शिक्षकों को 6 साल से था स्थायीकरण का इंतजार - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

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Wednesday 29 August 2018

शिक्षकों को 6 साल से था स्थायीकरण का इंतजार

विधानसभा चुनाव में 5 महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में राजस्थान की मुख्यमंत्री गौरव यात्रा निकाल रही है। गौरव यात्रा को लेकर वो बुधवार व गुरुवार को पाली जिले के दौरे पर रहेगी। इसको लेकर 2012 की शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षकों को नौकरी करते हुए 6 साल हो गए।
उनका स्थायीकरण नहीं किया जा रहा था। शिक्षक संघ के बैनर तले स्थायीकरण की मांग को लेकर कई बार धरना-प्रदर्शन किया गया। सीएम को ज्ञापन भेजे, मगर स्थायीकरण के आदेश करने में विभागीय अधिकारी आनाकानी कर रहे थे। बुधवार को दो दिवसीय गौरव यात्रा लेकर पाली पहुंच रही सीएम वसुंधराराजे के कार्यक्रम में शिक्षकों के प्रदर्शन करने की आंशका को भांपते हुए जिला परिषद हरकत में आया। सीईओ ने जिला शिक्षा अधिकारी के नाम आदेश कर तत्काल आदेश निकालने के आदेश दिए। शाम तक डीईओ ने स्थायीकरण के आदेश जारी कर दिए।

गौरतलब है कि 2012 में आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती हुए 6 साल हो गए हैं थे। लेकिन अभी तक यह भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी। इसके चलते शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है था। तीन बार संशोधित परिणाम जारी होने के चलते पहले, दूसरे व तीसरे संशोधित परिणाम के बाद कई शिक्षक कटऑफ से बाहर हो गए थे, लेकिन राज्य सरकार ने इनको सेवा से बाहर नहीं किया और इनकी सेवाएं निरंतर जारी रखी। गौरतलब है कि तीनों संशोधित परिणाम के बाद ज्यादातर शिक्षकों का स्थायीकरण कर दिया था, लेकिन जो कटऑफ से बाहर हो गए और सरकार के आदेशों से सेवा में बने हुए उनका जिला परिषद व शिक्षा विभाग की ओर से स्थायीकरण नहीं किया जा रहा है। ऐसे लेवल- 1 व लेवल-2 के 293 शिक्षक हैं, जो अभी भी स्थायी नहीं हुए हैं, जबकि अन्य जिलों में यह प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। इसी 2012 की शिक्षक भर्ती में नियुक्त 1907 शिक्षकों का स्थायीकरण कर दिया गया, लेकिन 293 शिक्षकों को इसे वंचित कर दिया गया।

25 शिक्षक कोर्ट से आदेश लाए तो कर दिया था स्थायीकरण, बाकी का इंतजार : कटऑफ से बाहर होने पर सेवा में यथावत रखने के आदेश के बाद स्थायीकरण की मांग को लेकर 25 शिक्षकों ने कोर्ट की शरण ले ली। कोर्ट ने शिक्षा विभाग व जिला परिषद को इन शिक्षकों के स्थायीकरण करने के आदेश जारी कर दिए। इस पर शिक्षा विभाग और कोर्ट के आदेशों की पालना में 25 शिक्षकों का तो स्थायीकरण कर दिया, लेकिन बाकी शिक्षकों को स्थायीकरण से वंचित कर दिया था।

कई बार धरना-प्रदर्शन किया, ज्ञापन भेजे, अब सीएम की गौरव यात्रा में प्रदर्शन रोकने के लिए आनन-फानन में निकाले आदेश

भास्कर खास : सीईओ ने शिक्षकों ने स्थायीकरण नहीं होने पर संभावित विरोध प्रदर्शन की आशंका को लेकर डीईओ काे दिए थे आदेश, स्पष्ट कहा था कि जल्द ही जारी होना चाहिए स्थायीकरण

खबर का असर

भास्कर में प्रकाशित समाचार

अब 2013, 2015, 2016 की भी शिक्षक भर्ती हो चुकी है, ज्यादातर के स्थायीकरण तक हो गए, वहीं 2012 वाले शिक्षकों को अब भी इंतजार ही करना पड़ रहा है।

