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Tuesday 25 December 2018

नए साल से सरकारी स्कूलों में अब सरकार ही करेगी दालों की सप्लाई

धौलपुर| राजकीय विद्यालयों में मिड-डे-मील योजना के तहत नई साल से छात्रों को दिए जा रहे भोजन के लिए अब सरकार की ओर से ही दालों की सप्लाई की जाएगी। अब तक दालें विद्यालय प्रबंधन की ओर से बाजार व सहकारी उपभोक्ता भण्डार से खरीदी जा रही थीं।
राजकीय विद्यालयों में मिड-डे-मिल के तहत दालों की आपूर्ति का जिम्मा नेफैड संभालेगा। स्कूलों में गेहूं, चावल की तरह ही भारतीय ख़ाद्य निगम से रसद विभाग की ओर से नियुक्त निजी सप्लायर्स की ओर से 5 व 10 किलो की पैकिंग में दालों की सप्लाई शुरू की जाएगी। आपूर्ति की जाने वाली दाल का भुगतान कुकिंग कन्वर्जन राशि में से काटकर किया जाएगा। एक तरफ मिड-डे-मील निदेशालय ने एक जनवरी से स्कूलों को मिलने वाली कुकिंग कन्वर्जन राशि में प्राथमिक स्तर पर 22 व उच्च प्राथमिक स्तर में 33 पैसे की वृद्धि की है, लेकिन दाल की सप्लाई शुरू होने से मौजूदा दरों में फिर परिवर्तित हो जाएंगी। भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में दालों की आवक होने के बाद जिला जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक ने जिले के पांचों सीबीईओ को दालों का आवंटन कर ठेकेदार से सामंजस्य कर स्कूलों में वितरण सुनिश्चित करने की निर्देश दिए गए हैं। डीईओ की ओर से धौलपुर सीबीईईओ को जनवरी व फरवरी तथा राजाखेड़ा, सैंपऊ, बाड़ी एवं बसेड़ी ब्लॉक के सीबीईओ को जनवरी का आवंटन किया गया है।

एक जनवरी से कन्वर्जन कॉस्ट में कटौती

विभाग की ओर से स्कूलों में दालों का वितरण शुरू होने के बाद मौजूदा कुकिंग कन्वर्जन की दरों को परिवर्तित कर उसमें कटौती की गई है। आगामी एक जनवरी से कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए कुकिंग कनवर्जन की दर 3.50 रुपए प्रति छात्र प्रतिदिन होगी। वहीं कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के लिए यह दर 5.24 रुपए होगी। इससे पहले कक्षा एक से पांच के बच्चों के लिए यह दर 4.13 रुपए तथा कक्षा 6 से 8 के बच्चों के लिए 6.18 रुपए थी। जिसमें मिड-डे-मील निदेशालय ने गुरुवार को 22 व 33 पैसे की बढोत्तरी के आदेश जारी किए हैं। अब नेफैड को दालों की आपूर्ति का भुगतान इसी कुकिंग कनवर्जन राशि में से किए जाने के फैसले के कारण यह परिवर्तन किया है।

गेहूं-चावल पहुंचे, दालों के समय पर आपूर्ति पर संशय

राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा के मुताबिक जिला प्रशासन की उदासीनता एवं पोषाहार सप्लायर की लापरवाही के चलते पिछले चार महीनों से स्कूलों में गेहूं चावल की आपूर्ति नहीं हो रही है। इसके चलते स्कूलों में छात्रों को दोपहर का भोजन नहीं मिल पा रहा है। वहीं दालों के वितरण की प्रक्रिया रहीं तो छात्रों को बिना दाल के भोजन मिलना बंद हो सकता है।

तय मीनू में सप्ताह में चार दिन दाल बनाए जाने का प्रावधान, बाकी दिन सब्जीयुक्त खिचड़ी बनेगी

मिड-डे-मिल योजना में प्रत्येक विद्यालय में तय मीनू में सप्ताह में चार दिन दाल बनाए जाने का प्रावधान है। बुधवार व शुक्रवार को दाल रोटी, मंगलवार को दाल-चावल तथा गुरुवार को दाल तथा सब्जी युक्त चावल की खिचड़ी बनाई जाती है। इसके अलावा प्रतिदिन दूध दिया जाता है। बता दें कि पहले दाल की खरीद विद्यालय के माध्यम से बाजार से होती थी। एक जनवरी से लागू नई व्यवस्था में कक्षा एक से पांच तक के लिए 20 ग्राम दाल प्रति विद्यार्थी तथा कक्षा 6 से आठ के लिए 30 ग्राम दाल प्रति विद्यार्थी प्रतिदिन उपलब्ध कराई जाएगी। स्कूलों में कुल दाल में से 50 प्रतिशत मूंग दाल छिलका सहित 25 प्रतिशत उड़द दाल और 25 प्रतिशत चना दाल वितरित की जाएगी। 

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