जयपुर। प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में बोर्ड
परीक्षाओं का पाठयक्रम अर्धवार्षिक परीक्षाओं से पहले कराना है। इसे लेकर
बहुत से स्कूलों में शिक्षक चिंतित हैं। इस सत्र में कक्षा 12 की बोर्ड
परीक्षा 20 फरवरी और कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा 27 फरवरी से होनी हैं।
अर्धवार्षिक परीक्षा से पहले बोर्ड कक्षाओं का पाठयक्रम कैसे पूरा होगा, इसको लेकर शिक्षक परेशान हैं। बहुत से ऐसे स्कूल हैं, जहां अभी तक स्थानान्तरणों के बाद शिक्षकों ने कार्यग्रहण नहीं किया है। जबकि उनका स्थानान्तरण हुए करीब डेढ़ महीने से अधिक हो गए हैं। हालांकि विभाग के अधिकारी इसमें तरह—तरह के तर्क दे रहे हैं, अधिकारियों का कहना है कि दूसरे स्कूलों से शिक्षकों की व्यवस्था कर कोर्स पूरा कराया जाएगा, लेकिन हकीकत इससे परे है। वहीं दूसरी ओर बहुत से शिक्षकों के पद पहले से ही रिक्त चल रहे हैं।
अब शिक्षकों के सामने कोर्स पूरा कराने को लेकर संकट खड़ा हो गया है। करीब 200 ऐसे प्रिंसिपल हैं, जिन्होंने अभी तक स्कूलों में कार्यग्रहण नहीं किया है। इसके साथ ही ऐसे करीब 250 व्याख्याता भी हैं, जिन्होंने अपनी पसंद के स्थान पर स्थानान्तरण नहीं होने की वजह से अभी तक कार्यग्रहण नहीं किया है। जबकि पिछले दिनों काउंसलिंग कर शिक्षा विभाग के आला अधिकारी उनसे समझायश भी कर चुके हैं।
शीतकालीन अवकाश में लगेंगी कक्षा
अर्धवार्षिक परीक्षा में कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों की अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी, जिससे वे बोर्ड परीक्षाओं में अपनी शैक्षिक स्थिति में सुधार कर सकें। ये कक्षाएं शीलकालीन अवकाश में लगाई जाएंगी। हालांकि शिक्षकों ने अभी से इन कक्षाओं का विरोध शुरू कर दिया है।
कोर्स पूरा कराने की निकाली गली
विभाग ने अर्धवार्षिक परीक्षा से पूर्व बोर्ड कक्षाओं का सभी विषयों का पाठयक्रम पूरा कराने के लिए गली निकाली है। यदि किसी स्कूल में पद रिक्त हैं और पाठयक्रम अधूरा है तो पास के स्कूल से योग्यताधारी शिक्षकों को 15—15 दिन के लिए शैक्षणिक कार्यों में व्यवस्थार्थ लगाया जाएगा।
अर्धवार्षिक परीक्षा से पहले बोर्ड कक्षाओं का पाठयक्रम कैसे पूरा होगा, इसको लेकर शिक्षक परेशान हैं। बहुत से ऐसे स्कूल हैं, जहां अभी तक स्थानान्तरणों के बाद शिक्षकों ने कार्यग्रहण नहीं किया है। जबकि उनका स्थानान्तरण हुए करीब डेढ़ महीने से अधिक हो गए हैं। हालांकि विभाग के अधिकारी इसमें तरह—तरह के तर्क दे रहे हैं, अधिकारियों का कहना है कि दूसरे स्कूलों से शिक्षकों की व्यवस्था कर कोर्स पूरा कराया जाएगा, लेकिन हकीकत इससे परे है। वहीं दूसरी ओर बहुत से शिक्षकों के पद पहले से ही रिक्त चल रहे हैं।
अब शिक्षकों के सामने कोर्स पूरा कराने को लेकर संकट खड़ा हो गया है। करीब 200 ऐसे प्रिंसिपल हैं, जिन्होंने अभी तक स्कूलों में कार्यग्रहण नहीं किया है। इसके साथ ही ऐसे करीब 250 व्याख्याता भी हैं, जिन्होंने अपनी पसंद के स्थान पर स्थानान्तरण नहीं होने की वजह से अभी तक कार्यग्रहण नहीं किया है। जबकि पिछले दिनों काउंसलिंग कर शिक्षा विभाग के आला अधिकारी उनसे समझायश भी कर चुके हैं।
शीतकालीन अवकाश में लगेंगी कक्षा
अर्धवार्षिक परीक्षा में कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों की अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी, जिससे वे बोर्ड परीक्षाओं में अपनी शैक्षिक स्थिति में सुधार कर सकें। ये कक्षाएं शीलकालीन अवकाश में लगाई जाएंगी। हालांकि शिक्षकों ने अभी से इन कक्षाओं का विरोध शुरू कर दिया है।
कोर्स पूरा कराने की निकाली गली
विभाग ने अर्धवार्षिक परीक्षा से पूर्व बोर्ड कक्षाओं का सभी विषयों का पाठयक्रम पूरा कराने के लिए गली निकाली है। यदि किसी स्कूल में पद रिक्त हैं और पाठयक्रम अधूरा है तो पास के स्कूल से योग्यताधारी शिक्षकों को 15—15 दिन के लिए शैक्षणिक कार्यों में व्यवस्थार्थ लगाया जाएगा।
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