जयपुर। पिछले दिनों स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की
मांग को लेकर चल रहे धरने—प्रदर्शन को समर्थन देने के मामले में निलंबित
किए गए दोनों शिक्षक नेताओं को अब बहाल कर दिया गया है।
दरअसल, स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा आगे बढ़ाने के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी में मुख्यद्वार पर धरना दिया गया था और उसके बाद यह धरना सिविल लाइंस फाटक और फिर शहीद स्मारक पर शुरू किया गया था। इस दौरान धरने को समर्थन देने के मामले में राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शशिभूषण शर्मा और संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा को विभाग की ओर से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद विभिन्न शिक्षक संगठनों ने निलंबन वापस लेने की मांग की थी और सरकार को ज्ञापन भी सौंपा था। इसके बाद अब दोनों शिक्षक नेताओं को बहाल कर दिया गया है।
बहाली के बाद विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि निलंबन के बाद संगठन की ओर से सरकार को वस्तुस्थिति की जानकारी दी गई। बताया गया कि शिक्षा विभाग में कार्यरत हजारों शिक्षक बीएलओ कार्य में लगे है और उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए समय नहीं मिला। ऐसे में शिक्षकों की मांगों को शिक्षक नेताओं ने समर्थन दिया था। इसके बाद अब यह निलंबन आदेश वापस लेकर दोनों शिक्षकों को पुरानी स्कूलों में ही फिर से लगाया गया है।
दरअसल, स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा आगे बढ़ाने के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी में मुख्यद्वार पर धरना दिया गया था और उसके बाद यह धरना सिविल लाइंस फाटक और फिर शहीद स्मारक पर शुरू किया गया था। इस दौरान धरने को समर्थन देने के मामले में राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शशिभूषण शर्मा और संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा को विभाग की ओर से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद विभिन्न शिक्षक संगठनों ने निलंबन वापस लेने की मांग की थी और सरकार को ज्ञापन भी सौंपा था। इसके बाद अब दोनों शिक्षक नेताओं को बहाल कर दिया गया है।
बहाली के बाद विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि निलंबन के बाद संगठन की ओर से सरकार को वस्तुस्थिति की जानकारी दी गई। बताया गया कि शिक्षा विभाग में कार्यरत हजारों शिक्षक बीएलओ कार्य में लगे है और उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए समय नहीं मिला। ऐसे में शिक्षकों की मांगों को शिक्षक नेताओं ने समर्थन दिया था। इसके बाद अब यह निलंबन आदेश वापस लेकर दोनों शिक्षकों को पुरानी स्कूलों में ही फिर से लगाया गया है।
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