जयपुर. राज्य की स्कूलों में तीसरी भाषा (Third language in schools) को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग (Rajasthan School Education Department) द्वारा बड़ा निर्णय लिया गया है. स्कूलों में तृतीय भाषा के लिए कुल 481 शिक्षकों के नए पद बढ़ाए गए हैं. साथ ही अब उत्कृष्ट स्कूलों के लिए 1339 नए पदों को भी मंजूरी दी गई है. अब कक्षा 1 से 8 वीं तक के लिए तृतीय भाषा में जहां भी 10 बच्चे पढ़ने के इच्छुक होंगे. वहां थर्ड ग्रेड के अतिरिक्त शिक्षक भी मिल सकेंगे.
राज्य के किसी भी स्कूल में अब यदि 10 बच्चे भी उर्दू, संस्कृत, सिंधी या पंजाबी भाषा में दिलचस्पी दिखाएंगे तो शिक्षा विभाग वहां थर्ड ग्रेड के अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति करेगा. राजस्थान (Rajasthan News) में स्कूल शिक्षा में कई बड़े निर्णयों को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों में तृतीय भाषा को कमजोर करने की बातें कही जा रही थी. लेकिन अब गहलोत सरकार ने फैसला लिया है कि कक्षा 1 से 8 तक तृतीय भाषा में जहां भी 10 बच्चे पढ़ने के इच्छुक होंगे. भले ही उर्दू या फिर संस्कृत या सिंधी भाषा के हो, वहां पर एक अध्यापक अतिरिक्त दिया जाएगा.
शिक्षा मंत्री डोटासरा ने कहा कि उर्दू भाषा में 430 पद बढ़ाए गए है। जबकि सभी भाषाओं के मिलाकर कुल 481 पद बढ़ाए गए है. इसमें पंजाबी और सिंधी भाषा को भी शामिल किया गया है. शिक्षा मंत्री ने कहा पदों की मैपिंग कर ली गई है, पिछली बीजेपी सरकार ने स्टाफिंग पैटर्न गलत तरीके से किया उसे हमने ठीक किया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि 1339 पद उत्कृष्ट विद्यालयों में थर्ड ग्रेड टीचर के अतिरिक्त स्थाई रूप से दिए जाएंगे.
अचीवमेंट सर्वे में कर्नाटक, दिल्ली के बाद हमारा नंबर
शिक्षा विभाग में हाल ही में नेशनल अचीवमेंट सर्वे की जारी रिपोर्ट पर शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कर्नाटक के बाद राजस्थान दूसरा और दिल्ली को शामिल करने के बाद तीसरा स्थान मिला है. यह सर्वे 10वीं कक्षा के आधार पर किया गया है. सरकारी स्कूलों में हमारे शिक्षकों ने बेहतर काम किया है.
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