सीकर. प्रदेश के 905 स्कूलों में संचालित
व्यावसायिक शिक्षा को कांग्रेस सरकार ने बंद करने की तैयारी कर ली है।
व्यावसायिक शिक्षा के बंद होने से इन स्कूलों में लगे दो हजार से अधिक
शिक्षकों की नौकरी पर भी तलवार लटक गई है। इस कोर्स की प्रदेश में लगभग
1.52 लाख विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
प्रशिक्षकों के सामने रोजगार का
संकट पैदा हो गया है। नवीं और दसवीं में व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई कर
चुके बच्चों के सामने 11 वीं में यह विषय चुनने का संकट खड़ा होगा। जिले की
11 स्कूलों में 22 शिक्षक व्यावसायिक शिक्षा पढ़ा रहे हैं। फिलहाल इनके
स्थान पर स्कूलों में लगे लैब प्रभारियों को नियुक्त किया जाएगा। हर स्कूल
में एक लैब प्रभारी नियुक्त है। भाजपा राज में शुरू हुई इस कवायद को लेकर
अब शिक्षक संगठनों में कई तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।18 फरवरी तक पाठ्यक्रम पूरा करने के फरमान
समसा के अति राज्य परियोजना निदेशक रामनिवास जाट ने 11 फरवरी को प्रदेश के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को सत्र 2018-19 में व्यावसायिक शिक्षा के विषयों का पाठ्यक्रम पूरा कराने के निर्देश दिए थे। इस आदेश में कक्षा 9 से 12 तक में व्यावसायिक शिक्षा विषयों का पाठ्यक्रम 18 फरवरी तक पूरा कराने के निर्देश थे। कक्षा 9 से 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा और कक्षा 9 से 11वीं के प्रश्न पत्र निर्माण, आंतरिक परीक्षाओं से संबंधित कार्य को 28 फरवरी तक पूरे करने को कहा गया है।
आनन-फानन में आदेश जारी
सरकारी आदेश के बाद विद्यार्थियों के साथ संस्था प्रधानों में खलबली मच गई है। आदेशों में बताया कि स्कूलों में व्यावसायिक प्रशिक्षकों को नियमित रूप से नियोजित नहीं किया जाए। इस आदेश के बाद कई स्कूलों में बकाया कोर्स पूरा कराने और प्रश्न पत्र और आंतरिक परीक्षा तक पूर्ण कराने के इस फरमान ने स्कूल प्रबंधनों को भी हरकत में ला दिया है।क्योकि अभी तक कई स्कूलों में कोर्स भी काफी बकाया है। ऐसी कोई पूर्व में जानकारी तक नहीं दी गई।
वेतन भी अटका
प्रशिक्षकों का 10 से बारह महीने माह का वेतन भी अटका हुआ है। व्यावसायिक प्रशिक्षक संघ अध्यक्ष गजेंद्र यादव ने बताया कि सरकार की व्यावसायिक शिक्षण व्यवस्था के तहत जिले के 11 स्कूलों में प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिया जा रहा था। हर स्कूल में दो-दो कोर्स पर प्रशिक्षक कार्यरत थे। ऐसे में जिले में कुल 22 प्रशिक्षकों को नियुक्त किया गया था।
इससे पहले कम्प्यूटर शिक्षकों पर गिरी गाज
इससे पहले प्रदेश में कार्यरत कम्प्यूटर शिक्षकों पर गाज गिर चुकी है। इसके बाद प्रदेश में कम्प्यूटर शिक्षकों ने नियमित करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है। शिक्षकों का कहना है कि चुनाव के समय कांग्रेस ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन अब सत्ता में आने के बाद कांगे्रस ने नौकरी पर कैची चलाना शुरू कर दिया है।
इससे पहले प्रदेश में कार्यरत कम्प्यूटर शिक्षकों पर गाज गिर चुकी है। इसके बाद प्रदेश में कम्प्यूटर शिक्षकों ने नियमित करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है। शिक्षकों का कहना है कि चुनाव के समय कांग्रेस ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन अब सत्ता में आने के बाद कांगे्रस ने नौकरी पर कैची चलाना शुरू कर दिया है।
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