भास्कर संवाददाता| श्रीगंगानगर
हाईकोर्ट जोधपुर ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा 2018 के मामले
में एडिशनल विषय करने वाले स्नातक अभ्यर्थियों को राहत दी है। वे
विद्यार्थी, जिन्होंने पहले तीन विषय में स्नातक की। बाद में एडिशनल के रूप
में अंग्रेजी विषय में भी परीक्षा पास की।
इस लिहाज से चार विषयों में
स्नातक करने वाले इन विद्यार्थियों को भी अब काउंसलिंग में शामिल करने के
आदेश जारी किए गए हैं। इस संबंध में सचिव पंचायती राज विभाग, निदेशक
प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर और जिला परिषद श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर,
करौली, भरतपुर, टोंक, भीलवाड़ा और नागौर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
प्रार्थीगणों हनुमानगढ़ जिले के भादरा तहसील के गांव आलायला निवासी विक्रम
सिंह, नुवां निवासी ओम प्रकाश, छानीबड़ी निवासी सत्यवान सिंह द्वारा
हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। शिक्षा विभाग द्वारा 4 सितंबर को आदेश
जारी कर हाईकोर्ट जयपुर बेंच के आदेश का हवाला देते हुए प्रार्थीगणों को
काउंसलिंग से यह कहते हुए बाहर कर दिया था कि उन्होंने अंग्रेजी विषय बाद
में एडिशनल के रूप में पास किया। जबकि हाईकोर्ट जयपुर बेंच द्वारा उक्त
आदेश 2016 की भर्ती प्रक्रिया के मामले में दिया गया था। विभाग द्वारा 2016
की भर्ती का मामला उच्च न्यायालय में लंबित होते हुए भी 2018 की भर्ती में
एडिशनल अंग्रेजी में स्नातक की योग्यता को स्वीकार किये जाने की शर्त रखते
हुए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे।
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती
निदेशक बीकानेर द्वारा 4 सितंबर को जारी किए आदेश पर हाईकोर्ट ने जारी किया स्टे, अफसरों से मांगा जवाब
दस्तावेज सत्यापन और स्कूल आवंटन तक की तिथि घोषित होने के बाद विभाग ने निकाले आदेश
अधिवक्ता इंद्रजीत यादव ने बताया कि तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती
परीक्षा 2018 लेवल द्वितीय के लिए निदेशक द्वारा 31 जुलाई को विज्ञप्ति
जारी कर आवेदन मांगे। चयन के लिए 30 प्रतिशत अंक स्नातक और 70 प्रतिशत अंक
आरटेट/रीट के आधार पर चयन सूची बनाए जाने का प्रावधान रखा गया। विज्ञप्ति
में अंग्रेजी विषय के पद पर चयन में अतिरिक्त योग्यता में स्नातक में
एडिशनल अंग्रेजी के अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया था। मेरिट सूची बनाते
समय स्नातक और एडिशनल अंग्रेजी के अंकों को मिला कर 30 प्रतिशत अंक दिए
जाने थे। प्रार्थीगणों द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने के बाद निदेशक द्वारा 3
सितंबर को कटऑफ जारी करते हुए जिला आवंटन सूची जारी कर दी गयी। इसमें सभी
प्रार्थीगण के आने पर उनको जिला भी आवंटन कर दिया गया। 4 सितंबर को ही
निदेशक द्वारा 8 और 9 सितंबर को दस्तावेज सत्यापन और 15 सितंबर को
काउंसलिंग कर विद्यालय आवंटित किए जाने के आदेश जारी हुए। निदेशक द्वारा 4
सितंबर को ही एक अन्य आदेश जारी कर अंग्रेजी विषय मे चयनित अभ्यर्थियों में
से एडिशनल अंग्रेजी विषय के अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में शामिल नहीं करने
का आदेश जारी करते हुए उनके दस्तावेज सत्यापन में उनकी एडिशनल अंग्रेजी
में स्नातक की योग्यता के प्रमाण पत्रों को स्वीकार नहीं किये जाने के आदेश
जारी कर दिए गए। इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
तर्क ये भी... हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने भी एडिशनल अंग्रेजी को
स्नातक में माना है वैध : राज्य सरकार द्वारा तृतीय श्रेणी से द्वितीय
श्रेणी में पदोन्नति प्रक्रिया में एडिशनल अंग्रेजी स्नातक की योग्यता को
स्वीकार कर पदोन्नति दी जाती है। सरकार द्वारा अभी अतिरिक्त विषयों की
योग्यता को सीधी भर्ती में शामिल किया गया है। अंग्रेजी के अलावा अन्य किसी
भी विषय की अतिरिक्त योग्यता जैसे हिंदी, संस्कृत और सिंधी विषयों के
चयनित अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर नहीं किया गया है। हाईकोर्ट के
आदेश से गठित कमेटी द्वारा भी 12 जून को अपनी रिपोर्ट में एडिशनल अंग्रेजी
में स्नातक की योग्यता को वैध माना गया है।
भास्कर संवाददाता| श्रीगंगानगर
हाईकोर्ट जोधपुर ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा 2018 के मामले
में एडिशनल विषय करने वाले स्नातक अभ्यर्थियों को राहत दी है। वे
विद्यार्थी, जिन्होंने पहले तीन विषय में स्नातक की। बाद में एडिशनल के रूप
में अंग्रेजी विषय में भी परीक्षा पास की। इस लिहाज से चार विषयों में
स्नातक करने वाले इन विद्यार्थियों को भी अब काउंसलिंग में शामिल करने के
आदेश जारी किए गए हैं। इस संबंध में सचिव पंचायती राज विभाग, निदेशक
प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर और जिला परिषद श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर,
करौली, भरतपुर, टोंक, भीलवाड़ा और नागौर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
प्रार्थीगणों हनुमानगढ़ जिले के भादरा तहसील के गांव आलायला निवासी विक्रम
सिंह, नुवां निवासी ओम प्रकाश, छानीबड़ी निवासी सत्यवान सिंह द्वारा
हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। शिक्षा विभाग द्वारा 4 सितंबर को आदेश
जारी कर हाईकोर्ट जयपुर बेंच के आदेश का हवाला देते हुए प्रार्थीगणों को
काउंसलिंग से यह कहते हुए बाहर कर दिया था कि उन्होंने अंग्रेजी विषय बाद
में एडिशनल के रूप में पास किया। जबकि हाईकोर्ट जयपुर बेंच द्वारा उक्त
आदेश 2016 की भर्ती प्रक्रिया के मामले में दिया गया था। विभाग द्वारा 2016
की भर्ती का मामला उच्च न्यायालय में लंबित होते हुए भी 2018 की भर्ती में
एडिशनल अंग्रेजी में स्नातक की योग्यता को स्वीकार किये जाने की शर्त रखते
हुए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे।
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