वर्ष 2012 में आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में विधवा कोटे से चयनित
होने के बाद भी एक अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं दी जा रही है। चौंकाने वाली
बात तो यह है कि अभ्यर्थी शारदा को राउप्राबावि सोनाई मांझी में शिक्षक के
पद पर नियुक्ति भी दे दी, लेकिन जिला परिषद द्वारा कार्यग्रहण नहीं कराया
गया।
इसके बाद शारदा शारदा हाइकोर्ट की शरण में पहुंची तो कोर्ट ने भी शारदा की नियुक्ति को सही मानते हुए उसे नियुक्ति देने के निर्देश दिए। हैरत की बात तो यह है कि इसके एक महीने बाद भी उसे नियुक्ति नहीं मिली। अब अधिकारी पद रिक्त नहीं होने की बात कह रहे हैं। जानकारी के अनुसार शारदा ने जिला परिषद के माध्यम से हुई शिक्षक भर्ती में हिंदी लेवल-2 की परीक्षा दी थी। परीक्षा के बाद उसका चयन भी हो गया था, लेकिन उसकी नियुक्ति रोक दी। गौरतलब है कि जिला परिषद द्वारा 2012 में आयोजित शिक्षक भर्ती में बड़े स्तर पर गड़बडिय़ां सामने आई थीं। इसको लेकर जांच कमेटी भी आई थी।
20 फरवरी तक देनी थी नियुक्ति, लेकिन एक माह बाद भी नहीं मिली : जिला परिषद को 20 फरवरी तक नियुक्ति देने को लेकर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। इसके बाद भी जिला परिषद द्वारा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। जिला परिषद के अधिकारी पद रिक्त नहीं होने का हवाला देकर उच्चाधिकारियों को लिखने की बात कह रहे हैं।
विधवा कोटे में 40 फीसदी अंक ही चाहिए थे स्नातक में, शारदा के 42.75
विधवा कोटे से चयनित होने के लिए सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 40 फीसदी अंक थे, लेकिन शारदा के 42.75 अंक होने से उसका टेट व तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा की मेरिट में भी नंबर आया गया। इसके बाद भी उसे विधवा कोटे से 5 फीसदी न्यूनतम अंकों में छूट नहीं दी।
इसके बाद शारदा शारदा हाइकोर्ट की शरण में पहुंची तो कोर्ट ने भी शारदा की नियुक्ति को सही मानते हुए उसे नियुक्ति देने के निर्देश दिए। हैरत की बात तो यह है कि इसके एक महीने बाद भी उसे नियुक्ति नहीं मिली। अब अधिकारी पद रिक्त नहीं होने की बात कह रहे हैं। जानकारी के अनुसार शारदा ने जिला परिषद के माध्यम से हुई शिक्षक भर्ती में हिंदी लेवल-2 की परीक्षा दी थी। परीक्षा के बाद उसका चयन भी हो गया था, लेकिन उसकी नियुक्ति रोक दी। गौरतलब है कि जिला परिषद द्वारा 2012 में आयोजित शिक्षक भर्ती में बड़े स्तर पर गड़बडिय़ां सामने आई थीं। इसको लेकर जांच कमेटी भी आई थी।
20 फरवरी तक देनी थी नियुक्ति, लेकिन एक माह बाद भी नहीं मिली : जिला परिषद को 20 फरवरी तक नियुक्ति देने को लेकर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। इसके बाद भी जिला परिषद द्वारा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। जिला परिषद के अधिकारी पद रिक्त नहीं होने का हवाला देकर उच्चाधिकारियों को लिखने की बात कह रहे हैं।
विधवा कोटे में 40 फीसदी अंक ही चाहिए थे स्नातक में, शारदा के 42.75
विधवा कोटे से चयनित होने के लिए सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 40 फीसदी अंक थे, लेकिन शारदा के 42.75 अंक होने से उसका टेट व तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा की मेरिट में भी नंबर आया गया। इसके बाद भी उसे विधवा कोटे से 5 फीसदी न्यूनतम अंकों में छूट नहीं दी।
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