस्थान शिक्षक संघ अम्बेडकर
मार्च २०२० का स्थगित वेतन कार्मिकों को सरकार देने की घोषणा करे। केन्द्र के समान शिक्षकों को वेतन मिले। उपार्जित अवकाश लेने पर जो रोक लगाई गई है उसको हटाया जाए। नई पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना का लागू किया जाए।- वीरमाराम गोदारा जिलाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ युवा
आमबजट में शिक्षकों के रिक्तपदों पर नियुक्ति की घोषणा की जाए। वहीं, स्थानांतरण नीति बने जिसमें यह तय हो कि शिक्षकों के तबादले कैसे पारदर्शिता से हो। विद्यालयों में भौतिक सुविधाओं का विस्तार किया जाए। वहीं, शिक्षा में गुणात्मक सुधार को लेकर आधुनिक तकनीक का लाभ विद्यालयों में मिले।- छगनसिंह लूणू, जिलाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम
पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। केन्द्र के समान राज्य में भी शिक्षकों को वेतनमान व अन्य परिलाभ मिले। शिक्षा में गुणात्मक सुधार किया जाए जिससे कि ग्रामीण प्रतिभाएं भी आगे बढ़े जिसको लेकर बजट में विशेष प्रावधान रखा जाए। खेलकू द को लेकर भी बजट में घोषणा हो।- बालसिंह राठौड़, जिलाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्ण एनपीएस (न्यू पेंशन स्क्रीम )खत्म करने की घोषणा की जाए। महिला और बाल विकास को बढ़ावा मिले जिसके लिए विद्यालयों में कार्यक्रम बने। कुक कम हेल्पर का मानदेय बढ़े,पोषाहार खत्म कर छात्रों के खाते में राशि डाली जाए। - खुशबू गोस्वामी
शिक्षा में गुणात्मक सुधार को लेकर विशेष बजट आवंटन होना चाहिए। बालिका शिक्षा के प्रोत्साहन को लेकर अलग से बालिका विद्यालय खोलने की घोषणा हो। स्थानांतरण नीति बने जिससे शिक्षकों को बिना किसी सिफारिश के नीति के अनुरूप फायदा मिले। - संतोष जाखड़
पीईईओ कार्यालय में लिपिक, ऑपरेटर के पद स्वीकृत कर पर्याप्त बजट दिया जाए। पीईईओ को अतिरिक्त भत्ता मिले। स्थानांतरण नीति लागू कर उसकी पालना सुनिश्चित की जाए। ऑनलाइन कार्यों व शिक्षण के लिए राप्रावि, राउप्रावि में कम्प्यूटर की व्यवस्था की जाए।- प्रदीपकुमार जोशी, अतिरिक्त प्रदेश महामंत्री राजस्थान
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