जोधपुर| जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में न्यायालय के आदेश से सीएएस
पदोन्नति होनी है। मगर इसको लेकर अभी भी पशोपेश की स्थिति बनी हुई है। विवि
प्रशासन जिन नियमों का हवाला देकर सीएएस पदोन्नति के साक्षात्कार करवाने
की तैयारी कर रहा है, इसके अलावा भी कुछ अन्य जानकारियां विभागाध्यक्ष और
अधिष्ठाता मांग रहे हैं।
जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन आनाकानी कर रहा है। इसके चलते कई विभागाध्यक्षों और अधिष्ठाता में नाराजगी बनी हुई है। दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन एक दिन बाद ही सीएएस साक्षात्कार करने की तैयारी कर रहा है। वर्ष 2008 में नियुक्त और अन्य को भी साक्षात्कार से वंचित करने को लेकर लगातार विरोध सामने आ रहा है। विवि में वर्ष 2013 में शिक्षक भर्ती में 9 शिक्षकों ने न्यायालय से आदेश लाकर सीएएस कराई थी।
इसके साथ ही विवि प्रशासन ने कई विभाग के द्वितीय संशोधन के तहत सीएएस पदोन्नति संभव होने की बात कही तथा द्वितीय संशोधन अब तक नहीं करवा पाया है। इसके कारण सीएएस पदोन्नति की स्क्रूटनी में पेच बना हुआ है। विवि में हड़बड़ी दिख रही है, लेकिन अधिष्ठाता और विभागाध्यक्ष शिक्षक भर्ती के बाद अन्य जांच में नहीं उलझने के चलते फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।
जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन आनाकानी कर रहा है। इसके चलते कई विभागाध्यक्षों और अधिष्ठाता में नाराजगी बनी हुई है। दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन एक दिन बाद ही सीएएस साक्षात्कार करने की तैयारी कर रहा है। वर्ष 2008 में नियुक्त और अन्य को भी साक्षात्कार से वंचित करने को लेकर लगातार विरोध सामने आ रहा है। विवि में वर्ष 2013 में शिक्षक भर्ती में 9 शिक्षकों ने न्यायालय से आदेश लाकर सीएएस कराई थी।
इसके साथ ही विवि प्रशासन ने कई विभाग के द्वितीय संशोधन के तहत सीएएस पदोन्नति संभव होने की बात कही तथा द्वितीय संशोधन अब तक नहीं करवा पाया है। इसके कारण सीएएस पदोन्नति की स्क्रूटनी में पेच बना हुआ है। विवि में हड़बड़ी दिख रही है, लेकिन अधिष्ठाता और विभागाध्यक्ष शिक्षक भर्ती के बाद अन्य जांच में नहीं उलझने के चलते फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।
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