तीन बार संशोधित परिणाम जारी होने के चलते पहले, दूसरे व तीसरे संशोधित परिणाम के बाद कई शिक्षक कटऑफ से बाहर हो गए थे, लेकिन राज्य सरकार ने इनको सेवा से बाहर नहीं किया और इनकी सेवाएं निरंतर जारी रखी। गौरतलब है कि तीनों संशोधित परिणाम के बाद ज्यादातर शिक्षकों का स्थायीकरण कर दिया था, लेकिन जो कटऑफ से बाहर हो गए और सरकार के आदेशों से सेवा में बने हुए उनका जिला परिषद व शिक्षा विभाग की ओर से स्थायीकरण नहीं किया जा रहा है। ऐसे लेवल- 1 व लेवल-2 के 293 शिक्षक हैं, जो अभी भी स्थायी नहीं हुए हैं, जबकि अन्य जिलों में यह प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। इसी 2012 की शिक्षक भर्ती में नियुक्त 1907 शिक्षकों का स्थायीकरण कर दिया गया, लेकिन 293 शिक्षकों को इसे वंचित कर दिया गया।
भास्कर खास
विषयवार इतने शिक्षकों को स्थायीकरण का इंतजार
लेवल 1 के कितने पद - 22
लेवल -2 के किस विषय में कितने शिक्षकों को स्थायीकरण का इंतजार
सामाजिक विज्ञान - 125
अंग्रेजी - 17
हिंदी - 61
गणित - 34
संस्कृत - 32
उर्दू - 02
इसके बाद 2013, 2015, 2016 को भर्ती में ज्वाइन करने वाले शिक्षकों का भी स्थायीकरण हो गया
भारी अनियमितताएं हुई थीं पूरी भर्ती में, दैनिक भास्कर ने किया था खुलासा
2012 की शिक्षक भर्ती में जिला परिषद व शिक्षा विभाग ने मनमानी से कई नियमों को ताक पर रख दिया। अधिक अंक होने के बाद व कोर्ट के आदेश के बाद भी कई अभ्यर्थियों को नियुक्ति तक नहीं दी। अधिक अंक वाले अभी भी भर्ती से बाहर हैं तो कम अंक वाले सरकारी नौकरी कर रहे हैं। गौरतलब है कि 2012 में जिला परिषदों के माध्यम से आयोजित हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरटेट में अयोग्य होने के बाद भी कई अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी है। इसके बाद वे अब तक नौकरी कर रहे हैं। सरकार द्वारा आरटेट को लेकर आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद यह अभ्यर्थी भर्ती से अयोग्य हैं। आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना में यह खुलासा हुआ था। भर्ती में बड़े स्तर पर अनियमितताएं हुई थीं। “दैनिक भास्कर’ ने इस मामले का पूरा खुलासा किया तो मामले की जांच भी हुई थी।
25 शिक्षक कोर्ट से आदेश लाए तो कर दिया स्थायीकरण, बाकी की सुनवाई नहीं
कटऑफ से बाहर होने पर सेवा में यथावत रखने के आदेश के बाद स्थायीकरण की मांग को लेकर 25 शिक्षकों ने कोर्ट की शरण ले ली। कोर्ट ने शिक्षा विभाग व जिला परिषद को इन शिक्षकों के स्थायीकरण करने के आदेश जारी कर दिए। इस पर शिक्षा विभाग और कोर्ट के आदेशों की पालना में 25 शिक्षकों का तो स्थायीकरण कर दिया, लेकिन बाकी शिक्षकों को स्थायीकरण से वंचित कर दिया।
शिक्षकों के सेवा होने के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से स्थायीकरण नहीं किया जा रहा है। इसके चलते शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर कई बार शिक्षा विभाग व जिला परिषद के अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षक संघ इसको लेकर आंदोलन करेगा। - अमरजीतसिंह राठौड़, उपाध्यक्ष, शिक्षक संघ राष्ट्रीय
संशोधित परिणाम जारी होने के चलते यह समस्या आई है। हमने 1907 शिक्षकों को स्थायीकरण कर दिया है। साथ ही शेष रहे शिक्षकों को भी सप्ताह भर के अंदर स्थायीकरण कर दिया जाएगा। - विनोद कुमार शर्मा, डीईओ प्रारंभिक
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