जयपुर: राजस्थान के करीब दो लाख शिक्षकों की इस समय
कोरोना वारियर्स के रूप में ड्यूटी लगी हुई है और यह शिक्षक प्रदेश के हर
प्रभावित कोने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन
द्वारा शिक्षकों
की ड्यूटी अलग-अलग कार्यों में लगाने से लगातार हंगामे खड़े हो रहे हैं.
पिछले दिनों शिक्षकों की ड्यूटी नरेगा कार्यों में लगाने को लेकर शिक्षा
मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी विरोध जताया था.
साथ ही इसकी शिकायत मुख्य सचिव को भी की थी, लेकिन लगता है कि इस शिकायत का भी अधिकारियों पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि महज दो दिन में दो ऐसे आदेश आ गए हैं जिनका प्रदेशभर के शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. 2 दिन पहले उपखंड मजिस्ट्रेट इटावा ने शिक्षकों की ड्यूटी टिड्डी की निगरानी में लगाई. आदेश के अनुसार शिक्षकों को कृषि पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर किसानों को बचाओ की जानकारी देनी होगी.
वहीं, 1 दिन पहले उपखंड अधिकारी छोटी सादड़ी ने शिक्षकों की ड्यूटी बाढ़ नियंत्रण कक्ष में लगाई. आदेश के तहत शिक्षकों को कोरोना नियंत्रण कक्ष के साथ ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष में भी अपनी सेवाएं देनी होंगी. इन दोनों ही आदेशों का प्रदेश भर के शिक्षक संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है.
राजस्थान प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक नेता विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि, 'किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान शिक्षक संगठन कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान देते हैं और प्रशासन द्वारा दी गई हर जिम्मेदारी को शिक्षक निभाते हैं और इस समय प्रदेश में कोरोना वारियर्स के रूप में करीब दो लाख से ज्यादा शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन समय-समय पर अधिकारी शिक्षकों की ड्यूटी अनावश्यक कार्यों में लगाते हैं जिसको लेकर कई बार सरकार को पत्र भी लिखा जा चुका है. ऐसे में अब सरकार को कोई ऐसा कदम उठाना चाहिए जिसमें शिक्षकों को इस प्रकार के आदेश से निजात मिल सके.'
साथ ही इसकी शिकायत मुख्य सचिव को भी की थी, लेकिन लगता है कि इस शिकायत का भी अधिकारियों पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि महज दो दिन में दो ऐसे आदेश आ गए हैं जिनका प्रदेशभर के शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. 2 दिन पहले उपखंड मजिस्ट्रेट इटावा ने शिक्षकों की ड्यूटी टिड्डी की निगरानी में लगाई. आदेश के अनुसार शिक्षकों को कृषि पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर किसानों को बचाओ की जानकारी देनी होगी.
वहीं, 1 दिन पहले उपखंड अधिकारी छोटी सादड़ी ने शिक्षकों की ड्यूटी बाढ़ नियंत्रण कक्ष में लगाई. आदेश के तहत शिक्षकों को कोरोना नियंत्रण कक्ष के साथ ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष में भी अपनी सेवाएं देनी होंगी. इन दोनों ही आदेशों का प्रदेश भर के शिक्षक संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है.
राजस्थान प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक नेता विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि, 'किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान शिक्षक संगठन कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान देते हैं और प्रशासन द्वारा दी गई हर जिम्मेदारी को शिक्षक निभाते हैं और इस समय प्रदेश में कोरोना वारियर्स के रूप में करीब दो लाख से ज्यादा शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन समय-समय पर अधिकारी शिक्षकों की ड्यूटी अनावश्यक कार्यों में लगाते हैं जिसको लेकर कई बार सरकार को पत्र भी लिखा जा चुका है. ऐसे में अब सरकार को कोई ऐसा कदम उठाना चाहिए जिसमें शिक्षकों को इस प्रकार के आदेश से निजात मिल सके.'
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