जोधपुर. सरकारी स्कूलों में जहां राष्ट्रीय और
अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के लिए सरकार की ओर से शारीरिक
शिक्षा पर दबाव बनाया जा रहा है, वहीं प्रदेश में 250 प्रथम श्रेणी शारीरिक
शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। ऐसे में सेकंड ग्रेड स्तर के शारीरिक
शिक्षक बिना फर्स्ट ग्रेड प्रमोशन पाए रिटायर हो रहे हैं। प्रथम श्रेणी
शारीरिक शिक्षकों की डीपीसी वर्ष 2007 से अभी तक नहीं हुई है।
वहीं उप जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा के भी 30 पद विभाग में रिक्त होने से विभागीय कार्य प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापकों से करवाने पड़ रहे हैं। इधर, जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा के चार पद, उपनिदेशक शारीरिक शिक्षा के 3 पद भी वर्षों से रिक्त पड़े हैं।
गंभीर बात यह है कि जोधपुर जिले में प्रथम श्रेणी शारीरिक शिक्षा के 11 पद हैं, ये सभी पद डीपीसी के अभाव में रिक्त हैं। उप जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा जोधपुर का 2012 से पद रिक्त पड़ा है। प्रधानाचार्य शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय का पद 1996-97 से रिक्त पड़ा है।
आलम यह है कि सभी पद प्रतिनियुक्ति के भरोसे चल रहे हैं। एकेडमी साइड के प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य से इन पदों का कार्य करवाया जा रहा है। वहीं संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा प्रेमचंद सांखला का कहना है कि शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति संबंधी मामला निदेशालय स्तर पर भेजा हुआ है। इस संबंध में सरकार स्तर पर निर्णय होगा।
वर्ष 2007 से नहीं हुई है विभागीय पदोन्नति
शिक्षा विभाग द्वारा सेकंड ग्रेड से फर्स्ट ग्रेड शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति वर्ष 2007 से नहीं की गई है। उप जिला शिक्षा अधिकारी व शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय प्रिंसिपल का पद भी सालों से रिक्त पड़ा है। इसे भरने के लिए सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया।
शारीरिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा
राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हापूराम चौधरी ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन देकर मांग की कि प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय में तृतीय श्रेणी, माध्यमिक विद्यालय में द्वितीय श्रेणी व उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रथम श्रेणी का पद आवंटित किया जाए।
स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा विषय को 10वीं तक अनिवार्य कर निशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएं। समस्त सरकारी स्कूलों में खेल बजट आवंटित करवाया जाए। राज्य के समस्त प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय में उप जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा का पद आवंटित किया जाए। निदेशालय बीकानेर द्वारा प्रस्तावित 13 खेलों को राज्य स्कूली खेल कैलेंडर में जोड़ा जाए।
संघ की ओर से मांग की गई कि प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य के साथ ही उप जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा व वरिष्ठ व्याख्याता शारीरिक शिक्षा के पदों की डीपीसी तुरंत करवाई जाए। प्रतिनिधिमंडल में महेंद्र जयपाल, अखिल राजस्थान संयुक्त कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष शंभूसिंह मेड़तिया, कर्मचारी नेता सुखराम डारा, देवीलाल चौधरी व ऋतुराज पारीक शामिल थे।
वहीं उप जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा के भी 30 पद विभाग में रिक्त होने से विभागीय कार्य प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापकों से करवाने पड़ रहे हैं। इधर, जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा के चार पद, उपनिदेशक शारीरिक शिक्षा के 3 पद भी वर्षों से रिक्त पड़े हैं।
गंभीर बात यह है कि जोधपुर जिले में प्रथम श्रेणी शारीरिक शिक्षा के 11 पद हैं, ये सभी पद डीपीसी के अभाव में रिक्त हैं। उप जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा जोधपुर का 2012 से पद रिक्त पड़ा है। प्रधानाचार्य शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय का पद 1996-97 से रिक्त पड़ा है।
आलम यह है कि सभी पद प्रतिनियुक्ति के भरोसे चल रहे हैं। एकेडमी साइड के प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य से इन पदों का कार्य करवाया जा रहा है। वहीं संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा प्रेमचंद सांखला का कहना है कि शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति संबंधी मामला निदेशालय स्तर पर भेजा हुआ है। इस संबंध में सरकार स्तर पर निर्णय होगा।
वर्ष 2007 से नहीं हुई है विभागीय पदोन्नति
शिक्षा विभाग द्वारा सेकंड ग्रेड से फर्स्ट ग्रेड शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति वर्ष 2007 से नहीं की गई है। उप जिला शिक्षा अधिकारी व शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय प्रिंसिपल का पद भी सालों से रिक्त पड़ा है। इसे भरने के लिए सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया।
- हमने संगठन के मार्फत सरकार के समक्ष कई बार बात उठाई है, लेकिन अभी तक शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति को लेकर सरकार की ओर से विशेष कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में हम आगे की रणनीति पर भी विचार कर रहे हैं।
शारीरिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा
राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हापूराम चौधरी ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन देकर मांग की कि प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय में तृतीय श्रेणी, माध्यमिक विद्यालय में द्वितीय श्रेणी व उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रथम श्रेणी का पद आवंटित किया जाए।
स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा विषय को 10वीं तक अनिवार्य कर निशुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएं। समस्त सरकारी स्कूलों में खेल बजट आवंटित करवाया जाए। राज्य के समस्त प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय में उप जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा का पद आवंटित किया जाए। निदेशालय बीकानेर द्वारा प्रस्तावित 13 खेलों को राज्य स्कूली खेल कैलेंडर में जोड़ा जाए।
संघ की ओर से मांग की गई कि प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य के साथ ही उप जिला शिक्षा अधिकारी शारीरिक शिक्षा व वरिष्ठ व्याख्याता शारीरिक शिक्षा के पदों की डीपीसी तुरंत करवाई जाए। प्रतिनिधिमंडल में महेंद्र जयपाल, अखिल राजस्थान संयुक्त कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष शंभूसिंह मेड़तिया, कर्मचारी नेता सुखराम डारा, देवीलाल चौधरी व ऋतुराज पारीक शामिल थे।
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