भास्कर संवाददाता | पाली

विधानसभा चुनाव में 5 महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में राजस्थान की मुख्यमंत्री गौरव यात्रा निकाल रही है। गौरव यात्रा को लेकर वो बुधवार व गुरुवार को पाली जिले के दौरे पर रहेगी। इसको लेकर 2012 की शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षकों को नौकरी करते हुए 6 साल हो गए। उनका स्थायीकरण नहीं किया जा रहा था। शिक्षक संघ के बैनर तले स्थायीकरण की मांग को लेकर कई बार धरना-प्रदर्शन किया गया। सीएम को ज्ञापन भेजे, मगर स्थायीकरण के आदेश करने में विभागीय अधिकारी आनाकानी कर रहे थे। बुधवार को दो दिवसीय गौरव यात्रा लेकर पाली पहुंच रही सीएम वसुंधराराजे के कार्यक्रम में शिक्षकों के प्रदर्शन करने की आंशका को भांपते हुए जिला परिषद हरकत में आया। सीईओ ने जिला शिक्षा अधिकारी के नाम आदेश कर तत्काल आदेश निकालने के आदेश दिए। शाम तक डीईओ ने स्थायीकरण के आदेश जारी कर दिए।

गौरतलब है कि 2012 में आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती हुए 6 साल हो गए हैं थे। लेकिन अभी तक यह भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी। इसके चलते शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है था। तीन बार संशोधित परिणाम जारी होने के चलते पहले, दूसरे व तीसरे संशोधित परिणाम के बाद कई शिक्षक कटऑफ से बाहर हो गए थे, लेकिन राज्य सरकार ने इनको सेवा से बाहर नहीं किया और इनकी सेवाएं निरंतर जारी रखी। गौरतलब है कि तीनों संशोधित परिणाम के बाद ज्यादातर शिक्षकों का स्थायीकरण कर दिया था, लेकिन जो कटऑफ से बाहर हो गए और सरकार के आदेशों से सेवा में बने हुए उनका जिला परिषद व शिक्षा विभाग की ओर से स्थायीकरण नहीं किया जा रहा है। ऐसे लेवल- 1 व लेवल-2 के 293 शिक्षक हैं, जो अभी भी स्थायी नहीं हुए हैं, जबकि अन्य जिलों में यह प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। इसी 2012 की शिक्षक भर्ती में नियुक्त 1907 शिक्षकों का स्थायीकरण कर दिया गया, लेकिन 293 शिक्षकों को इसे वंचित कर दिया गया।

25 शिक्षक कोर्ट से आदेश लाए तो कर दिया था स्थायीकरण, बाकी का इंतजार : कटऑफ से बाहर होने पर सेवा में यथावत रखने के आदेश के बाद स्थायीकरण की मांग को लेकर 25 शिक्षकों ने कोर्ट की शरण ले ली। कोर्ट ने शिक्षा विभाग व जिला परिषद को इन शिक्षकों के स्थायीकरण करने के आदेश जारी कर दिए। इस पर शिक्षा विभाग और कोर्ट के आदेशों की पालना में 25 शिक्षकों का तो स्थायीकरण कर दिया, लेकिन बाकी शिक्षकों को स्थायीकरण से वंचित कर दिया था।

अब विषय वार इतने शिक्षकों को स्थायीकरण का था इंतजार

लेवल 1 के कितने पद - 22

लेवल -2 के किस विषय में कितने शिक्षकों को स्थायीकरण का इंतजार

सामाजिक विज्ञान- 125

अंग्रेजी -17

हिंदी - 61

गणित - 34

संस्कृत - 32

उर्दू - 02

भारी अनियमितताएं हुई थीं पूरी भर्ती में, दैनिक भास्कर ने किया खुलासा

2012 की शिक्षक भर्ती में जिला परिषद व शिक्षा विभाग ने मनमानी से कई नियमों को ताक पर रख दिया। अधिक अंक होने के बाद व कोर्ट के आदेश के बाद भी कई अभ्यर्थियों को नियुक्ति तक नहीं दी। अधिक अंक वाले अभी भी भर्ती से बाहर हैं तो कम अंक वाले सरकारी नौकरी कर रहे हैं। गौरतलब है कि 2012 में जिला परिषदों के माध्यम से आयोजित हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरटेट में अयोग्य होने के बाद भी कई अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी है। इसके बाद वे अब तक नौकरी कर रहे हैं। सरकार द्वारा आरटेट को लेकर आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद यह अभ्यर्थी भर्ती से अयोग्य हैं। आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना में यह खुलासा हुआ था। भर्ती में बड़े स्तर पर अनियमितताएं हुई थीं। “दैनिक भास्कर’ ने इस मामले का पूरा खुलासा किया तो मामले की जांच भी हुई थी।

शिक्षकों के सेवा होने के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से स्थायीकरण नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान शिक्षक विरोध करने जा रहे थे। लेकिन इससे पहले ही सीईओ व डीईओ दोनों ने शिक्षकों के स्थायीकरण के आदेश जारी कर दिए। इससे शिक्षकों में खुशी का माहौल है। इसको लेकर कई बार शिक्षा विभाग व जिला परिषद के अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं थी। लेकिन अब स्थायीकरण के आदेश जारी हो गए। - अमरजीतसिंह राठौड़, उपाध्यक्ष, शिक्षक संघ राष्ट्रीय

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